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एंटीबायोटिक के दुरुपयोग को कम करने के लिए स्टेट एक्शन प्लान की बैठक

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Published : Nov 23, 2019, 5:44 PM IST

एंटीबायोटिक के दुरुपयोग को रोकने के लिए बनाए गए स्टेट एक्शन प्लान की पॉलिसी बनाने के लिए शनिवार को राजधानी में टेक्निकल बैठक की गई.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का स्टेट एक्शन प्लान बैठक

भोपाल। अगस्त में बनाए गए एंटीमाइक्रोबॉयल रेजिस्टेंस प्लान के तहत भोपाल में शनिवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्टेट एक्शन प्लान की टेक्निकल बैठक की गई. इस बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि कैसे खाद्य, खाद, फार्मेसी, मछली पालन, के क्षेत्रों में एंटीबायोटिक के दुरुपयोग पर रोक लगाई जाए.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का स्टेट एक्शन प्लान बैठक

इस बैठक में हुई चर्चा के बारे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की डायरेक्टर छवि भारद्वाज ने बताया कि व्यक्ति जो भी खाद्य पदार्थ लेता है चाहे वो दूध हो, सब्जी-फल या कोई अन्य उनमें बहुत ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक होता है जो व्यक्ति के शरीर में रह जाता है और उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. इसके लिए जरूरी है कि इन सभी क्षेत्रों से जुड़े लोगों को कम से कम एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया जाए.

इसके तहत फार्मेसी, नर्सिंग होम एसोसिएशन और मेडिकल प्रैक्टिशनर को भी जागरूक किया जाएगा. इसके लिए जल्द ही एक पूरा पॉलिसी प्लान बनाया जाएगा. बता दें कि एंटीबायोटिक के दुरुपयोग को रोकने के लिए भारत में केरल के बाद मध्यप्रदेश दूसरा राज्य है, जिसने एंटीमाइक्रोबॉयल रेजिस्टेंस के लिए प्लान बनाया है.

Intro:भोपाल- अगस्त में बनाए गए एंटीमाइक्रोबॉयल रेजिस्टेंस प्लान के तहत आज राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में स्टेट एक्शन प्लान की टेक्निकल बैठक हुई।
इस बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि कैसे खाद्य, खाद,फार्मेसी, मछली पालन, आदि के क्षेत्रों में एंटीबायोटिक के दुरुपयोग पर रोक लगाई जाए।


Body:इस बैठक में हुई चर्चा के बारे में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन डायरेक्टर छवि भारद्वाज ने बताया कि व्यक्ति जो भी खाद्य पदार्थ लेता है चाहे वह दूध हो, सब्जी- फल हो उनमें बहुत ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक होता है जो व्यक्ति के शरीर में रह जाता है और उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
इसके लिए जरूरी है कि इन सभी क्षेत्रों से जुड़े लोगों को कम से कम एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया जा सके।
इसके साथ ही फार्मेसी, नर्सिंग होम एसोसिएशन और मेडिकल प्रैक्टिशनर को भी जागरूक करना जरूरी है।
इन्हीं सब मुद्दों को लेकर आज स्वास्थ्य, खाद्य, फार्मेसी, डेरी आदि से जुड़े विशेषज्ञों के साथ बैठक की गई।


Conclusion:इसके लिए जल्द ही एक पूरा पॉलिसी प्लान बनाया जाएगा।

बता दे कि एंटीबायोटिक के दुरुपयोग को रोकने के लिए भारत में केरल के बाद मध्यप्रदेश दूसरा सा राज्य है जिसने एंटीमाइक्रोबॉयल रेजिस्टेंस के लिए प्लान बनाया है।

बाइट- छवि भारद्वाज
मिशन डायरेक्टर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
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