ETV Bharat / state

MP High Court: एमपी हाई कोर्ट को मिले 3 जज, SC की कॉलेजियम ने देश के अलग-अलग राज्यों से 3 जजों का किया ट्रांसफर

author img

By

Published : Aug 11, 2023, 6:06 PM IST

Updated : Aug 11, 2023, 7:14 PM IST

MP High Court
एमपी हाई कोर्ट

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को 3 नए जज मिल गए हैं. बता दें सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने आंध्र प्रदेश, पंजाब एंड हरियाणा और इलाहाबाद हाई कोर्ट से 3 जजों का ट्रांसफर कर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट भेजा है.

जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने बड़े पैमाने पर हाईकोर्ट जज का ट्रांसफर किया है. जिसके बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को तीन नए जज मिल गए हैं. फिलहाल मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में 27 जज हैं, तीन नए जजों के आने के बाद यह संख्या 30 हो जाएगी. इसके बाद भी स्वीकृत पदों की अपेक्षा 50% पद खाली हैं. अभी भी मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में लाखों मामले लंबित हैं. बता दें पंजाब एंड हरियाणा, आंध्र प्रदेश और इलाहाबाद हाईकोर्ट से इन जजों को ट्रांसफर किया गया है.

supreme court letter
सुप्रीम कोर्ट का लेटर

जिन जजों का ट्रांसफर किया गया है. वे ये हैं...

  1. 3 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जस्टिस राजमोहन सिंह को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ट्रांसफर किया है.
  2. 10 अगस्त को कॉलेजियम के एक दूसरे निर्णय में जस्टिस दोपाला वेंकट रमन्ना आंध्र प्रदेश से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ट्रांसफर किया है.
  3. इसी तरह 8 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने राजेंद्र कुमार चतुर्थ इलाहाबाद से जबलपुर हाईकोर्ट ट्रांसफर किया है.

पूरे पदों पर कभी नहीं हुई पदस्थापना: मध्य प्रदेश की आबादी के अनुसार मध्य प्रदेश को पहले 52 जजों के पद स्वीकृत थे, लेकिन अब यह संख्या 63 के करीब पहुंच गई है. कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि पूरे पदों पर जजों की पद स्थापना हुई हो. इसकी वजह से बीते साल हाई कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या चार लाख से भी पार हो गई थी. अभी भी यही स्थिति बनी हुई है. इनमें ज्यादातर मुकदमे नौकरी, पैसा और कर्मचारियों के हैं. इसे भी ज्यादा क्रिमिनल केस में फंसे हुए लोग हैं. जजों की कम संख्या का असर केवल लंबित प्रकरणों पर नहीं पड़ता है, बल्कि इसकी वजह से जिलों में विचाराधीन कैदियों की संख्या बढ़ती जाती है. जब तक मामलों का निराकरण नहीं होता, तब तक विचार अधिनियम कैदी जिलों में भी सजा काटते रहते हैं.

supreme court letter
सुप्रीम कोर्ट का लेटर

कॉलेजियम क्या है: दरअसल सुप्रीम कोर्ट के पांच सीनियर जज की कमेटी कॉलेजियम कहलाती है. यही जज पूरे देश के हाई कोर्ट में कम कर रहे जजों की पद स्थापना के लिए जिम्मेदार होता है. कॉलेजियम के पास जजों के ट्रांसफर के अधिकार हैं. वह जरूरत के अनुसार एक हाई कोर्ट से दूसरे हाईकोर्ट में जजों का ट्रांसफर करते रहते हैं.

यहां पढ़ें...

नहीं खत्म हो रहे पेंडिंग मामले: राज्य सरकार, केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट मिलकर भी हाई कोर्ट और सिविल कोर्ट में पेंडिंग मामलों की पेंडेंसी खत्म नहीं कर पा रहे हैं. जबकि लगातार लोक अदालत लगाई जा रही है, क्योंकि जजों की संख्या कम है. इसलिए मामलों की सुनवाई जल्द नहीं हो पाती और न्याय मिलने में लोगों को देरी होती है. हालांकि कोर्ट में कहा जाता है कि देरी से मिला हुआ न्याय भी एक किसम का अन्याय है.

Last Updated :Aug 11, 2023, 7:14 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.