भोपाल। भोपाल के गैस त्रासदी के पीड़ितों ने राजधानी के नीलम पार्क में मंत्री आरिफ अकील के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. गैस पीड़ितों ने कमलनाथ सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एवं गैस राहत मंत्री को उनका चुनावी वादा याद दिलाया. पीड़ितों का आरोप है कि प्रदेश सरकार अतिरिक्त मुआवजे को लेकर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने का काम कर रही है.
चार गैस पीड़ित संगठनों ने मंत्री आरिफ अकील से जवाब मांगा है, कि उन्होंने जो वादा व्हाट्सएप के जरिए लोगों से चुनाव के दौरान किया था, कि कांग्रेस की सरकार आने पर गैस पीड़ितों को अतिरिक्त मुआवजा दिलवाने के लिए वो कोशिश करेंगे, उस वादे का क्या हुआ. पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि मध्यप्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में गुमराह कर रही है. पीड़ितों का आरोप है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में गैस पीड़ितों के सही आंकड़े पेश नहीं कर रही है.
बता दें कि भोपाल गैस त्रासदी पूरी दुनिया के औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना है. 3 दिसंबर 1944 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री से निकली जहरीली गैस ने हजारों लोगों की जान ले ली थी. 35 साल बीत जाने के बाद आज भी पीड़ित इंसाफ के लिए लड़ रहे हैं. इन गैस पीड़ितों को ना तो उचित मुआवजा मिला और ना ही इलाज मिल पाया है.