झाबुआ। जिला एवं सत्र न्यायालय झाबुआ ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए 13 साल पुराने फर्जी एनकाउंटर के एक मुकदमे में आरक्षक धीरेंद्र मंडलोई और आरक्षक रतन सिंह बारेला को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आजीवन कारावास की सजा के साथ-साथ एक हजार का अर्थदंड भी लगाया है.
बता दे कि, 2 जुलाई 2007 को अंतरवेलिया पुलिस चौकी के पास गारियां नाले पर झायड़ा निवासी रमेश बारिया की मौत पुलिस राइफल से चली गोली से हुई थी. इस मामले में पीड़ित पक्ष ने आरक्षक धीरेंद्र मंडलोई और आरक्षक रतन सिंह बारेला के खिलाफ मेघनगर थाने में मामला दर्ज करवाया था.
वहीं इस मामले में मृतक के परिजनों और उसके गांव के लोगों के बयान के आधार पर जिला कोर्ट ने फैसला सुनाया है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा चश्मदीद गवाह के आधार पर एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या करने पर आरोपियों के खिलाफ धारा 302/ 34 भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दोषी मानते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा का सुनाई है.