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MP Chhindwara सरकार की योजनाएं भी नहीं आ रही काम, रोजगार के लिए पलायन कर रही जनजाति समाज

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Published : Nov 26, 2022, 1:42 PM IST

छिंदवाड़ा जिले में गरीबी रेखा के राशन कार्ड के जरिए मजदूरों की संख्या का बड़ा सच सामने आया है. जहां रोजगार के लिए जिले के सैकड़ों परिवार दूसरे जिलों में अस्थाई तौर पर बस (Tribal society migrating for employment) चुके हैं. रोजगार व मजदूरी के लिए जिले से पलायन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वन नेशन व राशन कार्ड योजना के आंकड़े से ये हकीकत सामने आई है.

tribal society migrating for employment
MP Chhindwara सरकार की योजनाएं भी नहीं आ रही काम

छिंदवाड़ा। वन नेशन व राशन कार्ड योजना के तहत पोर्टेबिलिटी का लाभ लेने वाले हितग्राहियों के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले के ऐसे 673 परिवार हैं, जोकि भोपाल, रायसेन, नर्मदापुरम, इंदौर, जबलपुर और नरसिंहपुर जिले से रियायती दरों पर राशन ले रहे हैं. जबकि दूसरे प्रदेशों से जिले में आने वाले मजदूरों की संख्या महज 20 से 22 की है. ऐसे में जिले में रोजगार की सुविधा और मनरेगा के तहत मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के दावे झूठे से लगते हैं.

इन जिलों में सबसे ज्यादा छिंदवाड़ा के मजदूर : छिंदवाड़ा जिले से रोजगार की तलाश में प्रदेश के अन्य जिलों में जाने वाले मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले से मजदूरी के लिए गए गरीब परिवार रायसेन, भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर के अलावा नरसिंहपुर और जबलपुर में राशन ले रहे हैं. मजदूरी के लिए परिवार इन्हीं जिलों में अस्थाई रूप से रह रहे हैं.

पन्ना: मजदूरों का रोजगार की तलाश में महानगरों की तरफ पलायन शुरू

शहर में बसे 12 हजार से ज्यादा गरीब परिवार : जिले के ग्रामीण अंचलों से काम की तलाश में शहरी क्षेत्र में आकर रह रहे गरीब परिवारों की संख्या 12 हजार 814 है. पोर्टेबिलिटी के आंकड़ों के अनुसार ये हितग्राही जिले के ग्रामीण अंचलों से निकलकर शहरी इलाकों की राशन दुकानों से राशन लेते हैं. मध्यप्रदेश में आदिवासियों के लिए पेसा एक्ट लागू होने के बाद अब सरकार और प्रशासन पेसा एक्ट की जानकारी जनजाति समाज को जागरूक करने के लिए कर रही है, लेकिन छिंदवाड़ा जिले के जनजाति बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों में अधिकतर लोग मजदूरी के लिए पलायन कर रहे हैं ऐसे में पेसा एक्ट की जानकारी लोगों तक पहुंचाने में प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ेगी.

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