ETV Bharat / state

भोपाल गैस त्रासदी: पीड़ितों के उपचार और पुर्नवास के लिए संयुक्त कमेटी का गठन, 3-3 महीने में हाई कोर्ट को सौंपनी होगी रिपोर्ट

author img

By

Published : Mar 22, 2023, 7:43 PM IST

भोपाल गैस त्रासदी मामले में हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू और जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की युगलपीठ ने पीड़ितों के उपचार और पुर्नवास के लिए संयुक्त कमेटी का गठन किया गया है. जिसके अध्यक्ष बीके अग्रवाल होंगे. कमेटी को तीन महीने की निर्धारित समय अवधि में हाईकोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश करनी होगी. याचिका पर अगली सुनवाई 12 जून तय की गई है.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाई कोर्ट

जबलपुर: हाईकोर्ट ने साल 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन की ओर से याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार और पुनार्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किये थे. इन बिंदुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर मॉनिटरिंग कमेटी का गठित करने के निर्देश भी जारी किये थे. मॉनिटरिंग कमेटी प्रत्येक तीन महीने में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट के सामने पेश करने और रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश भी जारी किये थे.

BMHRC के भर्ती नियम का निर्धारण नहीं: याचिका पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रही थी. याचिका के लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं का परिपालन नहीं किया गया. जिसके खिलाफ भी अवमानना याचिका दायर की गयी थी. अवमानना याचिका में कहा गया था कि गैस त्रासदी के पीड़ित व्यक्तियों के हेल्थ कार्ड तक नहीं बने है. अस्पतालों में अवश्यकता अनुसार उपकरण और दवाएं उपलब्ध नहीं है. BMHRC के भर्ती नियम का निर्धारण नहीं होने के कारण डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टॉफ स्थाई तौर पर अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं.

Also Read: संबंधित अन्य खबरें यहां पढ़ें

आ रही है समस्या: याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि "नेशनल इंफ्ररमेंशन सेन्टर, आईसीएमआर, भोपाल गैस राहत और पुनर्वास विभाग सहित अन्य विभाग के अलग-अलग है. जिसके कारण आदेश के परिपालन में समस्या आ रही है. इसके अलावा सरकार ने स्टोनेग्राफर को वेतन दिये जाने के संबंध में पारित आदेश को वापस लेने का आग्रह किया गया. वेतन रोगी कल्याण समिति के मद से दिया जाता है. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद आदेश के परिपालन में मॉनिटरिंट कमेटी के अध्यक्ष बीके अग्रवाल की अध्यक्षता में संयुक्त कमेटी बनाने के निर्देश दिये है. कमेटी आदेश के परिपालन के लिए 3-3 महीने में हाईकोर्ट को सौंपेनी होगी. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अंकित साहू ने पैरवी की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.