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नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले बीबीए स्टूडेंट को एमपी हाईकोर्ट ने सुनाई अनूठी सजा - unique punishment BBA student

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 23, 2024, 7:11 PM IST

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले छात्र को अनोखी सजा दी है. इसके तहत आरोपी को दो माह तक जिला अस्पताल में मरीजों की सेवा करनी पड़ेगी.

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नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले स्टूडेंट को हाईकोर्ट ने सुनाई अनूठी सजा (ETV BHARAT)

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद पाठक ने भोपाल के एक मनचले छात्र को अनोखी सजा दी है. इस छात्र ने नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ की थी. उसे फोन करके परेशान किया. पीड़ित लड़की ने थाने में शिकायत की. लड़का बीबीए फर्स्ट ईयर में है. लड़के के भविष्य को देखते हुए कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी है कि वह अगले दो माह तक भोपाल की जिला अस्पताल में मरीजों की सेवा करेगा. यदि उसने सही सेवा की तो जमानत मिल जाएगी. नहीं तो उसे जेल भेज दिया जाएगा.

आरोपी भोपाल के पिपलानी का रहने वाला

युवक भोपाल पिपलानी का रहने वाला है. इस छात्र के खिलाफ नाबालिग लड़की ने पिपलानी थाने में शिकायत की थी. इसमें आरोप लगाया था कि ये लड़का उसका पीछा करता है. उसे फोन करके परेशान करता है. लड़के के खिलाफ भोपाल के पिपलानी थाने में 4 अप्रैल को पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया. पुलिस ने आरोपी लड़के को गिरफ्तार करके कोर्ट के सामने पेश किया. आरोपी लड़के के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की गई.

आरोपी के पैरेंट्स ने कोर्ट में माफी मांगी

जमानत के लिए हाईकोर्ट में आरोपी लड़के के पिता और माता भी पहुंचे. आरोपी लड़के की ओर से कहा गया "उसकी पढ़ाई चल रही है और यदि उसकी सजा हो जाएगी तो उसका कैरियर बर्बाद हो जाएगा." वहीं माता-पिता ने लड़के के कृत्य पर माफी मांगी. हाईकोर्ट के न्यायाधीश आनंद पाठक ने पूरे मामले को सुना और इसके बाद एक अनोखी सजा सुनाई. जस्टिस आनंद पाठक ने अपने आदेश में कहा "इस लड़के को एक बेहतर सिटीजन बनने के लिए समाज सेवा की सजा सुनाई जाती है."

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मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को

आरोपी को भोपाल के जिला अस्पताल में हर शनिवार और रविवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 1 तक मरीजों की सेवा करनी होगी. इसके तहत सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों की मदद करनी होगी. अस्पताल की साफ सफाई व्यवस्था बनाए रखने में मदद करनी होगी. रजिस्ट्रेशन के काम में उसे मरीजों का सहयोग करना होगा. हाई कोर्ट न्यायाधीश आनंद पाठक ने अपने आदेश में लिखा है "इस तरीके से यह लड़का अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझेगा और एक बेहतर नागरिक बनेगा. यदि इसने इन शर्तों का उल्लंघन किया तो इसकी जमानत रद्द कर दी जाएगी." मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होनी है.

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