ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक नाबालिग लड़की के पिता द्वारा पेश की गई उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पिता ने अपनी नाबालिग बेटी का गर्भपात कराने की अनुमति मांगी थी. पिता द्वारा कोर्ट को बताया गया था कि लड़की की तबीयत खराब है और वो नाबालिग होकर प्रसव वेदना को सहन नहीं कर सकती है. मामला करीब 2 महीने पुराना है. गिरवाई क्षेत्र में रहने वाली 16 साल की नाबालिग लड़की को उसका प्रेमी बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा ले गया था.
पिता ने युवक पर अपहरण का मामला दर्ज कराते हुए हाईकोर्ट ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी. बाद में गिरवाई पुलिस द्वारा लड़की को कोर्ट में पेश कर दिया लेकिन लड़की ने कोर्ट में बताया कि वो अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती है और गर्भवती है. वो अपनी और अपने बच्चे की सुरक्षा चाहती है, क्योंकि लड़की नाबालिग थी इसलिए कोर्ट ने उसे माता-पिता के सुपुर्द कर दिया.
कोर्ट ने इस बात का आश्वासन लिया कि वो लड़की और उसके होने वाली संतान का ध्यान रखेंगे. करीब एक महीने बाद पिता ने कोर्ट में गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका दायर कर दी. जब कोर्ट के संज्ञान में मामला आया तब लड़की का मेडिकल कराया गया. मेडिकल में लड़की स्वस्थ पाई गई. ऐसे में कोर्ट ने कोविड-19 के दौर में अदालत का समय बर्बाद करने के लिए पिता पर 25 हजार की जुर्माना लगाया और उसकी याचिका खारिज कर दी. इसके साथ ही कोर्ट ने लड़की के माता-पिता के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का नोटिस भी जारी किया है.