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सरकार बढ़ाएगी रोड एक्सीडेंट फंड, घायलों को मिल सकेगा निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज

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Published : Dec 11, 2020, 2:47 PM IST

मध्यप्रदेश में सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायल होने वाले लोगों के लिए सरकार रोड एक्सीडेंट फंड तैयार कर रही है. जिसके लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है. जिसके बाद अब रोड एक्सीडेंट फंड की राशि को बढ़ाया जा सकता है. पढ़िए पूरी खबर....

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रोड एक्सीडेंट फंड तैयार करेगी सरकार

भोपाल। मध्यप्रदेश में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इन सड़क हादसों और इनमें होने वाली मौतों को देखते हुए अब सरकार रोड एक्सीडेंट फंड तैयार करने में जुटी हुई है. इस फंड के जरिए हादसों में गंभीर रूप से घायल होने वाले लोगों को निजी अस्पतालों में भी निशुल्क इलाज मिल सकेगा. अब तक योजना के तहत निजी अस्पतालों में 2 लाख रुपए तक का खर्च सरकार उठाती है. लेकिन अब इस राशि को बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है.

रोड एक्सीडेंट फंड तैयार करेगी सरकार

रोड एक्सीडेंट फंड तैयार कर रही सरकार

मध्यप्रदेश में सड़क हादसों की रोकथाम को लेकर लगातार पुलिस और प्रशासन की कोशिशें जारी है. इसके बावजूद भी प्रदेश में सड़क हादसों और उन में होने वाली मौतों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. लिहाजा अब केंद्र सरकार की मदद से मध्य प्रदेश सरकार रोड एक्सीडेंट फंड तैयार कर रही है. इस फंड से ऐसे गंभीर घायल लोगों का इलाज किया जाएगा जो सड़क हादसों में इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं.

रोड एक्सीडेंट फंड बढ़ाएगी सरकार

फिलहाल योजना के तहत निजी अस्पतालों में इलाज के लिए 2 लाख रुपये तक का खर्च सरकार देती है. लेकिन कई मामलों में दो लाख रुपये इलाज के लिए काफी नहीं होते हैं और गंभीर घायल को पूरी तरह से इलाज नहीं मिल पाता है ऐसे में इस फंड को 2 लाख से भी ज्यादा बढ़ाए जाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है. माना जा रहा है कि सरकार के सुझाव के बाद यह राशि दोगुनी यानी कि 4 लाख रुपये की जा सकती है.

घायल का इंश्योरेंस होने पर कंपनी देगी खर्च

सड़क हादसों को लेकर राज्य सरकार गंभीर है. पुलिस और सरकार की दूसरी एजेंसियों की मदद से सड़क हादसों को रोकने के लिए प्लानिंग कर रही है. सड़क सुरक्षा समिति की बैठक भी लगातार होती है. पुलिस रिसर्च भी करती है कि आखिरकार हादसे कैसे हुए. गाड़ी का इंश्योरेंस या फिर घायल का इंश्योरेंस है तो संबंधित कंपनी इलाज का पैसा देगी. इसको लेकर भी शासन स्तर पर प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है. ताकि इलाज में देरी ना हो सके तत्काल सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को इलाज मिल सके. अगर संबंधित व्यक्ति का इंश्योरेंस है और इंश्योरेंस कंपनियां अस्पताल का खर्च देने में लेटलतीफी करती है या फिर आनाकानी करती है तो ऐसी कंपनियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा सकती है.

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घायलों की मदद करने वाले होंगे पुरस्कृत

सड़क हादसों के दौरान कई बार स्थानीय लोग घायलों की मदद के लिए आगे नहीं आते हैं और एंबुलेंस या पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में देरी हो जाती है. इस देरी के चलते गंभीर घायल मौके पर ही दम तोड़ देते हैं. इसलिए अब घायलों की मदद करने वालों को भी पुरस्कृत किए जाने का फैसला लिया गया है. घटनास्थल पर घायलों की मदद करने और उन्हें सही समय पर अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को पुलिस बेवजह परेशान नहीं करेगी. अगर मदद करने वाले खुद बयान देने के लिए तैयार हो तो ही पुलिस उनके बयान दर्ज कर सकती है. उन पर दबाव नहीं बनाया जाएगा. साथ ही मदद करने वाली ऐसी संस्थाओं और व्यक्तियों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा.

बीते साल 50 हजार से ज्यादा सड़क हादसे

मध्य प्रदेश में बीते साल 50 हजार से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं और इन हादसों में 11 हजार से भी ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवाई है. इन सड़क हादसों को देखते हुए मध्य प्रदेश में 10 जिलों को सबसे ज्यादा एक्सीडेंट वाले जिले भी घोषित किए गए हैं. जिन्हें लाइटहाउस डिस्ट्रिक्ट भी कहा जाता है.

इन जिलों में पुलिस और प्रशासन विशेष अभियान चलाकर हादसों की रोकथाम करने में जुटी हुई है. वहीं मध्यप्रदेश में अब तक 455 ब्लैक स्पॉट भी चिन्हित किए गए हैं. पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान अलग-अलग एजेंसियों के साथ मिलकर इन ब्लैक स्पॉट्स कि कमियों को भी दूर करने की कवायद कर रही है.

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