ETV Bharat / state

देश की शोभा बढ़ा रहा ग्वालियर में बना तिरंगा

author img

By

Published : Jan 24, 2021, 1:02 PM IST

Updated : Jan 24, 2021, 4:58 PM IST

ग्वालियर के मध्य भारत खादी केंद्र द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिंरगे का निर्माण किया जाता है. इस पर केंद्र द्वारा गणतंत्र दिवस के लिए अब तक 18 लाख के तिंरगे सप्लाई किए जा चुके है.

Gwalior
ग्वालियर में बना तिरंगा

ग्वालियर। भारत की आजादी में ग्वालियर का प्रमुख योगदान रहा है. आजादी के इतने साल बीत जाने के बाद भी ग्वालियर आजाद हिंदुस्तान की आन-बान-शान कहीं जाने वाली तिरंगे का निर्माण करके अभी भी पूरे देश में अपना नाम रोशन कर रहा है. राष्ट्रीय ध्वज किसी भी देश की प्रमुख पहचान होती है और आपको यह जानकर गर्व होगा कि देश भर की शासकीय और अशासकीय कार्यालय के साथ-साथ कई मंत्रालयों पर लहराने वाला तिरंगा झंडा ग्वालियर में तैयार होते हैं. ग्वालियर शहर में तिरंगा इस देश का तीसरा और प्रदेश का इकलौता मध्य भारत खादी संघ बना रहा है. खास बात यह है कि जब भी देश के किसी कोने में तिरंगा फहराया जाता है तब ग्वालियर का जिक्र सभी की जुबान पर होता है.

देश की शोभा बढ़ा रहा ग्वालियर में बना तिरंगा

तिंरगे देश में मुंबई हुगली और ग्वालियर के केंद्र में ही बनाए जाते हैं. खादी केंद्र की मैनेजर का कहना है कि किसी भी आकार के तिरंगे को तैयार करने में उनकी टीम को पांच से 6 दिन का समय लगता है. इन दोनों यूनिट में 26 जनवरी के लिए तिरंगे तैयार किए जा रहे हैं. यहां बनने वाले तिरंगे मध्यप्रदेश के अलावा बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात सहित एक दर्जन से अधिक राज्यों में पहुंचाए जाते हैं. गौरव की बात यह है कि देश के अलग-अलग शहरों में स्थित आर्मी इमारतों पर ग्वालियर में बने तिरंगे शान बढ़ाते हैं.

ग्वालियर मध्य भारत खादी संघ 3 साइज के तैयार करते हैं तिरंगे

ग्वालियर मध्य भारत खादी संघ में आईएसआई प्रमाणित तीन साइज के तिरंगे तैयार किए जाते हैं, जिनमें 2 बाई 3 फीट, 6 बाई 4 फीट और 3 बाई साढ़े 4 फीट के झंडे शामिल है. राष्ट्रध्वज बनाने के लिए मार्को का ख्याल रखना होता है, जिसमें कपड़े की क्वालिटी,रंग और चक्र का साइज बहुत जरूरी है. उसके बाद खादी संघ जिले में इन सभी चीजों का टेस्ट किया जाता है. कुल 9 मानकों को ध्यान में रखते हुए हमारे राष्ट्रीय ध्वज तैयार किए जाते हैं.

अन्य राज्यों को 18 लाख रुपए के राष्ट्रीय ध्वज हो चुके हैं सप्लाई

26 जनवरी के लिए मध्य भारत खादी संघ के द्वारा 18 लाख के तिरंगे सप्लाई किए जा चुके हैं. यह तिरंगे देश के अलग-अलग राज्यों में सप्लाई किए जा रहे हैं, लेकिन अबकी बार तिरंगों की यह सप्लाई पहले की तुलना में बहुत कम है और इसका सबसे ज्यादा असर कोरोना संक्रमण से हुआ है. कोरोना संक्रमण के कारण अबकी बार तिरंगे की बिक्री पर खासा प्रभाव पड़ा हैं.

कोरोना संक्रमण के कारण प्रोडक्शन में 40 फ़ीसदी की कमी

साल 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण ग्वालियर की मध्य भारत खादी संघ पर भी काफी असर देखने को मिला था, जिससे खादी संघ के प्रोडक्शन में 40 फ़ीसदी की कमी आई थी, जिससे संस्था लगभग 30 लाख रुपए का नुकसान हुआ था. खादी संघ इकाई का टर्नओवर साल में लगभग 40 से 50 लाख रुपए का है. कोरोना संक्रमण के कारण टर्नओवर में काफी गिरावट आई है, लेकिन उम्मीद है आगे आने वाले समय में अब हालात सामान्य होते जा रहे हैं.

ये भी पढ़े-साइकिल से अयोध्या की तिरंगा यात्रा पर युवक, दे रहा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश

ग्वालियर में स्थित इस केंद्र की स्थापना साल 1925 में चरखा संघ के तौर पर हुई थी. साल 1956 में मध्य भारत खादी संघ को आयोग का दर्जा मिला. इस संस्था से मध्य भारत के कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियां भी जुड़ी रहीं. उनका मानना है कि किसी भी खादी संघ के लिए तिरंगे तैयार करना बड़ी मुश्किल का काम होता है, क्योंकि सरकार की अपनी गाइडलाइन है उसी के अनुसार तिरंगे तैयार करने होते हैं, यही कारण है कि जब यहां तिरंगे तैयार किए जाते हैं तो उनकी कई बार बारीकियों से मॉनिटर की जाती है.

Last Updated : Jan 24, 2021, 4:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.