ग्वालियर। जिले में लगातार सड़क हादसों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. जिसमें सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन हैं, जो सड़क हादसे का शिकार हो रहे हैं. यही वजह है जिले में ऐसे रोज 1 से 2 परिवार जो सड़क हादसे में अपने करीबी को खो हो रहे हैं. दुपहिया वाहन सड़क हादसे के कई कारण है, जिसके चलते हादसे का शिकार होते हैं. जिले में 3 सालों में हुए दो पहिया वाहन सड़क हादसे का आंकड़ा देखें तो यह लगातार हर साल तेजी से बढ़ रहा है. इसको लेकर ट्रैफिक विभाग लगातार लोगों को जागरूक करता है, चालानी कार्रवाई के साथ-साथ जागरूकता अभियान के तहत वाहन चालकों को जागरूक करने का काम करता है. इसके बावजूद भी यह प्रयास उनका सफल नहीं हो पा रहा है. लोग दो पहिया वाहन चलाते समय सड़क हादसे का शिकार हो रहे हैं.
जिले में हो रहे दो पहिया सड़क हादसे की कई कारण है. जिसमें प्रमुख सड़के खराब होना, दुपहिया वाहन को अनियंत्रित रफ्तार से चलाना और हेलमेट का प्रयोग न करना है. वहीं दो पहिया वाहन चलाते समय सबसे ज्यादा मौतें हेलमेट न लगाने से होती है. आज भी जिले में 70% ऐसे दुपहिया वाहन चालक हैं, जो वाहन को चलाते समय हेलमेट का प्रयोग नहीं कर रहे हैं. यही वजह है की सड़क हादसे में उनकी जान चली जाती है.
खराब सड़क और तेज रफ्तार वाहन ले रहे युवाओं की जान
ज्यादातर दो पहिया वाहन सड़क हादसे होने की मूल वजह तेज रफ्तार है. सड़क हादसे में सबसे ज्यादा युवा शिकार बन रहे हैं. इसका कारण है कि युवा दो पहिया वाहन को तेज रफ्तार से फर्राटे भरते हैं. शहर की सड़कों की हालत ऐसी नहीं है कि उस पर 60 से ज्यादा रफ्तार में वाहन को सुरक्षित चलाया जा सके. जबकि यह युवा दो पहिया वाहन को 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक रफ्तार में ले जाते दिखाई देते हैं.
दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट ना लगाने से हो रही है मौतें
ग्वालियर जिले में 70% ऐसे दो पहिया वाहन चालक ने जो हेलमेट का उपयोग नहीं कर रहे हैं. यही वजह है कि जब तेज रफ्तार में चलते हैं तो दो पहिया वाहन अनियंत्रित होकर हादसे का शिकार हो जाता है. इसमें वाहन चालक की मौत हो जाती है. सबसे ज्यादा दुपहिया वाहन चलाने से हुई मौतों का आंकड़ा यह दर्शाता है, इनमें सबसे ज्यादा वाहन चालक ऐसे हैं, जो हेलमेट का उपयोग नहीं कर रहे थे.
हेलमेट को लेकर ट्रैफिक विभाग भी नहीं है गंभीर
शहर में अधिकतर ऐसे दो पहिया वाहन चालक हैं जो हेलमेट का उपयोग नहीं करते हैं. क्योंकि उन्हें चालान और पुलिस कार्रवाई का कोई डर नहीं है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पुलिस विभाग हेलमेट लगाने को लेकर गंभीर नहीं है. वह कभी कभार चौराहे पर खड़ा होकर हेलमेट को लेकर चालानी कार्रवाई करता है. उसके बाद वह महीनों भर गायब हो जाते हैं. यही वजह है वाहन चालक बेखौफ बिना हेलमेट लगाए वाहन चलाते नजर आते हैं.
जिले में साल 2018 में वाहन चालकों के हादसे का आंकड़ा
- घायल -1528
- गंभीर -80
- मौत -291
2019 का आंकड़ा
- घायल - 1617
- गंभीर - 43
- मौत - 294
2020 का आंकड़ा
- घायल - 973
- गंभीर - 75
- मौत - 217
वहीं जिले भर में 3 सालों में सड़क हादसे में हुए घायल लोगों के आंकड़ों की बात करें तो 3 साल में 4118 लोग सड़क हादसे में घायल हुए हैं.
ठंड के समय कोहरे के कारण बढ़ जाते हैं दोपहिया वाहनों के सड़क हादसे
वैसे तो रोज दोपहिया वाहनों की सड़क हादसे हो रहे हैं. इस समय ठंड का मौसम है. जैसे ही कोहरा पड़ने लगता है, वैसे ही दोपहिया वाहनों के सड़क हादसे का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ने लगता है. कोहरे के कारण सबसे ज्यादा दुपहिया वाहन सड़क हादसे का शिकार होते हैं.