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मानव तस्करी का गढ़ बनता इंदौर, लापता बच्चों की खोज के लिए चलेगा संयुक्त अभियान

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Published : Jul 5, 2023, 10:43 PM IST

इंदौर में गायब होने वाले बच्चों का आंकड़ा सबसे बड़ा है. इसी के मद्देनजर अब आईआईएम इंदौर और इंदौर पुलिस मिलकर बाल अपराध और मानव तस्करी के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाएंगे. इस दिशा में इंदौर पुलिस और iim के बीच बाल अपराध और मानव तस्करी से जुड़े विषय कर एक MOU साइन किया गया है.

Indore stronghold of human trafficking
मानव तस्करी का गढ़ बनता इंदौर

इंदौर। मध्य प्रदेश पुलिस के तमाम दावे और चाइल्ड लाइन जैसी संस्थाएं होने के बावजूद मध्य प्रदेश मानव तस्करी का गढ़ बन रहा है. स्थिति यह है कि देशभर से हर साल गायब होने वाले बच्चों में से 80 फीसदी बच्चे मध्य प्रदेश के हैं. जिनमें भी सर्वाधिक संख्या इंदौर के बच्चों की है. इस स्थिति के मद्देनजर अब आईआईएम इंदौर और इंदौर पुलिस मिलकर बाल अपराध और मानव तस्करी के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाएंगे. इस दिशा में पहली बार इंदौर पुलिस और iim के बीच बाल अपराध और मानव तस्करी से जुड़े विषय कर एक MOU साइन किया गया है.

गायब बच्चों में 80 फीसदी बच्चियां: दरअसल मध्यप्रदेश में हर साल गायब होने वाली बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है. जो बच्चे गायब हो रहे हैं उनमें भी 80 फीसदी बच्चियां हैं. इनमें आदिवासी अंचल के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे ज्यादा हैं जो कई सालों से लापता हैं. लिहाजा अब इन बच्चों की मानव तस्करी की नेटवर्किंग की पड़ताल के साथ ऐसे बच्चों के घर छोड़कर जाने के कारणों पर एक संयुक्त एमओयू साइन किया गया है. अपनी तरह के इस कार्यक्रम में आई एम इंदौर पुलिस के साथ मिलकर एक ऐसे रिसर्च पर काम करेगी जिसमें दर्शाया जाएगा कि बच्चों के घर छोड़कर जाने के क्या कारण हैं अथवा उन्हें अगवा किस कारण से और कहां के लिए किया जा रहा है.

गायब होने के 2 फैक्टर: आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर हिमांशु राय ने बताया ''बच्चों के घर छोड़कर जाने के 2 फैक्टर होते हैं. जिसमें पुल फैक्टर और पुष फेक्टर एक बड़ी वजह होती है. जो मिसिंग बच्चे हैं उनके घर छोड़कर जाने में दो तरह के फैक्टर होते हैं एक pull factor बाहर का आकर्षण और एक push factor घर का तनाव और दुर्व्यवहार. जिसके चलते बच्चे लापता हो जाते हैं. इसके अलावा मानव तस्करी के अपराध से जुड़े ऐसे भी नेटवर्क हैं जिनके चंगुल में फंसने के बाद बच्चे गायब हो जाते हैं.''

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आईआईएम करेगा काम: डॉ. हिमांशु राय के मुताबिक आईआईएम इंदौर बच्चों के लापता होने के विषय में काम करेगा, इस कार्यक्रम के दौरान ऐसे मामलों के जानकार की पुलिस अधिकारियों से चर्चा की जाएगी. इसके अलावा इस क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ से बात की जाएगी और उन परिवारों से बात की जाएगी. जिनके बच्चे जा चुके हैं, इससे यह पता चलेगा के कौन बच्चा परिवार से नाराज है या संतुष्ट नहीं है और उसके घर छोड़कर जाने की संभावना है. इससे पुलिस को यह लाभ मिलेगा कि वह अपने एफर्ट्स किस फैमिली या एरिया में लगाए.

मानव तस्करी का गढ़ बनता इंदौर: डॉ हिमांशु राय ने बताया ''मध्यप्रदेश में भी इंदौर से गायब होने वाले बच्चों का आंकड़ा सबसे बड़ा है. पुलिस कमिश्नर मकरंद देउसकर ने बताया, आईआईएम इन विषयों पर रीसर्च करेगी. इंदौर पुलिस इनको सहयोग करेगी जिसमें डाटा शेयरिंग विक्टिम के बारे में जानकारियां और जांच अधिकारियों के इंटरव्यू आईआईएम को करवाई जाएगी.''

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