ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradhuman Singh Tomar) ने मोतीझील इलाके में टांसफार्मर और बिजली के पोल पर चढ़कर चिड़ियों के घोंसले, झाड़ियां और बेल हटाई थी. इस मामले को लेकर ऊर्जा मंत्री अब कानूनी दांवपेच में फंसते जा रहे हैं. ग्वालियर के एक अधिवक्ता ने मामले में पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है जिसमें उन्होंने कहा है कि बिना बिजली की लाइन काटे और बगैर परमिट के बिना प्रशिक्षित व्यक्ति का बिजली के खंभे पर चढ़ना न केवल अपनी जान को जोखिम में डालना है बल्कि यह विद्युत अधिनियम में अपराध की श्रेणी में आता है.
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- केस दर्ज करने की मांग
ग्वालियर के अधिवक्ता ने पुलिस अधीक्षक से मामले में अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है. पुलिस अधीक्षक ने फिलहाल अधिवक्ता को जांच का आश्वासन दिया है. अधिवक्ता का कहना है कि बिजली के खंभे पर चढ़ने से पहले सक्षम अधिकारी परमिट जारी करता है तब कहीं जाकर पावर सप्लाई बंद होती है. उसके बाद ही मेंटेनेंस का काम किया जाता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में ऐसा नहीं हुआ, इसलिए यह विद्युत अधिनियम के तहत अपराध की श्रेणी में आता है. इसमें 3 साल की सजा और 10,000 रुपए का जुर्माने का प्रावधान है. अधिवक्ता ने आगे कहा कि पुलिस और बिजली कंपनी यदि इस पर कोई एक्शन नहीं लेती है तो वह न्यायालय में याचिका दायर करेंगे.