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मजदूरी मांगने पर मिली धमकी, मजदूरों ने परिवार सहित कलेक्ट्रेट में किया विरोध-प्रदर्शन

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Published : Apr 13, 2019, 1:46 PM IST

मजदूर बीवी-बच्चों समेत कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन

सिंगरामपुर के जंगलों में काम कर रहे मजदूर मजदूरी नहीं मिलने से परेशान हैं. जिसके बाद वे बीवी-बच्चों सहित कलेक्ट्रेट पहुंचे और एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर विरोध-प्रदर्शन किया. मजदूरों ने आरोप लगाया कि मेहनताना मांगने पर रेंजर धमकी देता है.

दमोह। जिले के सिंगरामपुर के जंगलों में बीते 2 महीनों से गड्ढे खोदने का काम कर रहे मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली है. जब मजदूरों ने रेंजर से अपनी मजदूरी मांगी, तो उसने मजदूरों को धमकी दे डाली और कहा जो करना है कर लो, लेकिन मजदूरी नहीं मिलेगी. जिसके बाद मजदूर बीवी-बच्चों समेत कलेक्ट्रेट पहुंचे और एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर धरना-प्रदर्शन किया.


सिंगरामपुर बीट के जंगलों में वन विभाग उमरिया जिले के इन मजदूरों से गड्ढे खुदवाने का काम करा रहा है. मजदूरों का कहना है कि 2 महीने तक लगातार काम भी किया, लेकिन जब मजदूरों के भुगतान का वक्त आया, तो बीट पर काम कराने वाले रेंजर ने पैसे देने से इंकार कर दिया. इससे नाराज किसानों ने कलेक्ट्रेट में धरना-प्रदर्शन किया.

मजदूरों का धरना प्रदर्शन


वहीं एसडीएम नारायण सिंह ने मजदूरों की परेशानी सुनकर सरकारी रेट के मुताबिक भुगतान कराने का आश्वासन दिया है. बता दें कि वन विभाग के अमले द्वारा मजदूरों को समय पर मजदूरी का भुगतान नहीं कराए जाने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी दमोह के जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में इस तरह से मजदूरों का जमावड़ा लगता रहा है.

Intro:मेहनत का पैसा मांगने पर मिली धमकी, तो न्याय पाने 35 मजदूर पहुंच गए कलेक्टर के दरवाजे

दमोह जिले के सिंगरामपुर बीट के जंगलों में 35 मजदूरों ने किया गड्ढों को खोदने का काम

रेंजर के दुर्व्यवहार से परेशान 2 माह की नहीं मिली मजदूरी तो बीवी बच्चों के साथ कलेक्टर से लगाई गुहार

Anchor. दमोह जिले के सिंगरामपुर के जंगलों में बीते 2 माह से गड्ढे खोदने का काम कर रहे उमरिया जिले के मजदूरों को जब बीट मैं किए गए काम के बाद उनकी मेहनत का पैसा नहीं मिला, तो उन्होंने वहां के रेंजर से गुहार लगाई. लेकिन जब रेंजर ने इन मजदूरों को कुछ भी कर लेने की धमकी दे डाली, तो यह मजदूर बीवी बच्चों के साथ अपना सामान लेकर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए. यहां पर इन मजदूरों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर उनकी मजदूरी के करीब ₹300000 दिलाए जाने की गुहार लगाई है.


Body:Vo. दमोह जिले में वन विभाग द्वारा गड्ढे का काम कराने के लिए उमरिया जिले के इन मजदूरों को काम दिया गया था. 2 महीने तक लगातार इन मजदूरों ने काम भी किया, लेकिन जब मजदूरों के भुगतान का वक्त आया, तो बीट पर काम कराने वाले रेंजर ने कम पैसा देने की पेशकश की. जिस पर मजदूरों ने नियम के मुताबिक पैसा देने की मांग की. लेकिन इस पर रेंजर में मजदूरी करने वाले मजदूरों पर भड़कते हुए कुछ भी कर लेने की धमकी दे डाली. इन मजदूरों ने रेंजर से फिर पैसों की मांग की लेकिन जब मजदूरों को एक भी पैसा नहीं देने की बात रेंजर ने कहीं तो मजबूरी में यह मजदूर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गए. अपने बीवी बच्चों के साथ गृहस्थी का गिनती का सामान लेकर पहुंचे.

बाइक रामजी मजदूर

बाइट सोनिया बाई मजदूर

Vo. पीड़ित मजदूरों ने जब कलेक्ट्रेट के परिसर में सामान रखकर अपनी पीड़ा सुनाई, तो एसडीएम नारायण सिंह ने मजदूरों की परेशानी को सुनकर सरकारी रेट के मुताबिक भुगतान कराने का आश्वासन दिया.

बाइट नारायण सिंह


Conclusion:uhVo. वन विभाग के अमले द्वारा मजदूरों को समय पर मजदूरी का भुगतान नहीं कराए जाने का यह पहला मामला नहीं है. पहले भी दमोह के जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में इस तरह से मजदूरों का जमावड़ा लगता रहा है. जो कलेक्टर से वन विभाग के रेंजर द्वारा मजदूरी भुगतान में पैदा की जा रही परेशानी को बताने के लिए आए थे. देखना होगा वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में मामले के आने के बाद कब तक कार्रवाई होती है, तथा रेंजर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मजदूरों का भुगतान कराया जाता है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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