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आदिवासी अंचल में भाजपा के लिए खाता खोलने वाली निर्मला भूरिया अब कैबिनेट मंत्री

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 25, 2023, 6:46 PM IST

झाबुआ जिले की पेटलवाद से विधायक निर्मला भूरिया को डॉ. मोहन यादव के मंत्रिमंडल ने जगह दी गई है. उन्हें पहली बार कैबिनेट मंत्री बनाया गया. इससे पहले निर्मला 2008 में शिवराज मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य राज्यमंत्री रही हैं. कांग्रेस के अभेद गढ़ कहे जाने वाले झाबुआ जिले में निर्मला भूरिया ने ही भाजपा के लिए खाता खोला था. उन्हें मंत्री बनाकर आदिवासी भीलों का मान बढ़ाया गया है.Nirmala Bhuria cabinet minister

Nirmala Bhuria opened account
आदिवासी अंचल में खाता खोलने वाली निर्मला भूरिया अब कैबिनेट मंत्री

झाबुआ। कद्दावर आदिवासी नेता और पेसा कानून के जनक स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया को इससे अच्छी श्रद्धांजलि नहीं हो सकती. कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने के बाद निर्मला भूरिया ने अपने पिता स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया को याद किया. इस दौरान वे भावुक भी हो गईं. उन्होंने कहा-आज मुझे अपने पिता की कमी बेहद खल रही है. कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया के शपथ ग्रहण समारोह में भाई जसवंत भूरिया व सुरेंद्र सिंह भूरिया, बहू सुनीता भूरिया, नवीश भूरिया, जियाजी रतनलाल भाबर, भांजी अंशु और भतीजा रिंकू अमलियार शामिल हुईं. Nirmala Bhuria cabinet minister

जिम्मेदारी पूर्ण निष्ठा से कंरूगी : निर्मला भूरिया ने शपथ लेने के बाद कहा कि जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसका पूर्ण निष्ठा के साथ पालन करूंगी. सिर्फ क्षेत्र ही नहीं प्रदेश के विकास के लक्ष्य के साथ कार्य करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विकसित मध्यप्रदेश व विकसित भारत की परिकल्पना को मूर्तरूप देने की दिशा में कार्य किया जाएगा. मंत्रिमंडल में स्थान दिए जाने पर मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन का आभार व्यक्त करती हूं. Nirmala Bhuria cabinet minister

विरासत में मिली राजनीति : निर्मला भूरिया को राजनीति विरासत में मिली है. वह अपने पिता स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया को राजनीति के जरिए जनता की सेवा करते देखते बड़ी हुईं. वर्ष 1990 में उन्होंने सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और शीघ्र ही प्रदेश युवक कांग्रेस की संयुक्त सचिव नियुक्त की गईं. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. तीन साल बाद ही 1993 के विधानसभा चुनाव में पेटलावद विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर 32 हजार 292 मतों के अंतर से जीत हासिल की. उस वक्त उनकी उम्र महज 25 साल थी और 10वीं विधानसभा में वे सबसे कम उम्र की विधायक थीं. इसी दौरान निर्मला भूरिया को विधानसभा की प्राक्कलन समिति व महिला बाल विकास समिति में नामांकित भी किया गया था.

कुशाभाऊ ठाकरे ने दिलाई थी सदस्यता : निर्मला भूरिया के पिता स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया ने मतभेद के चलते कांग्रेस पार्टी छोड़ दी. अपने पिता की उपेक्षा और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा किए जा रहे पक्षपातपूर्ण व्यवहार को देखते हुए 1997 में निर्मला भूरिया भी विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गईं. उस वक्त उन्हें भाजपा के पितृ पुरुष कुशाभाऊ ठाकरे ने भोपाल में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई थी. 1998 के विधानसभा चुनाव में निर्मला भूरिया ने भाजपा की टिकट पर पेटलावद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. इस दौरान जीत हासिल कर उन्होंने कांग्रेस के अभेद गढ़ कहे जाने वाले झाबुआ जिले में भाजपा का खाता खोला. Nirmala Bhuria cabinet minister

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झाबुआ में भाजपा की पहली महिला जिलाध्यक्ष : निर्मला भूरिया भाजपा संगठन में भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं. वर्ष 1999 में वह भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रही. इसके अलावा भाजपा अजजा मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, भाजपा राष्ट्रीय परिषद की सदस्य और भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रही. 2003 में भाजपा की प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभाली. वहीं 2003-04 में एक बार फिर निर्मला भूरिया को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य नियुक्त किया गया. 2010-11 में निर्मला भूरिया भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष रही. वहीं 2012 में उन्होंने झाबुआ में पार्टी की पहली महिला जिला अध्यक्ष की भूमिका भी निभाई. Nirmala Bhuria cabinet minister

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