ETV Bharat / state

भोपाल सेंट्रल जेल में 'पाठशाला' के गेट लॉकडाउन में भी खुले, खूब पढ़ रहे हैं कैदी

author img

By

Published : May 25, 2020, 12:05 AM IST

Updated : May 25, 2020, 3:12 PM IST

देश में सभी स्कूल, कॉलेज और दूसरे शिक्षण संस्थान बंद हैं. लेकिन भोपाल सेंट्रल जेल में पाठशाला के गेट लॉकडाउन में भी खुले हैं. यहां हर दिन क्लासेस लग रही हैं. इनमें प्ले स्कूल से लेकर कॉलेज तक के छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं. ये वो स्टूडेंट है जो जेल में सजा काट रहे हैं.

Class prisoner in jail
जेल में क्लास लेते कैदी

भोपाल। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए पिछले करीब दो महीनों से देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है. लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने सभी सार्वजनिक स्थलों को बंद रखने का फैसला लिया है. जिसके चलते व्यापार-व्यवसाय और स्कूल कॉलेज सब बंद हैं. लेकिन भोपाल सेंट्रल जेल में हर दिन कैदियों का स्कूल लग रहा है. जी हां राजधानी भोपाल की सेंट्रल जेल में कैदियों को हर दिन नियमित रूप से पढ़ाया जा रहा है कैदियों के साथ-साथ महिला कैदियों के 5 साल से कम उम्र के बच्चों की क्लास भी ली जा रही है.

जेल में क्लास लेते कैदी

देश में सभी स्कूल, कॉलेज और दूसरे शिक्षण संस्थान बंद हैं. लेकिन भोपाल सेंट्रल जेल में पाठशाला के गेट लॉकडाउन में भी खुले हैं. यहां हर दिन क्लासेस लग रही हैं. इनमें प्ले स्कूल से लेकर कॉलेज तक के छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं. ये वो स्टूडेंट है जो जेल में सजा काट रहे हैं. इनमें महिला कैदी भी शामिल है.

इसके अलावा उन महिला कैदियों के नन्हे मुन्ने बच्चे भी हैं जो जेल में ही अपनी मां के साथ रहते हैं. जेल के अंदर नियमित रूप से पुरुष कैदियों और महिला कैदियों की क्लासेस लग रही हैं. पढ़ाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन किया जा रहा है. पढ़ाई करने वाले कैदी से लेकर टीचर तक सब कोरोना से बचाव के लिए सोशल डिस्टेसिंग को फॉलो कर रहे हैं. इसके साथ मास्क और सेनिटाइजर का उपयोग करते हैं.

भोपाल सेंट्रल जेल के अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि जैसे की जेल में इग्नू सेंटर हैं जिसमें कैदी कॉलेज तक की पढ़ाई करते हैं. जेल अधीक्षक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि महिला-पुरुष कैदियों के अलावा महिला कैदियों के बच्चे भी यहां पर शिक्षित हो रहे हैं. पढ़ाई के दौरान बच्चे भी मास्क पहनते हैं और सोशल डिस्टेंस का पालन करते हैं.

ये शिक्षा की ही ललक है कि लॉकडाउन के दौरान भी जेल में बंद कैदी ज्ञान के दो अक्षर सीख रहे हैं. सेंट्रल जेल के अंदर करीब 500 से ज्यादा ऐसे कैदी हैं जो 8वीं, 10वीं और 12वीं क्लास के अलावा ग्रेजुएशन के अलग-अलग विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं. इन कैदियों को एक आस है कि जब वो आजाद होंगे तो समाज में इज्जत के साथ जीना आसान होगा. कैदियों को शिक्षित करने वाले भी जेल के अंदर ही सजा काट रहे कैदी ही हैं. जो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अब दूसरे कैदियों को शिक्षा दे रहे हैं.

Last Updated : May 25, 2020, 3:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.