झाबुआ। जिले में होने वाले विधानसभा के उप चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. कांग्रेस अपने मंत्रियों के साथ-साथ जिले में सीएम के दौरे करवा रही है. वहीं भाजपा जमीनी स्तर पर अपनी ताकत को बढ़ाने में लगी हुई है. दोनों ही राजनीतिक दलों के साथ जयस ने भी जिले में महापंचायत कर चुनाव में उतरने के संकेत दे दिए है. जयस की महापंचायत के बाद भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर ने कहा कि जयस आदिवासियों के सामाजिक सरोकारों के लिए बनाया गया संगठन था, जिसे कुछ स्वार्थी लोगों ने राजनीति के लिए इस्तेमाल कर बर्बाद कर दिया है.
भाजपा सांसद ने जयस को कांग्रेस की बी-टीम बताते हुए कहा कि तथाकथित पदाधिकारी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते हैं और विधायक बन जाते हैं. कांग्रेसी विधायक बने डॉ हीरालाल अलावा जैसे पदाधिकारी ना सिर्फ आदिवासी समाज को धोखा दे रहे हैं बल्कि समाज को गलत दिशा में भी ले जा रहे हैं.
झाबुआ विधानसभा में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही होगा लेकिन जयस अपनी ताल ठोकने को बेकरार है. जिले में का राजनीतिक जनाधार की बात करें तो जमीनी स्तर पर जयस दिखाई नहीं देता है. जिसका परिणाम पिछले लोकसभा चुनाव में देखा जा चुका है. जयस ने चुनाव के पहले सीएम कमलनाथ के सामने अपनी मांगों को मनवाने का दबाव बनाना शरू कर दिया. लेकिन चुनाव तक दबाव बने रहने की संभावना कम ही दिखाई दे रही हैं.