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Morena Duplicate Mawa फैक्ट्री पर खाद्य विभाग टीम का छापा, जाने कैसे तैयार होता है नकली मावा

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Published : Dec 1, 2022, 12:10 PM IST

इंसान लालच के चक्कर में इंसान की जान से ही खिलवाड़ करने लगता है. नकली मावे का धंधा बड़े शोर से मध्यप्रदेश, खासकर भिंड-मुरैरा में चलता रहता है. यहां छापेमारी होती है, लोग पकड़े भी जाते हैं, लेकिन इसके बाद भी यह गोरखधंधा बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा. ताजा कार्रवाई मुरैना खाद्य विभाग की टीम ने की है. यहां सिंथेटिक मावा बनाने के आरोप में दूध डेयरी संचालक के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है. (Food department team raid on duplicate mawa factory)

morena duplicate mawa
नकली मावा फैक्ट्री पर खाद्य विभाग टीम का छापा

मुरैना। दूध से क्रीम निकालकर सपरेटा में रिफाइंड और अन्य पदार्थ मिलाकर सिंथेटिक मावा बनाने वाली डेयरी पर जतावर गांव में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई की. इस दौरान वहां तैयार हो रहे सिंथेटिक मावा सहित अन्य उत्पाद भी मिले. जिनके सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब भेजे गए. वहीं दूध डेयरी संचालक के विरुद्ध सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई गई है. (Morena duplicate mawa)

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सरपेटा दूध और रिफाइंड से बनाता था मावा

सरपेटा दूध और रिफाइंड से बनाता था मावाः खाद्य सुरक्षा अधिकारी धर्मेंद्र जैन के अनुसार मावा में मिलावट की सूचना मिलने पर टीम के साथ जतावर गांव में मावा फैक्ट्री पर कार्रवाई के लिए पहुंचे. मौके पर फैक्ट्री संचालक नीरपाल सिंह बघेल उपस्थित था. वहां निरीक्षण करने पर मौके से एक ब्वाइलर और 3 मावा की भट्टी पाई गई. जिसमें से दो पर कढ़ाई में मावा बनता हुआ पाया गया. संचालक नीरपाल सिंह बघेल से रिफाइंड व वनस्पति के बारे में पूछने पर उसने बताया कि वह दूध से क्रीम निकालकर क्रीम से घी बनाता है. इसके बाद बचे हुये सपरेटा दूध में रिफाइंड व वनस्पति मिलाकर मावा तैयार कर मानव उपभोग हेतु विक्रय करता है. (Sarpeta used to make mawa from milk and refined)

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सभी सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गएः मौके से संचालक नीरपाल सिंह बघेल से बाद सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत जांच हेतु मावा, घी, सपरेटा दूध, रिफाइंड, पॉम ऑइल व वनस्पति घी सहित कुल पांच नमूने लिए गए. नमूना कार्यवाही पश्चात शेष बचे रिफाइं पॉम ऑइल व वनस्पती घी को बाद सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत नियमानुसार जब्त कर संचालक की सुरक्षित अभिरक्षा में दिया गया. परिसर में पाए गए रिफाइंड ऑइल व वनस्पति घी से प्रथम दृष्ट्या यह प्रतीत होता है कि संचालक नीरपाल सिंह बघेल मिलावटी मावा तैयार कर अनैतिक आर्थिक लाभ कमाने के उद्देश्य से धोखाधड़ी कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सभी मटेरियल के सैंपल लेकर जांच के लिए भोपाल भेजे हैं. वहीं सिविल लाइन थाने में लिखित आवेदन देकर आरोपी डेयरी संचालक नृपाल सिंह के विरुद्ध धोखाधड़ी की FIR भी दर्ज कराई है. (All samples were sent to bhopal for investigation) (Fir lodged against factory operator)

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सभी सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए

डेयरी पर ये सामाग्री मिलीः फैक्ट्री पर एक ड्रम में लगभग 70 लीटर गर्म सपरेटा दूध, एक टीन में लगभग 5 लीटर रिफाइंड पॉम ऑइल व एक क्रीम सेपरेटर मशीन पायी गयी. एक कमरे में लगभग 60 किग्रा. मावा, 20 किग्रा मिल्क क्रीम, 10 किग्रा घी, एक खुली टीन में 11 लीटर वनस्पति घी और एक अन्य टीन में 12 लीटर रिफाइइंड पॉम ऑइल रखा पाया गया. खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारीयों ने संचालक से पूछताछ की तो नीरपाल सिंह ने बताया कि मैं दूध से क्रीम निकालने के बाद उससे घी बनाकर बाजार में बेच देता हूं. वहीं जो सपरेटा दूध बचता है, उसमें रिफाइंड, वनस्पति घी व अन्य सामान मिलाकर मावा बना देता हूं. जिसकी बाजार में अच्छी कीमत मिलती है. (Fir lodged against factory operator)

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