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Chhindwara News: सरकारी पैसों के गबन में पुलिस ने की कार्रवाई, दो अधिकारी समेत 8 लोगों पर FIR

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Published : Jul 25, 2023, 5:10 PM IST

Chhindwara News
सरकारी पैसों के गबन मामले में की कार्रवाई

छिंदवाड़ा में सरकारी पैसों के गबन के मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है. इस मामले में पुलिस ने 2 अधिकारियों समेत 8 लोगों पर मामला दर्ज किया है. बता दें कि इस मामले में 65 लाख रुपये की हेराफेरी का आरोप है.

छिंदवाड़ा। मरे हुए कर्मचारी के परिजनों को मिलने वाले पैसों के गबन के मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है. इस मामले में पुलिस ने मोहखेड़ और छिंदवाड़ा के विकासखंड शिक्षा अधिकारी समेत विभाग के 8 कर्मचारियों पर धोखाधड़ी और सरकारी धन के दुरुपयोग की धारा के तहत मामला दर्ज किया है. विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के दो बाबुओं ने 65 लाख रुपये की हेराफेरी करते हुए अपनी-अपनी पत्नी के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कर दी. इस मामले की जांच वित्त विभाग के संभागीय कार्यालय के 5 सदस्यीय टीम ने की थी. जांच में शिक्षा विभाग के बाबू और कोषालय के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से लगभग 65 लाख रुपये से अधिक की राशि का गबन होना पाया गया है.

ऐसे किया गबन: जानकारी के अनुसार बाबू अनिल कुमार कुड़ापे ने वास्तविक दावेदार का खाता परिवर्तित कर उसके स्थान पर स्वयं का खाता दर्ज कर राशि डाली है. इसके अलावा सेवानिवृत्त, मृत कर्मचारियों के हितलाभों का भुगतान सहायक ग्रेड 2 अनिल कुमार कुड़ापे ने स्वयं और पत्नी के खाते में डलवा दिया है. ऐसे ट्रांजेक्शन जो फेल हो जाते हैं, वह राशि भी खातों में डलवा दी गई. कार्यालय में अलग-अलग सामग्री खरीदी व अन्य कार्यों के लिए बनाए गए वेंडर के खाते के स्थान पर अपना खाता नंबर दर्ज कर भुगतान प्राप्त किया. सहायक ग्रेड-3 किशोर कुमार जगदाले की ओर से अन्य विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलने वाले हितलाभ की राशि, भृत्य द्वारा अपने बैंक खाते से अन्य 2 अलग नाम के वेंडर बनाए गए हैं, जिसमें नियम खिलाफ राशि डाली गई है. इसी प्रकार वार्षिक वेतन विवरण, फेल हुए ट्रांजेक्शन, छात्रवृत्ति की राशि पत्नी के खाते में डालने, वैंडर बनाकर गलत भुगतान, कर्मचारियों के अन्य भत्तों का अधिक का भुगतान किया गया है, जबकि इसमें वित्तीय अनुमति नहीं लेते हुए अनियमित भुगतान किया गया है. छिंदवाड़ा बीईओ कार्यालय की जांच होने के बाद मोहखेड़ विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय भी जांच के घेरे में आ गया है. बताया जा रहा है कि सारना संकुल में भी कुछ गड़बड़ी सामने आई थी.

इन अधिकारियों पर हुआ मामला दर्जः वित्तीय अनिमितता को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी प्रमोद कुमार मौर्य ने कोतवाली थाने में छिंदवाड़ा विकासखंड शिक्षा अधिकारी आईएम भीमनवार, मनोहर भलावी विकासखंड शिक्षा अधिकारी मोहखेड़, अनिल कुमार कूड़ोपा सहायक ग्रेड 2 और उनकी पत्नी अंजू कूड़ोपा, किशोर जगदले सहायक ग्रेड 3, कमलेश कुमार गढ़वाल और संतोष कुमार ऊइके शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

अपनी पत्नी और खुद के खाते में डलवा दिए थे पैसेः 15 बिन्दुओं की इस जांच रिपोर्ट में जो बात सामने निकलकर आई है, उसमें बीईओ कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड 2 अनिल कुमार कुड़ापे ने वास्तविक दावेदार का खाता परिवर्तित कर इसके स्थान पर स्वयं के और पत्नी के खाते में कई बार राशि ट्रांसफर किया है. इस मामले में एक अन्य लिपिक किशोर कुमार जगदाले सहायक ग्रेड 3 के द्वारा भी इसी प्रकार खातों में राशि में ट्रांसफर करना पाया गया है. मामला बीईओ कार्यालय का होने के कारण विकासखंड शिक्षा अधिकारी आईएम भीमनवार सहित दोनों बाबू जांच के घेरे में आए थे. वित्त विभाग के संयुक्त संचालक रोहित सिंह कौशल ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जांच टीम के साथ संबंधितों से पूछताछ की थी.

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2018 से चल रहा था गबन का खेलः वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक शासन की ओर से जारी आवंटन की राशि की जांच हो रही है. संयुक्त संचालक रोहित सिंह कौशल, कलेक्टर शीतला पटले से भी मिले थे और जांच के संबंधित में जानकारी दी थी. कलेक्टर ने इस मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए निर्देशित भी किया था.

मामला खुलने के बाद बाबू ने सरेंडर की राशिः वित्त विभाग की टीम की ओर से जांच किए जाने के बाद दोनों ही बाबुओं ने राशि सरेंडर की है. जानकारी के अनुसार अनिल कुमार कुड़ापे की ओर से तकरीबन 35 लाख और किशोर कुमार जगदाले ने 6 लाख रुपये के आसपास राशि जमा कर दी है. वहीं, इन्होंने अपने बयान में इस बात को भी स्वीकार किया है कि उन्होंने कम्प्यूटर के जरिए ऐसा किया है.

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