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कान्हा टाइगर रिजर्व में हुआ जंगली हाथी का रेस्क्यू, किसली बाड़े हाथी कैंप में किया जाएगा पालन

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Published : Dec 7, 2020, 10:38 AM IST

Updated : Dec 7, 2020, 1:25 PM IST

जबलपुर के बरगी में  करंट लगने से साथी के मौत के बाद जंगली आक्रमक हो गया था. जिसका कान्हा टाइगर रिजर्व के परसाटोला रेस्क्यू किया गया है. सोमवार को परीक्षण कर हाथी को किसली परिक्षेत्र के हाथी कैंप किसली बाड़े (क्राॅल) में रखने की कार्रवाई की जाऐगी.

Elephant rescue
हाथी का रेस्क्यू

मंडला। उड़ीसा से चल कर छत्तीसगढ़ होते हुए मंडला पहुंचे दो जंगली हाथी जिले के साथ ही सिवनी और नरसिंहपुर में लगातार उत्पात मचा रहे थे. इन में से एक की मौत पहले ही हो चुकी है. दूसरा हाथी जिसका नाम राम है उसे रविवार को कान्हा टाइगर रिजर्व के परसाटोला से रेस्क्यू किया गया है. रविवार को छह हाथियों की मदद से 'राम' (हाथी )को ट्रैस किया गया था. इसके बाद ट्रेंक्यूलाइज कर उसके पैरों को जंजीर से बांध गया. सोमवार को परीक्षण कर हाथी को किसली परिक्षेत्र के हाथी कैंप किसली बाड़े (क्राॅल) में रखने की कार्रवाई की जाएगी.

हाथी का रेस्क्यू

27 नवंबर को जबलपुर के बरगी में एक हाथी की करंट लगने से मौत हो गई थी. तब से दूसरे हाथी की सुरक्षा और जान-माल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे पकड़ने के निर्देश प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा दिया गया था. साथी के मौत के बाद हाथी (राम) जबलपुर से मंडला जिले के वनक्षेत्र से गुजरते हुए 3 दिसंबर को कान्हा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में देखा गया था. जिसके बाद वन विभाग की टीम लगातार हाथी पर नजर बनाए हुए थे.

4 दिसंबर को हाथी की उपस्थिती कान्हा टायगर रिजर्व के परिक्षेत्र के परसाटोला वनक्षेत्र में पाया गया. इस पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी, लेकिन प्रत्यक्ष दर्शन न होने से इसको पकड़ने की कार्रवाई नहीं हो पा रही थी. 6 दिसम्बर को फिर उसी क्षेत्र में हाथी के पगमार्क पाये जाने पर 6 विभागीय हाथियों की सहायता से वनक्षेत्र में खोजबीन की गयी. जिसके बाद 11 बजे जंगली हाथी की उपस्थिति प्रत्यक्ष रूप से परसाटोला के वनक्षेत्र में सुनिश्चित होने के बाद 3.30 बजे छह हाथियों की मदद राम (हाथी) का रेस्क्यू किया गया. इस दौरान वन्यप्राणी चिकित्सक डाॅ. संदीप अग्रवाल और डाॅ. अखिलेश मिश्रा मौजूद रहे.

क्या था पूरा मामला ?
दरअसल, ओडिशा के जंगल से भटककर अप्रैल में 20 हाथियों का झुंड कान्हा नेशनल पार्क में आया था. यहां से सिवनी के रास्ते से हाथी निकल कर मंडला के जंगल में सितंबर माह में पहुंचे थे, जो दो महीने तक वहीं रहे. इसके बाद दोनों हाथी जबलपुर की ओर निकल गए, जबकि अन्य हाथी वापस ओडिशा की तरफ लौट गए. जिसके दोनों हाथियों ने शहर के बरेला क्षेत्र में प्रवेश किया था, जो बरगी और मंगेली में दिखे थे. जिनमें से एक हाथी की जबलपुर के बरगी क्षेत्र में करंट लगने से मौत हो गई थी. वहीं दूसरा हाथी जंगलों के रास्ते मंडला जिले के वनपरिक्षेत्र बीजाडांडी के पौड़ीनगरार गांव के पास पहुंचा था.

वन विभाग को लीगल नोटिस

जबलपुर में बरगी के मोहस गांव में करंट से हाथी की मौत के मामले में नागरिक उपभोक्ता मंच ने वन विभाग के प्रमुख सचिव को लीगल नोटिस दिया गया था. नागरिक उपभोक्ता मंच ने अपने लीगल नोटिस में कहा है कि एनजीटी के आदेश के मद्देनजर, हाथी की मौत के लिए जिम्मेदार अफसरों से पर्यावरण मुआवजा वसूला जाए. साथ ही लीगल नोटिस में प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के आस पास घूम रहे जंगली हाथी को सुरक्षा दिए जाने की मांग की गई थी.

Last Updated : Dec 7, 2020, 1:25 PM IST
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