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Guru Purnima 2021: श्रीधूनीवाले दादाजी के दरबार तक नहीं पहुंच पाएंगे श्रद्धालु, प्रशासन ने तीन दिन तक जिले की सीमाएं की सील

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Published : Jul 23, 2021, 6:02 AM IST

Updated : Jul 23, 2021, 6:51 AM IST

कोरोना संकट को देखते हुए इस बार भी श्रीधूनीवाले दादाजी दरबार में गुरुपूर्णिमा (Guru Purnima 2021) पर्व धूमधाम से नहीं मन पाएगा. जिला प्रशासन ने सभी सीमाएं तीन दिन के लिए सील कर दी हैं. ऐसे में देश के अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं से निशान सीमा पर ही ले लिए जाएंगे. बाद में उन्हें दादाजी के दरबार में समर्पित कर दिया जाएगा.

dhuniwale dadaji temple
श्रीधूनीवाले दादाजी दरबार

खंडवा। श्रीधूनी वाले दादाजी दरबार में गुरुपूर्णिमा (Guru Purnima 2021) पर्व 23 जुलाई को मनाया जाएगा. पर्व पर उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए जिले की सीमाएं सील कर दी गई हैं. कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के चलते यह कदम उठाया गया है. दरबार में निश्चित संख्या में ही श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति रहेगी.

दरबार में निश्चित संख्याओं में ही होगी श्रद्धालुओं की एंट्री.

देशभर के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं श्रद्धालु
श्रीदादाजी दरबार में गुरुपूर्णिमा धूमधाम के साथ मनाया जाता है. महाराष्ट्र सहित देशभर के अलग-अलग हिस्सों से हर साल करीब पांच लाख श्रद्धालु समाधि दर्शन के लिए आते हैं. इनमें से अधिकांश श्रद्धालु ऐसे भी होते हैं, जो निशान लेकर पदयात्रा करते हुए दादाजी के दरबार आते हैं. इस तरह से पदयात्रा करते हुए सैकड़ों किमी तय कर आने वाले महाराष्ट्र के श्रद्धालुओं की संख्या अधिक है. इनकी आगवानी के लिए पूरा शहर जुटता है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से दो साल से यह परंपरा टूट गई है. इस बार गुरु पूर्णिमा से पहले ही महाराष्ट्र और अन्य प्रदेशों से भक्त निशान चढ़ाने आ रहे हैं.

सैकड़ों किमी की यात्रा तय कर खंडवा पहुंचे भक्त
नागपुर, बैतूल, भैंसदेही, जलगांव, भुसावल, सहित महाराष्ट्र के अन्य जिलों से मंगलवार को भी निशान लेकर भक्तगण पदयात्रा करते हुए खंडवा पहुंचे. इससे शहर एक तरह से भक्तिमय हो गया. 'भज लो दादाजी का नाम, भजलो हरिहर जी का नाम' जपते हुए सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा तय कर खंडवा पहुंचे श्रद्धालुओं के माथे पर सिकन तक नहीं थी. वे दादाजी की भक्ति में रमे हुए बस उनके नाम का जप करते हुए शहर के मुख्य मार्ग से गुजरे.

महिलाओं ने खींचा रथ
पांढूरना से आए रथ को महिलाओं ने खींचा. यहां उन्होंने दादाजी दरबार में निशान चढ़ाकर समाधी के दर्शन किए. बताया जाता है कि दिनभर दरबार में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला चलता रहा. श्रद्धालुओं ने समाधि दर्शन कर अखंड धूनी में नारियलों की आहूति भी दी.

तीन दिन के लिए जिले की सीमाओं को किया सील
कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है. भीड़ की वजह से कोरोना संक्रमण फैल सकता है. इसको ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने बाहर से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके लिए 21 जुलाई से जिले की सीमाएं तीन दिन के लिए सील कर दी गई हैं. ताकि कोई भी व्यक्ति जिले में प्रवेश नहीं कर सके. निशान लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा. उनसे नाकों पर ही निशान ले लिए जाएंगे. जिसे बाद में दादाजी दरबार में चढ़ाया जाएगा.

20 हजार श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
सुबह से ही दूर-दूर से आए भक्तों सहित शहरवासियों ने ढोल-ढमाकों के साथ पहुंचकर समाधि पर निशान अर्पित किए. पांढूरना से आए भक्त पार्वतीबाई धर्मशाला से रथयात्रा के साथ निशान लेकर निकले. गुलाल उड़ाते हुए दादाजी का नाम जपते हुए भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था.

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श्रीदादाजी दरबार पहुंचकर भक्तों ने निशान अर्पित किया। मंगलवार को श्रीदादाजी दरबार में करीब 20 हजार भक्ताें ने समाधि दर्शन किए. वहीं करीब एक हजार निशान समाधि पर अर्पित किए गए. आठ दिनों में श्रीदादाजी दरबार में तीन हजार से अधिक निशान श्रद्धालुओं द्वारा समाधि पर चढ़ाए गए.

Last Updated :Jul 23, 2021, 6:51 AM IST
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