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MP High Court: ऑनलाइन गैंबलिंग पर रोक लगाने में सरकार सुस्त, हाईकोर्ट नाराज, 7 दिन में पेश करें ड्राफ्ट

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Published : Mar 15, 2023, 4:39 PM IST

मध्यप्रदेश में ऑनलाइन गैंबलिंग के मामले पर हाईकोर्ट ने सरकार के रवैए पर नाराजगी जताई है. कोर्ट ने सरकार को 7 दिन में ड्राफ्ट पेश करने का आदेश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी.

MP Government slow in banning online gamblin
ऑनलाइन गैंबलिंग पर रोक लगाने में सरकार सुस्त

ऑनलाइन गैंबलिंग पर रोक लगाने में सरकार सुस्त

जबलपुर। ऑनलाइन गैंबलिंग को लेकर मध्यप्रदेश में लगातार कई दुखद घटनाएं हुई हैं. इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने इस पर बंदिश लगाने की योजना बनाई है. इस मामले में हाईकोर्ट भी सख्त है. साथ ही कोर्ट ने समय -समय पर सरकार को इस बारे में दिशा-निर्देश दिए हैं. लेकिन इन निर्देशों का पालन नहीं करने पर सरकार के लापरवाह रवैया पर हाईकोर्ट नाराज है. एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को 7 दिनों के अंदर ऑनलाइन गैंबलिंग को रोकने के लिए बनाए गए ड्राफ्ट को पेश करने का आदेश दिया है.

अभी तक ड्राफ्ट ही नहीं बना: याचिका पर सुनवाई के दौरान पता चला कि हाईकोर्ट में वादा करने के बावजूद राज्य सरकार ने ऑनलाइन गैंबलिंग पर अंकुश लगाने के कानून का अभी तक ड्राफ्ट भी तैयार नहीं किया है. सरकार यह भी नहीं बता पाई कि इससे जुड़ा बिल विधानसभा में विचार के लिए कब लाया जाएगा. जिसके बाद अदालत ने अधिकारियों से जवाब मांगा है. कोर्ट ने सरकार के लापरवाह रवैये पर लताड़ लगाई है. हाईकोर्ट ने सरकार के उस आवेदन को खारिज कर दिया, जिसमें पूर्व में तीन माह की समय- सीमा दिए जाने का आदेश वापस लेने की मांग की गई थी.

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कोर्ट ने पूछा-सदन में कब रखा जाएगा ड्राफ्ट : कोर्ट ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने बताया था कि ऑनलाइन गैंबलिंग पर अंकुश लगाने कानून बनाने राज्य के वरिष्ठ सचिवों की कमेटी विचार कर रही है. यह भी कहा था कि कानून का खाका तैयार करने तीन माह का समय लगेगा और उसके बाद विधानसभा में अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को निर्देश दिए कि अगले सात दिन के भीतर कमेटी की ओर से तैयार ड्राफ्ट पेश करें. अधिवक्ता राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि कोर्ट ने पूछा है कि अधिकारी यह भी बताएं कि यह बिल विधानसभा में बहस और वोटिंग के लिए कब रखा जाएगा. कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि यदि आगामी सुनवाई तक उक्त अधिकारियों ने हलफनामा पेश नहीं किया तो उन्हें व्यक्तिगत हाजिरी के लिए आदेश देने बाध्य हो जाएंगे.

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