ETV Bharat / state

MP Seat Scan Dewas: यहां पैलेस से तय होती है BJP की भूमिका, देवास सीट पर 3 दशक से पवार राजपरिवार का कब्जा, जानिए क्या हैं राजनीतिक परिदृश्य

author img

By

Published : Aug 10, 2023, 7:09 PM IST

Updated : Aug 10, 2023, 8:30 PM IST

चुनावी साल में ईटीवी भारत आपको मध्यप्रदेश की एक-एक सीट का विश्लेषण लेकर आ रहा है. आज हम आपको बताएंगे देवास विधानसभा सीट के बारे में.

MP Seat Scan Dewas
एमपी सीट स्कैन देवास

देवास। मध्यप्रदेश के देवास जिले में पांच विधानसभा सीट हैं. जिसमें प्रमुख विधानसभा सीट देवास ही है. अगर हम भौगोलिक पृष्ठ भूमि की बात करें तो देवास जिला विध्यांचल पर्वत की श्रृंखला के चलते दो भागों में बटा नजर आता है. जिसका एक हिस्सा ऊपर तो दूसरा विध्यांचल के नीचे है. देवास में मां चामुंडा व तुलजा भवानी वास करती हैं. इसलिए यह एक धार्मिक नगरी के रूप में पहचान जाता है. यह मान्यता है कि इसका नाम भी देवों का वास होने ही वजह से देवास पड़ा हैं.

इंडस्ट्रियल हब: देवास में नोट छपाई से लेकर 200 से अधिक बड़ी व छोटी औधोगिक इकाइयां हैं. जहा हजारों लोग कार्य करते हैं. इसी के साथ यह एक बड़ी औधोगिक नगरी भी है. जहां बैंक नोट प्रेस से लेकर कई छोटी बड़ी कंपनियां हैं.

MP Seat Scan Dewas
देवास क्षेत्र की खासियत

राजनीतिक समीकरण: आपको बता दें की करीब 3 दशक से देवास विधानसभा सीट पर पवार राजपरिवार का कब्जा रहा है. बीजेपी की मुख्य राजनीति पैलेस से ही तय होती है. यहां से भाजपा से पूर्व मंत्री स्वर्गीय तुकोजीराव पवार 6 बार लगातार विधायक चुने गए थे. उसके बाद उनकी धर्मपत्नी गायत्री राजे पवार यहां से दो बार विधायक चुनी जा चुकी हैं. इस विधानसभा सीट पर वोटर का अटैचमेंट कैंडिडेट से होता आ रहा है.

MP Seat Scan Dewas
देवास सीट का जातीय समीकरण

राजनीतिक पृष्ठभूमि: देवास विधानसभा सीट की बात करें तो यहां तीन दशक से अधिक समय से भाजपा का कब्जा है. दिवंगत तुकोजीराव पवार ने जीत का जो तिलस्म रचा था, उसे तोड़ने में कांग्रेस विफल रही. भाजपा के चुनावी मैनेजमेंट और मजबूत संगठन के आगे कांग्रेस कमजोर साबित हुई. यही कारण है कि भाजपा जीतती गई. वर्तमान में तुकोजीराव पवार की पत्नी गायत्रीराजे पवार देवास विधायक हैं. विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण, राजपूत, मुस्लिम वोट अधिक हैं. खाती समाज का भी दखल है.

MP Seat Scan Dewas
देवास सीट के मतदाता

दो हिस्सों में बटा यह क्षेत्र: देवास विधानसभा क्षेत्र दो हिस्सों में बटी है. एक भाग शहरी क्षेत्र का है तो दूसरा ग्रामीण, जिसे उत्तर भाग कहा जाता है. इस भाग में देवास जिले का ग्रामीण क्षेत्र आता है. इसे कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था, लेकिन पिछले कुछ समय से हालात बदले हैं और ग्रामीण मतदाता भी भाजपा के पक्ष में आए हैं. क्षेत्र में कांग्रेस का सशक्त चेहरा नहीं होने के कारण ऐसे हालात बने हैं. शहरी क्षेत्र की बात करें तो यह हार-जीत का मुख्य केंद्र हैं, क्योंकि विधानसभा क्षेत्र के लगभग 290 मतदान केंद्रों में से 55 ही ग्रामीण क्षेत्र में हैं. शेष शहरी क्षेत्र में हैं.

MP Seat Scan Dewas
देवास सीट का रिपोर्ट कार्ड

1990 से लगातार जीती भाजपा: 1957 से 1972 तक देवास में कांग्रेस के विधायक रहे. 1977 में जनता पार्टी से शंकर कानूनगो विधायक बने. 1980 व 1985 में कांग्रेस के चंद्रप्रभाष शेखर विधायक बने. इसके बाद भाजपा से तुकोजीराव पवार जीते और तब से लेकर आज तक यह सिलसिला जारी है. 2015 में पवार के निधन के बाद उपचुनाव हुए. पवार की पत्नी गायत्रीराजे पवार बनीं. 2018 में भी वे जीतीं. भाजपा की जीत के प्रमुख कारणों में से एक राजपरिवार के प्रति आदरभाव भी है. देवास रियासत के महाराज होने के चलते जनता की सहानुभूति रहती है. एक ही बार ऐसा हुआ है. जब कांग्रेस के रतनलाल चौधरी ने तुकोजीराव पवार को टक्कर दी थी. खाती वोटों के कारण उस समय भाजपा की लीड 10 हजार के अंदर आई थी. बाद में लीड 25 हजार से ऊपर ही रही.

कुछ और सीट स्कैन यहां पढ़ें...

MP Seat Scan Dewas
साल 2018 का रिजल्ट

इस विधानसभा चुनाव के दावेदार: भाजपा से गायत्री राजे पवार सबसे बड़ी दावेदार हैं. वहीं कांग्रेस से प्रदीप चौधरी कोरोना महामारी से आम जनता की हर संभव मदद करने के लिए लगातार सक्रिय भूमिका में हैं. वर्तमान में अपनी परिवर्तन यात्रा के माध्यम से पूरी देवास विधानसभा में पद यात्रा कर रहे हैं. इसके अलावा कांग्रेस से प्रवेश अग्रवाल मां नर्मदा सेना के माध्यम से लगातार धार्मिक आयोजनों, कलश यात्राएं, धार्मिक कथाएं करते नजर आ रहे हैं.

mp seat scan
गायत्री राजे पवार विधायक

पैकी प्लाट की समस्या: हालांकि देवास में अब भी पैकी प्लाट की समस्या बनी हुई है. जिसकी वजह से गरीब व मध्यम तबके के शहरवासी काफी परेशान हैं. यह एक ज्वलंत मुद्दा भी है, जो आगामी विधानसभा चुनाव में प्रमुख रहेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कई बार मंच से पैकी प्लाट की समस्या को दूर करने की घोषणा तो करते हैं, लेकिन आज तक दूर नहीं हुई है.

क्षेत्र की जनता की जरूरत: इस विधानसभा क्षेत्र में पानी को लेकर सालों से राजनीति बनी रहती है. एक समय तो ऐसा था कि पानी की किल्लत को दूर करने के लिए पूर्व मंत्री व देवास विधायक रहे तुकोजीराव पवार को ट्रेन से पानी मंगवाना पड़ा था. बाद में शिप्रा जल योजना, नर्मदा जल योजना से पानी पहुंच रहा है, तब भी आम जनता को पूर्ति नहीं हो पाती है.

Last Updated : Aug 10, 2023, 8:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.