ETV Bharat / state

20 वर्ष बाद पितृ मोक्ष अमावस्या के दिन बना शनि अमावस्या का संयोग, नर्मदा के प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़

author img

By

Published : Sep 28, 2019, 11:19 PM IST

नर्मदा के प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़

पितृ मोक्ष अमावस्या पर ओंमकारेश्वर के नर्मदा घाटों पर सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ जुटी. जहां लोगों ने अपने पितरों का तर्पण कर उन्हें याद किया.

खंडवा। पितृ मोक्ष अमावस्या पर ओंकारेश्वर के नर्मदा घाटों पर सुबह से ही लोगों को भारी भीड़ जुटी. इस दौरान गौमुख घाट, नागर घाट, अभय घाट, और संगम घाट पर श्रद्धालुओं का जमावडा देखा गया. यहां शुक्रवार रात्रि से ही तांत्रिक क्रियाओं का दौर प्रारंभ हो गया था, जो शनिवार दिनभर चलता रहा. इस दौरान पिंडदान, तर्पण के साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराकर पितरों की शांति की कामना कर घर-परिवार में सुख-समृद्धि प्रदान करने की प्रार्थना की गई.

नर्मदा के प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़

शनिश्चरी अमावस्या को ज्ञात-अज्ञात सभी पितरों का तर्पण किया जाता है. इस दिन लोग अपने भूले-भटके पितरों के नाम पर विभिन्न कर्मकांड करते हैं. मान्यता के अनुसार पिछले 16 दिनों में पितृ यमलोक से धरती पर आए हुए थे जो आज शनिश्चरी अमावस्या पर यमलोक को विदा होंगे.

ज्योतिषियों के अनुसार 20 वर्ष बाद पितृ विसर्जनी के दिन शनिश्चरी अमावस्या का संयोग बना है. अमावस्या पर जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु की तिथि याद नहीं होती और भूले-भटके पितरों के निमित्त कर्मकांड करें

Intro:खंडवा - सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु नर्मदा स्नान के लिये शुक्रवार से ही ओंकारेश्वर पंहुचने का सिलसिला चालु हो गया था. स्थानीय गौमुख घाट,नागर घाट,अभय घाट,संगम घाट पर श्रद्धालुओं का जमावडा देखा गया. यहां शुक्रवार रात्रि से ही तांत्रिक क्रियाओं का दौर प्रारंभ कर दिया था जो शनिवार दिनभर चलता रहा.

Body:यह दिन महज श्राद्धपक्ष पूर्ण होने का ही दिन नहीं अपितु जिन पितरों की तिथि की जानकारी नहीं है या जो पितर ज्ञात अज्ञात हों उनको तर्पण करने का भी दिन है. शनिवार को शनिश्चरी अमावस्या लोग अपने भूले-भटके पितरों के निमित्त विभिन्न कर्मकांड संपन्न कराएंगे। पिंडदान, तर्पण के साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराकर पितरों की शांति की कामना कर घर-परिवार में सुख-समृद्धि प्रदान करने की प्रार्थना की गई। पिछले 16 दिनों से पितृ यमलोक से धरती पर आए हुए थे और आज सर्वपितृ अमावस्या पर विधि-विधान के साथ पितरों को यमलोक के लिए विदा किया। तथा बाहर बाधाओं से मुक्ति पाने के लिये तांत्रिक क्रियाओं का दौर शुक्रवार रात्रि से लेकर शनिवार दिनभर प्रमुख घाटों पर चलता रहा।

Conclusion:ज्योतिषीयों अनुसार 20 वर्ष बाद पितृ विसर्जनी के दिन शनिश्चरी अमावस्या का संयोग बना है। अमावस्या पर जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु की तिथि याद नहीं होती और भूले-भटके पितरों के निमित्त कर्मकांड करें। पितृ विसर्जनी अमावस्या पर 16 दिनों से धरती पर विराजमान पितृ यमलोक के लिए प्रस्थान करेंगे।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.