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पुरुष नसबंदी में फिसड्डी साबित हुआ हरदा जिला, एक साल में केवल सात लोगों ने कराई नसबंदी

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Published : Nov 19, 2019, 5:50 PM IST

हरदा

मध्यप्रदेश का हरदा जिला पुरुष नसबंदी के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है. आंकड़ों पर गौर करते तो यहां के पुरुष नसबंदी के प्रति जागरुक नजर नहीं आते. स्वास्थ्य विभाग ने 2019 में जिलेभर में 450 पुरुष नसबंदी का लक्ष्य रखा था. लेकिन अब तक केवल सात लोगों ने ही नसंबदी कराई हैं.

हरदा। प्रदेश का हरदा जिला पुरुष नसबंदी में फिसड्डी साबित हो रहा है. यहां पुरुषों में नसबंदी के प्रति रुचि नहीं दिखाई देती. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग को एक साल के लिए मिले निर्धारित लक्ष्य 450 के मुकाबले वर्ष 2019-20 में पूरे जिले अब तक केवल सात पुरुषों ने ही नसबंदी कराई है.

पुरुष नसबंदी में फिसड्डी साबित हुआ हरदा जिला

इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दो चरणों मे पुरुषों की नसबंदी के लिए पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है. जिसके तहत 21 से 27 नवंबर तक मोबिलाइजेशन चरण और 28 नवंबर से 4 दिसम्बर तक सेवा प्रदायगी चरण के तहत जिला अस्पताल हरदा के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हंडिया, खिरकिया और टिमरनी में पुरूषों की नसबंदी की जाएगी.

हरदा जिले की कुल जनसंख्या 6 लाख 16 हजार 382 है. जिले में महिला नसबंदी के लिए 3481 एवं पुरुष नसबंदी के लिए 450 का लक्ष्य परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत जिले को मिला है. जिसमे शहरी क्षेत्र हरदा, टिमरनी के साथ-साथ निजी अस्पताल में अब किसी भी पुरुष ने नसबंदी के प्रति रुचि नहीं दिखाई है. जबकि हंडिया और खिरकिया में चार से तीन पुरुषों ने ही नसबंदी कराई है. यदि हम पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ो पर नजर डाले तो कुछ उनमें में विभाग पुरुषों को नसबंदी कराने को लेकर तैयार करने में सफल नहीं हो पाया है.

2014-15 में 29पुरुष
2015-16 में 47 पुरुष
2016-17 में 38 पुरुष
2017-18 में 21 पुरुष
2018-19 में 15 पुरुष
2019-20 में अब तक केवल 7 पुरुषों ने ही नसबंदी कराने में रुचि दिखाई है

पुरुषों के द्वारा नसबंदी नही कराए जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के सामने पुरुषों में नसबंदी कराने के बाद कमजोरी होने की बात सामने आई है. स्वास्थ्य विभाग से जुड़े डॉक्टर्स ओर कर्मचारियों सहित जिले के अधिकारियों ने भी शासन की इस मंशा के प्रति जागरूकता नही दिखाई है. जिससे अब लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग अब सरकारी कर्मचारियों को भी प्रेरित करेगा.

Intro:मध्यप्रदेश का हरदा जिला पुरुष नसबंदी में फिसड्डी साबित हो रहा है।यहां पुरुषों में नसबंदी के प्रति रुचि नहीं दिखाई है।जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग को एक साल के लिए मिले निर्धारित लक्ष्य 450 के मुकाबले वर्ष 2019-20 में पूरे जिले अब तक केवल 7 पुरुषों ने ही नसबंदी कराई है।लक्ष्य पूर्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दो चरणों मे पुरुषों की नसबंदी के लिए पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है।जिसके अंतर्गत 21से 27 नवंबर तक मोबिलाइजेशन चरण एवं 28 नवंबर से 4 दिसम्बर तक सेवा प्रदायगी चरण के तहत जिला अस्पताल हरदा,सामुदायिकस्वास्थ्य केंद्र हंडिया,खिरकिया एवं टिमरनी में पुरूषों की नसबंदी की जाएगी।


Body:हरदा जिले की कुल जनसंख्या छः लाख सोलह हजार तीन सौ बयासी के मुकाबले में महिला नसबंदी के लिए 3481 एवं पुरुष नसबंदी के लिए 450 का लक्ष्य परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत जिले को मिला है। जिसमे शहरी क्षेत्र हरदा,टिमरनी,एवं निजी अस्पताल में अब किसी भी पुरुष ने नसबंदी के प्रति रुचि नहीं दिखाई है।जबकि हंडिया और खिरकिया में क्रमशः 4 एवं 3 पुरुषों के नसबंदी कराई है।यदि हम पिछले कुछ वर्षों के आकड़ो पर नजर डाले तो कुछ उनमें में विभाग पुरुषों को नसबंदी कराने को लेकर तैयार करने में सफल नहीं हो पाया है।वर्ष
2014-15 में 29पुरुष
,2015-16 में 47 पुरुष
2016-17 में 38 पुरुष
2017-18 में 21 पुरुष
2018-19 में 15 पुरुष
एवं 2019-20 में अब तक केवल 7 पुरुषों ने ही नसबंदी कराने में रुचि दिखाई है।


Conclusion:पुरुषों के द्वारा नसबंदी नही कराए जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के सामने पुरुषों में नसबंदी कराने के बाद कमजोरी होने की बात सामने आई है।चुकी स्वास्थ्य विभाग से जुड़े डॉक्टर्स ओर कर्मचारियों सहित जिले के अधिकारियों ने भी शासन की इस मंशा के प्रति जागरूकता नही दिखाई है।अतः अब लक्ष्य को पूरा करनेके लिए विभाग अब सरकारी कर्मचारियों को भी प्रेरित करेगा।
बाईट- डॉ कमलेश गौर
जिला स्वास्थ्य अधिकारी जिलाअस्पताल हरदा
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