ETV Bharat / state

स्वामी प्रज्ञानंद के निधन के बाद आश्रम की संपत्ति को लेकर विवाद, परिजनों और सेवादार आमने-सामने

author img

By

Published : Jul 16, 2021, 9:55 PM IST

अंतरराष्ट्रीय प्रज्ञा मिशन के संस्थापक संत स्वामी प्रज्ञानंद का निधन 2020 में हो गया था. अब उनके निधन के बाद आश्रम में करोड़ों की संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया है. प्रज्ञानंद महाराज के परिजनों ने ट्रस्टी आश्रम में अपने हक का दावा किया. वहीं स्वामी प्रज्ञानंद की संरक्षिका ट्रस्टी आश्रम पर अपना अधिकार बता रही है.

Swami Pragyanand's Ashram
स्वामी प्रज्ञानंद का आश्रम

जबलपुर। अंतरराष्ट्रीय प्रज्ञा मिशन के संस्थापक संत स्वामी प्रज्ञानंद के निधन के बाद अब उनके आश्रम में करोड़ों की संपत्ति को लेकर विवाद गहराने लगा है. शुक्रवार को प्रज्ञानंद महाराज के परिजनों ने ट्रस्टी आश्रम में अपने हक का दावा किया. वहीं स्वामी प्रज्ञानंद की संरक्षिका ट्रस्टी आश्रम पर अपना अधिकार बता रही है. मौके पर विवाद को शांत करवाने के लिए पुलिस और प्रशासन को आना पड़ा. मामला न्यायलय में विचाराधीन है, तब तक आश्रम में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों को निर्देश दिया गया.

स्वामी प्रज्ञानंद के निधन के बाद आश्रम की संपत्ति को लेकर विवाद

स्वामी प्रज्ञानंद की संपत्ती को लेकर खड़ा हुआ विवाद

जबलपुर के कटंगी स्थित प्रज्ञा नंद आश्रम साईं प्रज्ञा मिशन ट्रस्ट के नाम से जाना जाता है. जहां करोड़ों की संपत्ति को लेकर विवाद अब तूल पकड़ने लगा है. दरअसल अंतराष्ट्रीय संत स्वामी प्रज्ञानंद की मौत के बाद स्वामी प्रज्ञा नंद के परिजन और साध्वी विभानंद गिरी के बीच कटंगी स्थित प्रज्ञाधाम आश्रम की संपत्ति को लेकर विवाद होने लगा है. स्वामी प्रज्ञानंद के परिजन आश्रम में पहले से ही रहने लगे थे. उनका कहना है कि इस आश्रम पर हमारा हक है, लेकिन स्वामी प्रज्ञानंद की संरक्षिका ट्रस्टी साध्वी विभानंद इस आश्रम अपना हक बता रही है.

स्वामी प्रज्ञानंद की भतीजी ने जमीन पर जताया हक

स्वामी प्रज्ञानंद की भतीजी ऋचा सिंह का कहना है कि स्वामी प्रज्ञानंद ने आश्रम की संपत्ति हमारे नाम कर दी थी. जिसकी वसीयत मेरे पास है. साध्वी विभानंद सिर्फ भगवा धारण कर स्वामी प्रज्ञानंद की करोड़ों की संपत्ति हड़पना चाहती है. साध्वी का ढोंग रच कर ग्रहस्थी बसाई है, जबकि दिल्ली में साध्वी के साथ दो बच्चे भी रहते है. जिसका चरित्र न हो ऐसी साध्वी आश्रम की गद्दी की हकदार नहीं होने देंगे.

जबलपुरः कटंगी के प्रज्ञाधाम में विधि- विधान से दी गई स्वामी प्रज्ञानंद महाराज को समाधि

वहीं ऋचा सिंह का यह भी कहना है कि आश्रम बनते समय सभी भाइयों ने अपनी पैतृक जमीन आश्रम के लिए दान कर दी थी, जो अब 80 एकड़ जमीन है. स्वामी आश्रम में सभी भाइयों को रहने देते थे. काम करने का वेतन भी देते थे. लेकिन प्रज्ञानंद के समाधि लेने के बाद साध्वी विभानंद ने सभी परिजनों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.

साध्वी का दावा- स्वामी प्रज्ञानंद ने बनाया उत्तराधिकारी

इस मामले में साध्वी विभानंद ने दावा किया कि स्वामी प्रज्ञानंद ने उनके मरने के बाद उन्हें उत्तराधिकारी बनाया है. साध्वी विभानंद दिल्ली स्थित साकेत नगर आश्रम का संचालित कर रही है. जिसके गुरु भाई चक्ररा नंद ने बताया कि 2013 में ही स्वामी प्रज्ञानंद ने भरे मंच से घोषणा कर दी थी कि हमारे बाद आश्रम का उत्तराधिकारी विभानंद होगी.

पावर ऑफ अटर्नी से तय होगा हक

इस मामले में तहसीलदार प्रदीप मिश्रा का कहना है कि आश्रम का मामला न्यायलय में विचाराधीन है. ऐसे में एक पक्ष जबरन आश्रम में प्रवेश कर रहा है. धारा 145 के तहत कार्रवाई की जा रही है. दोनों पक्षों को समझाइश दी गई है कि शांति बनाए रखे. जिस पक्ष के पास पावर ऑफ अटर्नी होगी वहीं जमीन का हकदार होगा.

2020 में ली थी स्वामी प्रज्ञानंद ने समाधी

अंतरराष्ट्रीय प्रज्ञा मिशन के संस्थापक स्वामी प्रज्ञानंद महाराज को 15 जुन 2020 को पूरी विधि विधान से कटंगी स्थित प्रज्ञा धाम में समाधि दे दी गई थी. स्वामी की समाधी के बाद उनके आश्रम को लेकर विवाद शुरू हो गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.