जबलपुर। कोरोना काल में आम आदमी की जिंदगी खतरे में है और जिंदगी के खतरों को जानकर ही लोग अपने परिवार के हित के लिए बीमा करवाते हैं. इस बात का फायदा भी बीमा कंपनियों ने लंबे समय तक उठाया है, लेकिन अब जब आम आदमी की जिंदगी सचमुच खतरे में आ गई है तो बीमा कंपनियां लूट पर उतर आईं हैं और मजबूरी का फायदा उठा रहीं हैं. टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम की दरों में भारी बढ़ोत्तरी की है.
चार्टर्ड अकाउंटेंट अनिल अग्रवाल का कहना है कि बीते 3 महीने में लोगों की आमदनी तो घट गई, लेकिन खर्चे और बढ़ गए हैं. टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम 40 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है, इसी तरीके से मेडिक्लेम के प्रीमियम में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है. अनिल अग्रवाल का कहना है कि ऐसे मौके पर लोगों को सहूलियत की जरूरत थी, लेकिन इसके उलट बीमा कंपनियां सहूलियत देने की बजाए लूट पर उतर आई हैं.
अनिल अग्रवाल का कहना है की बीमा कंपनियां एक रेगुलेटरी अथॉरिटी के जरिए रेग्यूलेट की जाती हैं. ये रेगुलेटरी अथॉरिटी सरकार के कंट्रोल में होती है, उसके बाद भी बीमा कंपनियों को प्रीमियम बढ़ाने की छूट कैसे दी गई ये बात समझ से परे है.
लोग संकट को देखते हुए बीमा कराते हैं. ताकि वे अपना और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित कर सकें. बीमा करवाया ही ऐसे मौकों के लिए जाता है, लेकिन अब जब बीमा कंपनियों को अपना दायित्व निर्वाह करने का समय आया तो इन कंपनियों ने मौके का फायदा उठाया और प्रीमियम की दरें बढ़ा दीं हैं.