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पंडोखर सरकार का बागेश्वर सरकार को खुला चैलेंज, एक साथ लिखवा लो पर्चे, 1 मिनट में कर दूंगा बेनकाब

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Published : Jun 8, 2023, 10:22 PM IST

धीरेंद्र शास्त्री की बढ़ती लोकप्रियता के बीच पंडोखर सरकार ने उनका नाम लिए बिना धीरेंद्र शास्त्री को खुला चैलेंज दिया है. एक साथ पर्चा लिखवाने और पूरे घटनाक्रम की रिकॉर्डिंग कराने की चुनौती दी है.

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पंडोखर सरकार का बागेश्वर सरकार को खुला चैलेंज

पंडोखर सरकार का बागेश्वर सरकार को खुला चैलेंज

इंदौर। आर्थिक राजधानी इंदौर के मांगलिया में तीन दिवसीय कथा के लिए इंदौर पहुंचे. पंडोखर सरकार ने मीडिया से बात करते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री का नाम लिए बिना उनके खिलाफ जमकर हमला बोला. पंडोखर सरकार उर्फ गुरुशरण शर्मा ने मीडिया से आह्वान करते हुए कहा कि 3 दिन तक मेरा दरबार इंदौर में है. इन 3 दिनों में मेरी सीसीटीवी कैमरे से रिकॉर्डिंग कराओ, सभी जगह कैमरे लगाकर वीडियो बनाओ इसी तरह की कसौटी पर दूसरे पर्ची लिखने वाले को भी चढ़ाओ और जब वह मना कर दे तो समझ जाना कि यहीं समाप्त है.

बागेश्वर सरकार को खुला चैलेंज: उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगले 3 दिन में सभी सीसीटीवी कैमरे और सारे यंत्रों का सामना करने के लिए मैं तैयार हूं. जहां कैमरे लगाना है, वहां लगा लो परिचय लिखकर समस्या बताने वालों की असलियत पता चल जाएगी. उन्होंने अपने परिजनों के इलाज की चिट्ठी लिखवाने के सवाल पर कहा कि "मैं महीनों महीनों के लिए घर नहीं जाता हूं. यहां इंदौर आने से पहले में 7 दिनों तक सोया नहीं हूं. रात रातभर जाग कर यहां के लिए 10 हजार पर्ची लिख कर लाया हूं. एडवांस में देखना हो तो मेरे बैग में देख लो, 1500 पर्ची अभी भी हैं उन पर्चियों में जो लोग आने वाले हैं. उनका नाम मोबाइल नंबर आधार नंबर पैन कार्ड नंबर और खाते नंबर तक मौजूद है. हमने कहां से लिखा? कैसे लिखा? किस से लिखवाया क्योंकि पर्ची लिखवाने के मामले में अक्सर होता यह है कि जब भी दरबार लगते हैं तो इंदौर का नंबर आएगा.

पर्चे 1 मिनट में बेनकाब कर दूंगा: इंदौर के व्यक्तियों के नाम आएंगे. जिसमें एक-दूसरे को पता होता है कि उनकी क्या समस्या है. वहीं पर सब खेल समाप्त हो जाता है. ऐसे दरबार में महज पांच 5 पर्ची 10-10 पर्ची बनती है और करोड़ों खर्च हो जाते हैं क्या है यह? उन्होंने कहा आप जिन जिन पर्ची बनाने वालों की बात कर रहे हैं. ऐसे 506 लोग हैं सभी के वीडियो बनाकर घर जाकर देख लेना जब अच्छे से देखोगे तो आपको पता चल जाएगा कि यह पर्ची कैसे लिख रहे हैं नहीं तो आप स्क्रीन चलवा लेना. जिस को हाईलाइट आप समझते हो अच्छे से समझते हो कि यह पर्चा बनाता है चाहे हम हैं या और कोई हो आप दोनों वीडियो को चलाइए. जिसके साथ में हमारा मुकाबला करना चाहो तो 1 मिनट में संबंधित पर्ची लिखने वाला बेनकाब कर दिया जाएगा. एक से दूसरा मिनट नहीं लूंगा. मैं और 24 घंटे में पर्ची लिखने वाले लोगों का पता चल जाएगा कि कहां चले गए. ऐसे पर्ची लिखने वाले?

उन्होंने मीडिया से आह्वान करते हुए कहा मीडिया के सामने उनसे पर्ची लिखवा हो तो आपको पता चलेगा कि उनके भगवान चले गए और यदि वे 5,00,000 मंत्रों का जाप भी करेंगे तो भी उनके भगवान नहीं लौटेंगे, क्योंकि उन्होंने साधना जप-तप और अनुष्ठान नहीं किया. सिर्फ अपना और बनाया है और औरा के खेल-खेल में आपको चमत्कार दिखा रहे हैं. ऐसे चमत्कार निर्मल बाबा भी दिखाते थे. ऐसा कौन सा चैनल था, जिसमें निर्मल बाबा नहीं आते थे? आज कहां है निर्मल बाबा? लेकिन उनके कारण लोगों की आस्था खत्म हुई है. बच्चों और माता, बहनों की आस्था खत्म हुई है यह स्थिति नहीं होना चाहिए.

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जिस की पर्ची निकलेगी उसकी सरकार बन जाएगी: मध्य प्रदेश का चुनाव हो या या राजस्थान का हो हमारे यहां जो व्यवस्था है जो पूछना आएगा उसको बता दिया जाएगा कि स्थिति क्या है और परिस्थिति क्या है. किसी भी राजनीतिक दल के लिए कुछ नहीं कहूंगा जो दरबार में आएगा. उसे पर्चे में बता दिया जाएगा. उसके पर्चे के आधार पर आप सर्वे करा लीजिए. कितने लोगों कहां से आशीर्वाद मिला है. पता चल जाएगा किसकी सरकार बनेगी.

ओडिशा की रेल दुर्घटना बताई जा सकती थी: बालासोर रेल दुर्घटना के पहले संत महात्माओं द्वारा इसकी सूचना नहीं दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा यदि कोई पूछने ही नहीं आएगा तो कैसे कोई बात बताई जाएगी. उन्होंने कहा आप मुझे रेल मंत्रालय का अधिकृत प्रमाण पत्र देकर स्थापित करा दीजिए. मैं पहले ही बता दूंगा कि क्या होने वाला है. उन्होंने कहा पहले भी शासन-प्रशासन में राजपुरोहित ज्योतिषाचार्य और पुरोहित होते थे जो राजा महाराजाओं को पहले ही इंगित कर देते थे. जिससे दुर्घटना टल जाती थी.

सांझी विरासत पार्टी की जरूरत अब नहीं: विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए विगत वर्ष पूर्व पंडोखर सरकार की अगुवाई में बनी सांझी विरासत पार्टी की जरूरत अब नहीं है. उन्होंने इसी पार्टी के बैनर तले चुनावी मैदान में उतरने के सवाल पर कहा यह पार्टी उनके शिष्य अमित शर्मा ने बनाई थी. उस दौरान इसकी जरूरत संतो को दिशा सुधारने के लिए मैदान में उतरने जैसी थी, लेकिन अब परिस्थितियां अनुकूल है. इसलिए आप मुझे सनातन धर्म से मतलब है. सांझी विरासत पार्टी से कोई मतलब नहीं है. अब युवा अध्यात्म और मंदिरों की तरफ आया है यही हमारे लिए बहुत है.

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