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शिक्षक पात्रता परीक्षा के अभ्यर्थियों ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन

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Published : Aug 29, 2020, 1:39 AM IST

मध्यप्रदेश शिक्षक भर्ती के रिजल्ट को आए हुए पूरा 1 साल हो गया है. लेकिन सरकार ने अभी तक चयनित अभ्यार्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई है, जिसके कारण अभ्यर्थियों में बेहद रोष है. मुरैना सहित प्रदेश भर में शुक्रवार को राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम से चयनित अभ्यर्थियों ने ज्ञापन सौंपा है.

शिक्षक पात्रता परीक्षा के अभ्यर्थियों ने सीएम के नाम सौप ज्ञापन
शिक्षक पात्रता परीक्षा के अभ्यर्थियों ने सीएम के नाम सौप ज्ञापन

मुरैना। मध्यप्रदेश शिक्षक भर्ती के रिजल्ट को आए हुए पूरा 1 साल हो गया है. लेकिन सरकार के द्वारा अभी तक चयनित अभ्यार्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई है, जिसके कारण अभ्यर्थियों में बेहद रोष है. मुरैना सहित प्रदेश भर में आज राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम से चयनित अभ्यर्थियों ने ज्ञापन सौंपा है, जिसमें बताया की एक और प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत व नवीन शैक्षणिक नीति को देश में लागू करना चाहते हैं, जिससे भारत के छात्रों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्राप्त हो. इसके लिए मुख्य रूप से आवश्यक है कि स्कूल में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाए है, लेकिन वर्तमान में मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा लगभग दो वर्ष पूरे होने पर भी आज दिनांक तक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है. राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन में अभ्यर्थियों के द्वारा तत्काल वेरिफिकेशन शुरू कर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की मांग रखी गई है.

सितंबर 2018 में स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग दोनों में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक की कुल 30,594 पदों पर पात्रता परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी किया गया. दोनों विभागों में एक ही पात्रता परीक्षा द्वारा भर्ती करवाई जाना तय था. उच्च माध्यमिक शिक्षक और माध्यमिक शिक्षकों के लिए ऑनलाइन पात्रता परीक्षा कार्यक्रम दिसंबर 2018 में प्रस्तावित था, लेकिन विधानसभा चुनाव का बहाना लेकर इनको तीन महीने टालते हुए फरवरी और मार्च में करवाया गया. जिसको करवाने के लिए अभ्यर्थियों को हर जिले में ज्ञापन और धरना प्रदर्शन करना पड़ा था.

ऑनलाइन पात्रता परीक्षा आयोजित होने के बाद मई 2019 में लोकसभा चुनाव में लगी आचार संहिता का बहाना लेकर परीक्षा परिणाम बनाने पर काम शुरू नहीं किया गया, जून से परीक्षा परिणाम बनाने पर काम शुरू किया गया, लेकिन विडंबना देखिए कि ऑनलाइन परीक्षा करवाने के बावजूद फरवरी में हुई उच्च माध्यमिक शिक्षक की परीक्षा का परिणाम 28 अगस्त 2019 को जारी किया गया, ठीक इसी प्रकार मार्च में संपन्न हुई माध्यमिक शिक्षक की परीक्षा कर परिणाम 26 अक्टूबर 2019 को जारी किया गया, दोनों ही परीक्षाओं का परिणाम जारी करवाने लिए मध्यप्रदेश में अभ्यर्थियों को व्यापक स्तर पर ज्ञापन, धरना प्रदर्शन करना पड़ा, यहाँ तक कि लेट लतीफी के खिलाफ हाई कोर्ट में रिट पिटीशन भी दायर करनी पड़ी थी.

पात्रता परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद उम्मीद थी कि तुरंत दोनों विभागों द्वारा भर्ती का विज्ञापन और विषयवार पद जारी किए जाएंगे, लेकिन ढीला ढाला मौज मस्ती वाला रवैय्या अपनाते हुए तीन महीने बाद शिक्षा विभाग उच्च माध्यमिक शिक्षक और माध्यमिक शिक्षकों के लिए विज्ञापन और विषयवार पद की जानकारी जनवरी 2020 में जारी करता है, एक महीने बाद फरवरी 2020 में मेरिट और वेटिंग लिस्ट जारी की जाती है, उसके बाद मार्च 2020 में अभ्यर्थियों दस्तावेज सत्यापन का जिला पूछते हुए दस्तावेज अपलोड करवाये जाते हैं, जिनका सत्यापन अप्रैल 2020 में करवाना सुनिश्चित किया गया था, लेकिन लॉकडाउन लगने के कारण इसको तीन महीने अप्रैल, मई, जून के लिए रोक दिया गया.

जून 2020 में अभ्यर्थियों को फिर से अपने पसंद का जिला दस्तावेज सत्यापन हेतु चुनने का मौका दिया गया ताकि जो जिस जिले में है वहाँ दस्तावेज सत्यापन करवा सके, 1 जुलाई से 3 जुलाई तक दस्तावेज सत्यापन हुआ जिसमें करीब आधे अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन पूरा हो गया, जिसमें नौकरी चाहने वाले अभ्यर्थियों की उपस्थिति शत प्रतिशत रही, लेकिन अचानक 4 जुलाई को परिवहन के बहाने को आगे करते हुए विभाग ने दस्तावेज सत्यापन रोक दिया. अब पूरी जुलाई में विभाग के अधिकारियों और नए शिक्षा मंत्री महोदय से ज्ञापन इत्यादि के साथ संपर्क करने पर बताया गया है कि कुछ नियमों में नई सरकार परिवर्तन करेगी फिर दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

सत्यापन बंद होने की तिथि से लगातार सोशल मीडिया के फेसबुक अकाउंट पर मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री जनसंपर्क मंत्री और शिक्षा विभाग डीपीआई जैसे ही अपनी योजनाओं को लेकर लाइव आते हैं तत्काल चयनित शिक्षक अपनी आवाज कमेंट के रूप में व्यक्त करते हैं साथ ही प्रति रविवार ट्विटर के माध्यम से ट्रेंड करा कर अपनी आवाज को उठाते हैं ताकि सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइन का पालन बना रहे और शिक्षक भर्ती का मुद्दा संज्ञान में रहे.

8 प्रशासन की दमनकारी नीति तानाशाह पूर्ण रवैया से व्यथित होकर 14 अगस्त को समस्त चयनित अभ्यर्थियों के द्वारा माननीय राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई गई पर ना तो राज्यपाल महोदय द्वारा या किसी अन्य नेताओं पदाधिकारियों द्वारा चयनित अभ्यर्थियों की खबर ली गई. हमारी मांग है कि शेष सत्यापन, फाइनल मेरिट, स्कूल अलॉटमेंट और जॉइनिंग का शेड्यूल जारी किया जाए तथा सितम्बर में सारी प्रक्रिया को पूर्ण करवाते हुए जॉइनिंग दी जाए. आगामी 5 सितंबर पर हम समस्त चयनित शिक्षक शिक्षक दिवस के दिन शिक्षक दिवस को काला दिवस मनाते हुए शिक्षक दिवस का बहिष्कार करेंगे.

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