जबलपुर। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के चलते पूरे देश में राममय माहौल बना हुआ है. ऐसे में जबलपुर के चिकित्सक डॉक्टर अखिलेश गुमास्ता की लिखी हुई किताब प्रासंगिक हो गई है. उन्होंने रामायण को अंग्रेजी भाषा में लिखा है. उनका कहना है कि यह अनुवाद नहीं है बल्कि एक मौलिक पुस्तक है. जिसमें राम से जुड़े हुए संदर्भ हैं लेकिन वह इंग्लिश पोयट्री में है, और जो लोग हिंदी और अवधी भाषा नहीं समझते उनके लिए यह किताब राम के चरित्र को भली-भांति समझा सकती है.
अयोध्या लेकर जाना चाहते हैं रामायण
अयोध्या में राम मंदिर को लेकर पूरा देश उत्साहित है और सभी लोग इस काम में अपनी कुछ ना कुछ भागीदारी करना चाह रहे हैं. जबलपुर के डॉक्टर अखिलेश गुमास्ता भी भक्तों को कुछ अनोखा देना चाहते हैं वह अपनी अंग्रेजी में लिखी हुई रामायण अयोध्या लेकर जाना चाहते हैं. वह राम पर लिखी हुई कृर्ति को राम को ही समर्पित करना चाहते हैं.
राम भक्त के साथ पेशे से हैं डॉक्टर
डॉ अखिलेश गुमास्ता पेशे से हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं लेकिन उनकी दूसरी पहचान राम भक्त के रूप में है. अखिलेश गुमास्ता का कहना है कि उन्होंने बचपन से अपने घर में रामचरितमानस का पाठ होते देखा था, लेकिन जब उन्होंने अपने बच्चों को यही सीखने की कोशिश की तो भाषा की समस्या खड़ी हुई. अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने वाला उनका बेटा हिंदी और अवधि को सही तरीके से समझ नहीं पा रहा था. इसलिए उनके मन में ख्याल आया कि जिन लोगों को हिंदी या अवधि नहीं आती उन्हें ठीक ढंग से रामायण समझ में नहीं आएगी.
कविता के रूप में लिखी है रामायण
डॉक्टर अखिलेश गुमास्ता ने लंबे समय तक भारत के अलग-अलग जगहों की रामायण पढ़ी और इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कविता के रूप में राम कथा लिखी है. अखिलेश गुमास्ता का कहना है कि उनकी पुस्तक को रामायण का ट्रांसलेशन कहना गलत होगा क्योंकि उन्होंने अपने मन से इस पुस्तक में संदर्भ लिखे हैं. जब अयोध्या में पूरी दुनिया से लोग आएंगे तो यहां एक बड़ा वर्ग ऐसा भी होगा जो हिंदी और अवधी भाषा नहीं समझता होगा उनके लिए सबसे सुलभ और सरल भाषा अंग्रेजी ही होगी इसलिए उनकी यह किताब उन सभी पाठकों के लिए बहुत प्रासंगिक है.
रामायण की वर्ल्ड कांफ्रेंस का आयोजन
डॉ अखिलेश गुमास्ता ने केवल रामायण का अंग्रेज़ी अनुवाद नहीं किया है बल्कि वे रामचरितमानस और रामायण की वर्ल्ड कांफ्रेंस भी जबलपुर में आयोजित करवाते हैं. इसमें दुनिया भर में रामायण और राम के जीवन पर लिखने वाले लेखक आते हैं, साथ ही रामायण का मंचन करने वाले लोग भी इकट्ठे होते हैं. बीते कई सालों से जबलपुर में यह आयोजन हो रहा है.
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रामायण सदियों से समाज को दिशा देती रही है, रामायण की वजह से ही लोग यह समझ पाए की राम अच्छे होते हैं और रावण बुरा होता है. अच्छाई की बुराई पर जीत होती है बुरा करने वाले का बुरा होता है, राम ने हमेशा ही समाज को दिशा दिखाई है इसलिए अखिलेश गुमास्ता का प्रयास सही है की भाषा की वजह से यदि लोग राम को ना समझ पा रहे हो तो उन्हें यह पुस्तक एक अच्छा माध्यम है राम को समझने के लिए.