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देवेंद्र हत्याकांड: विधायक पति की फरारी पर शिवराज सरकार को 'सुप्रीम' फटकार

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Published : Mar 13, 2021, 7:29 PM IST

Devendra Chaurasia murder case
देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड

देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड केस में मध्यप्रदेश सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा है कि आप पीड़ित पक्षकार के साथ खड़े हैं या अभियुक्त को सपोर्ट कर रहे हैं.

दमोह। पथरिया विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह परिहार की जमानत याचिका रद्द करने की सुनवाई शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में थी. इस पर मध्यप्रदेश सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा है कि आप पीड़ित पक्षकार के साथ खड़े हैं या अभियुक्त को सपोर्ट कर रहे हैं. सबसे पहले आप अपनी जगह क्लियर करिए कि आप किसके साथ है. क्योंकि जो सरकार का आचरण है वह यह दर्शाता है कि मध्यप्रदेश सरकार अभियुक्त को सपोर्ट कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल पूछा है कि इस मामले में अभी तक क्या कार्रवाई की गई है? दो हफ्ते में गोविंद सिंह परिहार को गिरफ्तार कर उसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सबमिट करने के निर्देश दिए हैं. इस केस की सुनवाई अब आगे दो हफ्ते के बाद होगी.

devendra chaurasia
देवेंद्र चौरसिया

क्या है पूरा मामला

कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट के तल्ख तेवर देखने को मिले हैं. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी.वाय चंद्रचूड़ और जस्टिस ने साफ तौर पर कहा है कि जंगल के कानून से यह देश नहीं चलता है. यहां कानून का राज चलता है. यह देश संविधान के हिसाब से चलता है. अभी तक मध्यप्रदेश सरकार की नाकामी है कि बसपा विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह परिहार को गिरफ्तारी नहीं करा सकी है. कोर्ट में मध्यप्रदेश सरकार ने यह बात कही कि गोविंद सिंह, फरार है, लापता हैं. इस वजह से उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर कहा कि यहा जंगल का कानून नहीं है, यहां पर संविधान का रूल चलता है. कोई भी सरकार, संविधान के हिसाब से चलती है. गोविंद सिंह की गिरफ्तारी तुरंत करने के निर्देश पुलिस महानिदेशक को दिए हैं. वही जो एसपी दमोह हैस उनको हटाने के निर्देश भी दिए हैं. लेकिन इस पर कोई आदेश अभी तक नहीं आया है.

With Govind Singh Rambai
गोविंद सिंह रामबाई के साथ

एडीजे कोर्ट के जज ने किया था जान से खतरा होने का जिक्र

विगत दिनों एडीजे कोर्ट के जज ने दमोह एसपी और एडिशनल एसपी से अपने आप को जान का खतरा बताया था और देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड की सुनवाई दूसरे जज से कराने का आग्रह किया था. उन्होंने एक जिला सत्र न्यायालय को लिखा था. जिसमें उन्होंने यह बात कही थी इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह ने टिप्पणी करते हुए मध्यप्रदेश की सरकार को कड़ी फटकार लगाई है और कहा कि जज को कड़ी सुरक्षा प्रदान की जाए और सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गोविंद सिंह पुराने मामले जो उन पर चल रहे हैं, उन पर वह जेल से जमानत पर बाहर है. इस बीच वह हत्या कैसे कर देते हैं ? इसके बाबजूद भी उनकी गिरफ्तारी मध्यप्रदेश सरकार नहीं कर पा रही है. कुल मिलाकर सबसे अहम और कड़े निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को दिए हैं और कड़ी फटकार लगाई है अब देखना होगा कि मध्यप्रदेश सरकार अब क्या कदम उठाती है.

Rambai With Govind Singh
गोविंद सिंह रामबाई के साथ

रामबाई ने एसी कौन सी बूटी पिलाई जो मध्यप्रदेश सरकार ने साध ली चुप्पी

यह माना कि मध्यप्रदेश सरकार को रामबाई की जरूरत है लेकिन कानून व्यवस्था को लेकर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह भी यहा पर लग रहा है. एक न्यायालय के जज जब अपने आप को जान से खतरा होने का जिक्र बताते हैं. इसके बावजूद भी मध्यप्रदेश सरकार का कोई भी बयान नहीं आता है और न ही सरकार कोई एक्शन लेती हैं. यह बड़ा प्रश्न चिन्ह कानून व्यवस्था पर खड़ा हो रहा है कि जब एक एडीजे कोर्ट के जज ही अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तो आम आदमी कैसे अपने आप को सुरक्षित महसूस करेंगा और इस मामले से जुड़े अपराधियों का इतना राजनैतिक रसूख है, इतना पॉवर है तो फिर पीड़ित पक्ष के लोग कहा जाए, किस से न्याय की गुहार लगाए. आज वह अपने आप को डरा हुआ महसूस कर रहे हैं, इसके बाद भी मध्यप्रदेश सरकार उनके साथ खड़ी नहीं है, यह एक बड़ा सवाल है कि जब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार खुद को अनुशासन और शिष्टाचार की सरकार बताती हैं लेकिन अब रामबाई ने ऐसी कौन सी जड़ी बूटी सरकार को पिला रखी है कि सरकार चुप्पी साधे हुए बैठी है और पूरे मामले पर कुछ भी नहीं कह पा रही है.

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