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जब बनेगा राम मंदिर, तभी पहनेंगे जूता चप्पल, सालों से संकल्प निभा रहे ये पंडित जी

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Published : Dec 26, 2019, 12:34 AM IST

राम मंदिर के निर्माण का संकल्प लेकर करीब 36 साल से जूते चप्पल का त्याग करने वाले दमोह के बटियागढ़ निवासी बलराम पांडे आज भी अपने संकल्प पर कायम हैं. उनका मानना है कि जिस दिन भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण अयोध्या में हो जाएगा, उस दिन वो अपने संकल्प को अयोध्या जाकर ही पूरा करेंगे.

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राम मंदिर बनने तक नहीं पहेंगें जूते-चप्पल

दमोह। जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर बटियागढ़ में रहने वाले बलराम पांडे सन 1983 में अपने दोस्तों के साथ 15 साल की उम्र में अयोध्या गए थे. वहां पर भगवान राम के दर्शन करने के लिए जब वे पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि भगवान राम कि मूर्ती एक टेंट में रखी हुई है और अन्य भगवान के मंदिर विशाल हैं.

राम मंदिर बनने तक नहीं पहेंगें जूते-चप्पल
इसी दौरान उन्होंने अपने मित्रों से इसकी वजह पूछी. तब उन्होंने बताया कि यहां पर विवाद चल रहा है और विवाद सुलझने के बाद ही मंदिर का निर्माण हो सकता है. छोटी उम्र में बलराम पांडे ने जूते और चप्पल तब तक नहीं पहनने का संकल्प ले लिया. जब तक भगवान राम का भव्य मंदिर नहीं बन जाता.

35 साल के लंबे अंतराल के बाद भी आज तक बलराम पांडे अपने उस संकल्प पर अडिग हैं, और वे जूते चप्पल नहीं पहनते. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी अब उनको उम्मीद तो है कि भगवान राम का भव्य मंदिर बनेगा, लेकिन वह कहते हैं कि भगवान राम का जब भव्य मंदिर बन जाएगा. तब अयोध्या जाकर ही वे जूते चप्पल पहनने के संकल्प को पूरा करेंगे.

Intro:राम का मंदिर बनने तक जूता चप्पल नहीं पहनने का संकल्प

सालों से यह संकल्प का पालन कर रहे दमोह के बटियागढ़ निवासी बलराम पांडे

हर मौसम में बिना जूते-चप्पल के ही करते हैं सफर, राम मंदिर के निर्माण का है सपना

Anchor. राम मंदिर के निर्माण का संकल्प लेकर करीब 36 साल से जूते चप्पल का त्याग करने वाले जिले के बटियागढ़ निवासी बलराम पांडे आज भी अपने संकल्प पर कायम है. उनका मानना है कि जिस दिन भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण अयोध्या में हो जाएगा उस दिन में अपने संकल्प को अयोध्या जाकर ही पूरा करेंगे अयोध्या पर आए फैसले के बाद अब उनको अपना संकल्प पूरा होता हुआ दिखाई दे रहा है.


Body:Vo. दमोह जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर बटियागढ़ में रहने वाले बलराम पांडे सन 1983 में अपने कुछ मित्रों के साथ 15 साल की उम्र में अयोध्या गए थे. वहां पर भगवान राम के दर्शन करने के लिए जब वे पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि भगवान राम एक टेंट में बैठे हुए हैं और अन्य भगवान के मंदिर विशाल है. इसी दौरान उन्होंने अपने मित्रों से इसकी वजह पूछी थी. तब उन्होंने बताया कि यहां पर विवाद चल रहा है और विवाद सुलझने के बाद ही मंदिर का निर्माण हो सकता है. छोटी उम्र में बलराम पांडे ने जूते और चप्पल तब तक नहीं पहनने का संकल्प ले लिया. जब तक भगवान श्री राम का भव्य मंदिर नहीं बन जाता. 35 साल के लंबे अंतराल के बाद भी आज तक बलराम पांडे अपने उस संकल्प पर अडिग हैं, और वे जूते चप्पल नहीं पहनते. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी अब उनको उम्मीद तो है कि भगवान राम का भव्य मंदिर बनेगा, लेकिन वह कहते हैं कि भगवान राम का जब भव्य मंदिर बन जाएगा. तब अयोध्या जाकर ही वे जूते चप्पल पहनने के संकल्प को पूरा करेंगे.

बाइट - बलराम पांडे संकल्प लेने वाले व्यक्ति


Conclusion:Vo. भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण को लेकर संकल्प लेने वाले बलराम पांडे मंदिरों के पास ही निवास करते हैं, और ज्यादातर वक्त मंदिरों में जाकर ही बिताते हैं. यही कारण है कि बचपन में लिया गया संकल्प इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक कायम है, और वे अपने संकल्प के पूरा होने की उम्मीद भी करते हैं.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत मध्य प्रदेश
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