ETV Bharat / state

भारत-जापान के संयुक्त कौशल विकास कार्यक्रम का असर, गांव के युवक को जापान में मिला रोजगार

author img

By

Published : Nov 6, 2020, 4:17 PM IST

Updated : Nov 6, 2020, 4:22 PM IST

Technical intern training program
टेक्निकल इंटर्न ट्रेनिंग प्रोग्राम

भारत-जापान संयुक्त कौशल विकास कार्यक्रम के तहत खंडवा के आरूद गांव निवासी श्याम पटेल को जापान में रोजगार का मौका मिल रहा है. इसके लिए उन्हें 6 महीने की ट्रेनिंग दी गई है.

खंडवा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 2014 में देश के युवाओं को स्किल इंडिया का मंत्र दिया था. इस नारे के साथ ही युवा वर्ग अपनी स्किल अपने हुनर को रोजगार में तलाश करने लगा और देश के सैकड़ों नौजवानों को रोजागर का बेहतर अवसर भारत सरकार के कौशल विकास कार्यक्रम से मिला. वहीं 2017 में भारत जापान के बीच हुआ समझौते में भारत के जुझारू काम के कर्मठ युवाओं को जापान में रोजागर का सुनहरा मौका दिया गया. जिसका लाभ देश के कई युवाओं ने उठाया उनमें अब खंडवा के श्याम पटेल का नाम भी जुड़ गया हैं.

गांव के युवक को जापान में मिला रोजगार

जापान में रोजगार के अवसर

जिले के आरूद गांव के रहने वाले श्याम पटेल को जापान में रोजगार का अवसर मिला है. ये मौका भारत-जापान के बीच नेशनल स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम को लेकर साल 2017 में हुए करार से मिला है. जिसके अंतर्गत युवा हुनरमंद कामगारों की कमी से जूझ रहा जापान भारत के युवाओं को अपने यहां रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगा. इसके लिए, पहले युवाओं को प्रशिक्षण और औद्योगिक वातावरण के अनुरुप ढाला जाता हैं. भारत सरकार ने देशभर में ऐसी अनेकों संस्थाओं को मान्यता दी हैं. जो 10 पास या आईटीआई पास युवाओं का चयन करके उन्हें प्रशिक्षण दे रहीं हैं. इसके बाद उन्हें जापान की औद्योगिक क्षेत्र में रोजागर मिलना आसान हो जाता हैं.

भाषा भी सिखाई जाती है

जापान में काम करने से पहले युवाओं में स्थानीय भाषा की जरूरी समझ आवश्यक हो जाती हैं. जिसके चलते प्रशिक्षण में भाषा पर काम किया जाता हैं. श्याम पटेल का कहना हैं कि वे खेती और कारपेंटर का काम करते थे. उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं हैं. उन्होंने लोहिया कॉर्पोरेशन का नाम सुना और इसके बाद उन्होंने सेमिनार में भाग लिया. उन्होंने इसमें रूचि दिखाई और उनका चयन 6 महीने के प्रशिक्षण के लिए कानपुर में हो गया.

6 महीने की होती है ट्रेनिंग

6 महीने के प्रशिक्षण के दौरान व्यक्ति में सकारात्मकता और दृढ़ इच्छाशक्ति देखी जाती है, साथ ही युवा को हर कठिन परिस्थिति अनुरूप ढलना सिखाया जाता है और हर स्थिति परिस्थिति से लड़ना सिखाया जाता है. इसी क्षमता के आधार पर श्याम पटेल का चयन किया गया था. वहीं प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अब जाकर श्याम को जापान की एक औद्योगिक इकाई में रोजगार का अवसर मिला है. जहां श्याम भारतीय रुपयों के अनुसार लगभग 1 लाख रूपए से ऊपर की तनख्वाह पर नौकरी कर सकते हैं. लोहिया कॉर्पोरेशन के अनुसार श्याम 35-40 हजार रूपये अपने घर भी भेज सकते हैं. श्याम पटेल कहते हैं कि 6 महीने के प्रशिक्षण में सामान्य पढ़ाई के साथ साथ भाषा और वहां का कल्चर भी सीखने को मिलता हैं.

मेहनती युवाओं को मिलेगा मौका

लोहिया कॉर्पोरेशन के इंटर्न रोहित सिंह ने कहा श्याम पटेल मध्यप्रदेश के पहले युवा हैं. इससे पहले देश के कई राज्यों के युवा जापान जाकर अच्छा खासा रोजागर प्राप्त कर चुके हैं. श्याम के जैसे और भी युवा जो कुछ नया करना चाहते हैं. जापान में अच्छा रोजगार प्राप्त करना चाहते हैं. तो लोहिया कार्पोरेशन एक अच्छा प्लेटफार्म हैं. जहां एक युवा में काम के प्रति लगन और ईमानदारी देखी जाती हैं. युवा खुद के प्रति मोटिवेट हो. ताकि वे अपने कार्य को बेहतर तरीके से कर सके.

3 साल काम करने के बाद भारत में ही रोजगार का बेहतर मौका

लोहिया कॉर्पोरेशन के इंटर्न रोहित सिंह ने बताया कि किसी भी युवा के पास जापान में 3 साल काम करने के बाद एक मौका होता है कि वह भारत में ही आकर जापान की कई अन्य कंपनियों में काम कर सकता है. 3 साल जापान में काम करने से उसकी कार्यशैली में बेहतर परिवर्तन आता है. जिससे वह कार्य कुशल हो जाता है. जिसके लिए भारत में जापानी कंपनियां उनका खुले मन से स्वागत करती हैं. ऐसे में युवाओं के बाद पास 3 साल के बाद अपने देश में ही काम करने का भी अवसर होता है.

इस पहल से जुड़ सकते हैं युवा

श्याम पटेल जैसे हजारों युवा है जो अच्छे रोजगार की तलाश कर रहे हैं. ऐसे में उन युवाओं के लिए यह एक सुनहरा अवसर है. जो भारत से बाहर जापान में जाकर काम करना चाहते हैं और अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं. ऐसे युवा भारत और जापान के इस संयुक्त कौशल विकास कार्यक्रम से जुड़कर अपना भविष्य संवार सकते हैं. इसके लिए वे भारत सरकार से मान्यता प्राप्त किसी भी संस्था से प्रशिक्षण लेकर जापान में रोजगार के अपने सपने को पूरा सकते हैं.

करीब 30 हजार लोग बनेंगे दक्ष

2017 में हुए समझौते के बाद टेक्निकल इंटर्न ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत अगले दस वर्षो में भारत के 30,000 लोगों को जापानी शैली के मैन्यूफैक्चरिंग कौशल और व्यवहारों में दक्ष बनाया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच मैन्यूफैक्चरिंग स्किल ट्रांसफर प्रोग्राम के तहत कौशल विकास पर सहयोग को लेकर सहमति बनी थी.

Last Updated :Nov 6, 2020, 4:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.