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चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से बिगड़ने लगे हालात, सेना को किया गया तैनात

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Published : Sep 16, 2019, 12:38 PM IST

प्रदेश सहित राजस्थान में हो रही लगातार बारिश के चलते चंबल नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिससे क्षेत्र में बाढ़ के हालात निर्मित हो रहे हैं. स्थिति पर काबू पाने के लिए जिले में सेना की तैनाती कर दी गई है.
चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से बिगड़ने लगे हालात

मुरैना। कोटा बैराज और गांधी सागर बांध में जलस्तर बढ़ने से चंबल नदी में पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते चंबल नदी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है. कोटा में हालत बिगड़ते जा रहे हैं. मुरैना में भी 11 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं. हालात बिगड़ता देख जिले के 90 गांवों में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं बाढ़ की स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए जिले में सेना तैनात कर दी गई है.

चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से बिगड़ने लगे हालात

चंबल क्षेत्र में बाढ़ के हालात बन रहे हैं, जिसे लेकर सेना की एक टुकड़ी ने मोर्चा संभाल लिया है. जिसमें सेना के 5 अधिकारी सहित 64 जवान शामिल हैं. सेना को तीन भागों में अलग-अलग जगहों पर तैनात किया गया है. मुरैना एएसपी का कहना है कि जरूरत पड़ने पर और भी जवानों को तैनात किया जाएगा.

वहीं सेना के अलावा आपदा प्रबंधन की टीम जिले में पहले से ही मुस्तैद है. राजस्थान में हो रही लगातार बारिश के चलते हालात भी बिगड़ने की संभावना बनी हुई है. 23 सालों बाद चंबल नदी में इस तरह बाढ़ के हालात बने हैं.

Intro:एंकर - मुरैना जिले के चंबल से लगे हुए 11 से अधिक गांव में हालत चिंताजनक बनी हुई है। कोटा बैराज और गांधी सागर बांध में जलस्तर बढ़ने के कारण चंबल में पानी छोड़ा जा रहा है जिसके चलते चंबल में पानी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रहा है। कोटा में भी हालत खराब है उसी तरह मुरैना में भी 11 से अधिक गांव पानी की चपेट में है। जिले के 90 गांव में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया गया है अब हालत अधिक बिगड़ने पर सेना को तैनात किया गया है।


Body:वीओ - 64 जवान और 5 अधिकारियों के साथ सेना तीन भागों में अलग-अलग जगहों पर तैनात की गई है। आगे भी जरूरत पड़ी तो और भी जगहों पर सेना को भेजा जाएगा सेना के अलावा आपदा प्रबंधन की टीम पहले से ही मुस्तैद है। जिस तरह से लगातार राजस्थान के इलाकों में पानी गिर रहा है आगे हालत और भी बिगड़ने की संभावना बनी हुई है। मुरैना के इतिहास में इस तरह चंबल नदी में उफान लगभग 23 सालों बाद आया है पर इस बार पहले से भी अधिक हालत खराब है।




Conclusion:बाइट - आसुतोष बागरी - एएसपी मुरैना।
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