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आने वाला है 'थैला बैंक' : शहर होगा 'मालामाल'

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Published : Feb 18, 2021, 8:07 PM IST

Updated : Feb 18, 2021, 10:27 PM IST

thaila bank
थैला बैंक करेगा 'मालामाल'

प्लास्टिक और पॉलीथिन, सेहत और शहर के दुश्मन हैं . इनसे मुक्ति पाने के लिए ग्वालियर नगर निगम 'थैला बैंक' बनाने जा रहा है. थैला बैंक के लिए नगर निगम लोगों को कॉटन के थैले बांटेगा. अगले हफ्ते तक 'थैला बैंक' शुरु होने की उम्मीद है .

ग्वालियर । ग्वालियर नगर निगम जल्द ही शहर में "थैला बैंक" खोलने जा रहा है. बैंक में महिला स्वयं समूह कॉटन के बैग बनाएंगे. इन्हें निगम खरीदेगा और बाजार में बेचेगा. थैला बैंक का मकसद प्लास्टिक और पॉलिथीन के इस्तेमाल को कम करना है. अगले हफ्ते तक शहर में थैला बैंक शुरु होनी की उम्मीद है.

सेहत और शहर का दुश्मन प्लास्टिक

ग्वालियर में प्लास्टिक और पॉलीथिन के इस्तेमाल से जानवरों की मौत के कई मामले सामने आए हैं. प्लास्टिक से कई तरह की बीमारियों का भी खतरा रहता है. साथ ही पॉलीथिन से कई बार ड्रेनेज सिस्टम जाम हो जाता है. नगर निगम ने अब इसका तोड़ निकाला है. नगर निगम एक थैला बैंक बनाने जा रहा है. थैला बैंक के माध्यम से लोगों को कॉटन के थैले दिए जाएंगे. निगम अधिकारियों के मुताबिक अगले हफ्ते थैला बैंक शुरु हो जाएगा.

आने वाला है 'थैला बैंक'

कौन बनाएगा थैलै ?

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं थैले बनाएंगी. ये थैले नगर निगम खरीदेगा. कितने में खरीदेगा, कितने में बेचेगा, ये अभी तय नहीं हुआ है. उम्मीद है कि शहर के लोगों को निगम कम दाम में थैले देगा. तभी इस मुहिम का मकसद हासिल हो पाएगा.

जनता का दिल जीतने की कोशिश

शहर में प्लास्टिक और पॉलीथिन धड़ल्ले से बेची जा रही है. फल और सब्जी मंडियों में इसका खूब इस्तेमाल हो रहा है. प्लास्टिक और पॉलीथिन कई गंभीर बीमारियों को न्योता देते हैं. पॉलीथिन के इस्तेमाल को रोकने के लिए कई बार नियम कायदे बनाए गए. कुछ दिन लोग बात मानते हैं. प्रशासन ढीला पड़ा, तो फिर से पॉलीथिन धड़ल्ले से बिकने लग जाती हैं. लोगों की शिकायत होती है, कि पॉलीथिन नहीं, तो फिर सामान किस में रखकर ले जाएं. अब नगर निगम खुद थैला बैंक बना रहा है, तो उम्मीद है उसे जनता का भी साथ मिलेगा.

महिलाओं को मिलेगा रोजगार

शहर में बनाए जा रहे थैला बैंक में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं थैले बनाकर देंगी. थैला बैंक से कई महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा. पहले शहर में एक सेंटर खोला जा रहा है. पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद शहर में अलग-अलग जगहों पर थैला बैंक बनाया जाएगा. फिलहाल थैला बैंक में 50 महिलाओं को जोड़ा जा रहा है.

हर जगह थैले पहुंचाना बड़ी चुनौती

नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा का कहना है, कि थैले बनने के बाद इनकी सप्लाई के लिए शहर के व्यापारिक संगठनों से चर्चा की जाएगी . थैलों की मार्केटिंग का प्लान तैयार किया जाएगा. ज्यादा से ज्यादा लोगों तक थैला पहुंचाना एक बड़ा टास्क होगा. इसके लिए चेन सिस्टम डवलप करना होगा. बड़े व्यापारियों से लकर ठेला चलाने वालों को इसमें शामिल करने की जरूरत होगी.

दो बातों पर निर्भर है 'थैला बैंक' की सफलता

पॉलीथिन और प्लास्टिक गांव से लेकर शहर तक लोगों की सेहत बिगाड़ रहे हैं. शहर का ड्रेनेज सिस्टम अक्सर पॉलीथिन से जाम हो जाता है. ग्वालियर नगर निगम की पहल स्वागत योग्य है. लोगों को अब थैला बैंक का इंतजार है. नगर निगम के सामने चैलेंज बड़ा है. दो बातों पर थैला बैंक की सफलता निर्भर करती है. एक, ज्यादा से ज्यादा लोगों तक थैला पहुंचे. दूसरा, इसकी कीमत इतनी हो कि लोग इसे बोझ ना समझें.. ये परीक्षा नगर निगम की प्लानिंग की है. अगर निगम ने दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई, तो शहर का कायाकल्प हो सकता है.

Last Updated :Feb 18, 2021, 10:27 PM IST
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