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MP High Court:आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों का माइग्रेशन अनारक्षित वर्ग में क्यों, जिम्मेदारों से जवाब तलब

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Published : Apr 28, 2023, 11:04 AM IST

MP High Court
आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों का माइग्रेशन अनारक्षित वर्ग में क्यों

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग सहित अन्य परीक्षाओं में माइग्रेशन के मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने जिम्मेदारों से पूछा है कि आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों का माइग्रेशन अनारक्षित वर्ग में किया जा रहा है. हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर जिम्मेदारों से तवाब तलब किया है.

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि पीएससी व अन्य परीक्षाओं में आरक्षित वर्ग के उत्कृष्ट उम्मीदवारों को प्रत्येक स्तर पर माइग्रेशन का लाभ क्यों दिया जा रहा है. चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने इस मामले में विधि एवं विधायी कार्य विभाग के प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव और मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

अंतिम निर्णय तक रोक लगाई : न्यायालय ने इस नियम के तहत आगे की जाने वाली सभी कार्रवाई को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है. मामले की अगली सुनवाई 12 जून को निर्धारित की गई है. जबलपुर निवासी भानु प्रताप सिंह तोमर ने याचिका दायर कर मध्य प्रदेश राज्य सेवा परीक्षा नियमए 2015 में 28 दिसंबर 2021 को हुए संशोधन को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उक्त संशोधित नियम का पालन करते हुए मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2020 एवं अन्य परीक्षाओं में हर स्तर (प्रारंभिक, मुख्य व साक्षात्कार) में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों का माइग्रेशन अनारक्षित वर्ग में किया जा रहा है.

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सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया : याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायिक दृष्टांतों के तहत यह अवैधानिक है. सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि मेरिट केवल मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार में ही तय होगी. सुनवाई के बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश देते हुए अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज शर्मा ने पक्ष रखा.

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