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अंत्येष्टि के इंतजार में श्मशान में पड़े शव, आंकड़ों की बाजीगरी में जुटा प्रशासन

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Published : Apr 15, 2021, 5:33 AM IST

Updated : Apr 15, 2021, 7:10 AM IST

जबलपुर में कोरोना से हालात बहुत खराब है, शवों को अंत्येष्टि के लिए एक दिन का इंतजार करना पड़ रहा है. लेकिन जिला प्रशासन के आकड़ों में मरने वालों की संख्या कम ही है. जिला प्रशासन एक दिन में कई शवों का अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलाइन के तहत कर रहा है, लेकिन उन मौतों को आंकड़ों में कोई जगह नहीं मिल रही है.

Dead bodies awaiting funeral
अंत्येष्टि का इंतजार कर रहे शव

जबलपुर। जबलपुर में धीरे-धीरे कोरोना से हालात बेकाबू हो रहे है. मौत का आंकड़ा जहां लगातार बढ़ रहा है. वहीं जिला प्रशासन मौत के आंकड़े को झुठलाने में जुटा हुआ है. जबलपुर की चौहानी शमशान घाट में बुधवार का नजारा दिल दहला देने वाला नजर आ रहा था. ये तस्वीर उन लोगों के लिए एक बड़ा सबक है जो कि कोरोना संक्रमण को नजरअंदाज कर रहे है.

अंत्येष्टि का इंतजार कर रहे शव
  • 50 शवों का हुआ अंतिम संस्कार

जबलपुर में आज पूर्व महापौर सदानंद गोडबोले की मां सहित 42 शवों की अंत्येष्टि की गई. चार मेडिकल में, एक घर में और तीन शव निजी अस्पतालों में वेटिंग में पड़े हैं. रात होने और जगह की कमी के चलते अब गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस माह के महज 14 दिनों में ही जिले में 293 संक्रमित लाशें चौहानी शमशान घाट में जली हैं. जबकि सस्पेक्टेड आंकड़ा इससे अलग है. इसमें 30 प्रतिशत संख्या जबलपुर जिले और शेष आसपास के जिलों की हैं. जानकारी के मुताबिक प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार जिले में 13 अप्रैल तक कुल 27 मौतें ही हुई हैं. सबसे अधिक पांच मौतें मंगलवार को हुई. जबकि 13 दिनों में कुल संक्रमितों की संख्या 4,394 पहुंच चुकी है. संक्रमण की ये संख्या इस कारण भी डराने वाली है कि कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या 2,404 है, जो आधे से कुछ ही अधिक है. ये सरकारी आंकड़ा है. जबकि हकीकत में इससे उलट है.

  • चौहानी शमशान घाट में हुए अंतिम संस्कार
तारीखप्रशासन के आंकड़ेंशमशान घाट में दर्ज संख्या
01 अप्रैल0209
02 अप्रैल 02 18
03 अप्रैल 01 12
04 अप्रैल 01 17
05 अप्रैल01 14
06 अप्रैल 01 10
07 अप्रैल 02 18
08 अप्रैल 01 13
09 अप्रैल 02 21
10 अप्रैल 04 26
11 अप्रैल 04 24
12 अप्रैल 04 30
13 अप्रैल 05 31

(नोट:-चौहानी शमशान घाट में अंत्येष्टि की जाने वाली लाशों में यहां इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले संक्रमित भी शामिल हैं.)

  • बीते साल की तुलना में अधिक भयावह है अभी की तस्वीर

जबलपुर जिले में इस माह की तस्वीर बीते सितंबर 2020 की तुलना में अधिक भंयकर है. अभी की स्थिति यह है कि महज 12 दिनों में तीन गुना अधिक संक्रमित सामने आने लगे. सितंबर में सबसे अधिक 5,793 केस आए थे. तब 67 मौतें हुई थी. उस समय एक्टिव केस 1,278 थे. जबकि वर्तमान में एक्टिव केस 3,549 हो चुका है, ये आंकड़ा इस कारण भी डराने वाली है, कि मार्च में 2,527 केस सामने आए थे, जबकि इस बार 14 दिन में ही आंकड़ा 4,300 को पार कर गई है.

जिला अस्पताल की हालत खस्ताहाल, देखिए ईटीवी भारत की पड़ताल

  • जिले इस वर्ष अप्रैल सबसे पीक पर चल रहा है
  1. सितंबर 2020 में कुल संक्रमित 5,791 सामने आए थे और 69 की मौत हुई थी.
  2. जनवरी 2021 में कुल संक्रमित 730 सामने आए थे. वहीं 9 की मौत हुई थी.
  3. फरवरी 2021 कुल संक्रमित 382 सामने आए और 1 की मौत हुई.
  4. मार्च 2021 में कुल संक्रमित 2,527 सामने आए और 15 की मौत हुई.
  5. 13 अप्रैल 2021 तक 4,394 केस आए और 27 मौत की मौत हुई.
  • शमशान घाट में जगह की कमी, नहीं बची अंतिम संस्कार की जगह

चौहानी शमशान घाट में लाशों की अंत्येष्टि के लिए जगह अब कम पड़ने लगी है. सामाजिक संस्था जो कि कोरोना और सस्पेक्टेड शवों का अंतिम संस्कार करती है. उन्होंने कई बार जिला प्रशासन से जमीन मांगी लेकिन प्रशासन ने इस और ध्यान नहीं दिया. हालांकि जिला प्रशासन अब तिलवारा घाट के पास संक्रमितों की लाशों की अंत्येष्टि की तैयारी कर रहा है लेकिन अभी तक इस दावे को प्रशासन ने अमल में नहीं लाया है. बुधवार को चौहानी शमशान घाट में लाशों को रखकर घंटों इंतजार करना पड़ा. एक लाश अंतिम संस्कार और उसे ठंडा होने में सात से आठ घंटे लगते हैं. फिर उसकी अस्थियां अगले दिन तक उठती है. ऐसे में जगह की कमी पड़ जा रही है.

Last Updated : Apr 15, 2021, 7:10 AM IST
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