भोपाल । कमलनाथ सरकार द्वारा अनिल अंबानी को 450 करोड़ रुपए चुकाने के लिए दी गई चार साल की मोहलत को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष का जवाब दिया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने जो भी निर्णय लिया है वह प्रदेश हित में है और ये निर्णय शिवराज सरकार के समय बनी निवेश प्रोत्साहन नीति 2014 के तहत लिया गया है.
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि ये पावर प्रोजेक्ट साल 2013 से मध्य प्रदेश को कुल बिजली की आवश्यकता की 17 से 18 प्रतिशत तक बिजली की आपूर्ति करता है. 27 हजार करोड़ के निवेश के इस प्रोजेक्ट से प्रदेश को प्रति यूनिट सिर्फ 1.53 रुपये की दर पर बिजली उपलब्ध होती है. यदि यह प्लांट बंद होता है या बिजली अन्य स्थान से खरीदनी पड़ती है तो उसकी बाजार दर 4 रुपये से लेकर 5 रुपये प्रति यूनिट के आसपास पड़ती है. इस दर से बिजली खरीदने पर मध्य प्रदेश को करीब 2800 करोड़ प्रतिवर्ष का नुकसान होता है. वहीं अगर 2013 से अभी तक जोड़ा जाए तो प्रदेश को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध होने से करीब 10500 करोड रुपए की बचत अभी तक हुई है.
नरेंद्र सलूजा ने कहा कि जो भाजपा नेता इस निर्णय को उद्योगपतियों को खजाना लुटाने वाला औक प्रदेश विरोधी बता रहे हैं, वो ये सच्चाई जान लें कि यह निर्णय भाजपा सरकार में बनी निवेश प्रोत्साहन पॉलिसी - 2014 के तहत लिया गया है. इस पॉलिसी में ये साफ लिखा गया है कि 500 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली कंपनी को 12 साल तक की छूट मिल सकती है, जिससे वो बकाया चुका सके.