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MP Assembly Election 2023: एमपी में मोदी का क्या है मिशन 29, आखिर क्यों आ रहे हैं पीएम और शाह, जानिए क्या है निशाने पर...

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Published : Jun 19, 2023, 10:38 PM IST

मध्यप्रदेश में 22 जून को गृह मंत्री अमित शाह तो 27 जून को पीएम मोदी आ रहे हैं. दोनों ही नेताओं के एमपी दौरे के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि गृह मंत्री और पीएम की जोड़ी खासतौर पर 29 सीटों पर फोकस करेगी, क्योंकि इन सीटों पर आदिवासियों का कब्जा है.

MP Assembly Election 2023
पीएम मोदी और अमित शाह

भोपाल। सियासत की पिच पर हर बॉल के मायने होते हैं और मौसम चुनाव का हो, तो हर कदम के पीछे कोई खास मकसद छिपा होता है. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी फिर सूबे के विंध्य क्षेत्र पहुंच रही है. अमित शाह 22 जून को बालाघाट और पीएम मोदी 27 जून को शहडोल पहुंचेंगे और इनके निशाने पर होंगी मध्यप्रदेश की 29 विधानसभा सीटें. इन 29 सीटों में विंध्य और आदिवासी क्षेत्रों की सीटें होंगी. पीएम के दौरे से पहले 22 जून से यात्राएं भी शुरू होने जा रही हैं, जिसका समापन पीएम मोदी करेंगे. इन 29 सीटों में से 11 पर कांग्रेस काबिज है, लेकिन बताया जाता है. बीजेपी की चिंता विंध्य क्षेत्र की सीटों को लेकर ज्यादा है, जहां निकाय चुनाव में पार्टी का तगड़ा झटका लगा है. (PM Modi and Amit Shah visit MP)

पांच यात्राओं का चुनावी गणित: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 जून को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल और इसके बाद शहडोल पहुंचेंगे. पीएम की यात्रा के पहले 22 जून को प्रदेश में पांच अलग-अलग यात्राएं निकाली जाएंगी. यह यात्राएं बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिंगरामपुर दमोह,कालिंजर फोर्ट उत्तर प्रदेश और धौहनी सीधी से शुरू होगी. इनमें से बालाघाट से शुरू होने वाली वीरांगना रानी दुर्गावती गौरव यात्रा को देश के गृहमंत्री अमित शाह हरी झंडी दिखाएंगे. अब इन पांच यात्राओं का चुनावी गणित भी समझ लीजिए- (BJP Plan on MP Tribal Seats)

पहली यात्रा: बालाघाट से शहडोल तक निकलने वाली इस यात्रा का केन्द्रीय मंत्री अमित शाह शुभारंभ करेंगे. यह यात्रा बालाघाट से बैहर, बिछिया, डिंडोरी, पुपराजगढ़, अनूपपुर, जैतपुर होते हुए शहडोल पहुंचेगी.

सियासी गणित: जिस पहली यात्रा को अमित शाह रवाना करेंगे, वह 7 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी. इन सात विधानसभाओं में से 4 पर कांग्रेस का कब्जा है.

  1. बालाघाट विधानसभा सीट से बीजेपी के गौरीशंकर बिसेन विधायक हैं.
  2. बैहर विधानसभा सीट से कांग्रेस के संजय उइके विधायक हैं, उन्होंने बीजेपी की अनुपमा नेताम को 17 हजार वोटो से हराया था.
  3. बिछिया विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक नारायण सिंह जीते थे. यहां पिछले चुनाव में बीजेपी को 29 फीसदी वोट मिले थे.
  4. डिंडौरी से कांग्रेस के ओंकार सिंह मरकाम विधायक हैं. यहां पिछले चुनाव में बीजेपी करीब 33 हजार वोटों से हारी थी.
  5. पुष्पराजगढ़ से कांग्रेस के फुंदेलाल मार्को विधायक हैं. पिछले चुनाव में बीजेपी के नरेन्द्र सिंह मरावी 22 हजार वोटो से हारे थे.
  6. अनूपपुर सीट पर 2018 चुनाव में कांग्रेस के बिसाहूलाल सिंह जीते थे, बाद में बीजेपी में शामिल हुए. उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर जीते.
  7. जैतपुर सीट पर भी बीजेपी का कब्जा है, लेकिन पिछले चुनाव में अंतर सिर्फ 4 हजार वोटो का रहा था.

दूसरी यात्रा: छिंदवाडा से शुरू होकर चौरई, सिवनी, क्योलारी, लखनादौन, मंडला, निवास, शहपुरा, उमरिया, पाली मानपुर होते हुए शहडोल पहुंचेगी. इस यात्रा का प्रभारी सांसद दुर्गादास उईके को बनाया गया है.

सियासी गणित: यह यात्रा 8 विधानसभा सीटों से गुजरेगी. इनमें से 6 सीटों पर बीजेपी, जबकि दो पर कांग्रेस काबिज है. इसमें से सिवनी, क्लोलारी, मंडला, निवास और उमरिया की दोनों विधानसभा सीट मानपुर और बांधवगढ़ पर बीजेपी का कब्जा है.

  1. चौरई विधानसभा सीट से कांग्रेस के चौधरी सुजीत मेर सिंह विधायक हैं. उन्होंने बीजेपी के रमेश दुबे को करीब 13 हजार वोटों से हराया था.
  2. सिवनी से बीजेपी के दिनेश राय मुनमुन विधायक बड़े अंतर से जीते थे.
  3. केवलारी बीजेपी के कब्जे में है, लेकिन पिछले चुनाव में हार का अंतर सिर्फ 6 हजार वोटों का था.
  4. लखनादौन विधानसभा में कांग्रेस के योगेन्द्र सिंह बाबा विधायक हैं.
  5. मंडला विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी है, लेकिन पिछले चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी 16 हजार 746 वोट लेकर तीसरा स्थान पर थी.
  6. निवास विधानसभा सीट पर बीजेपी के सीताराम विधायक हैं, लेकिन पिछला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के रामनिवास रावत से सिर्फ 3 हजार वोटों से जीते थे.
  7. शहपुरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के भूपेन्द्र सिंह मरावी मौजूदा विधायक हैं, उन्होंने पूर्व मंत्री ओंमप्रकाश धुर्वे को करीब 34 हजार वोटों से हराया था.
  8. उमरिया जिले की दोनों मानपुर और बांधवगढ़ विधानसभा बीजेपी के खाते में है, लेकिन बांधवगढ़ में हार का अंतर बहुत कम था.

तीसरी यात्रा: जबेरा दमोह के सिंगरामपुर से शुरू होगी, जो मझौली पाटन, सिहोरा, जबलपुर शहर, पनागर के बरगी, सिहोरा के कुंडम, डिंडोरी के शहपुर, बिससिंगपुर पाली होते हुए शहडोल पहुंचेगी.ट

सियासी गणित: यह यात्रा 7 विधानसभा सीट से गुजरेगी. इसमें से 6 सीटें कांग्रेस के पास हैं, जबकि एक पर बीजेपी है.

  1. जबेरा विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है, लेकिन पिछले चुनाव में जीत-हार का अंतर सिर्फ 3 हजार वोटों का रहा था.
  2. सिहोरा विस सीट पर बीजेपी का कब्जा है.
  3. जबलपुर में चार विधानसभा सीटें हैं, इसमें से तीन सीटें कांग्रेस और एक बीजेपी के पास है.
  4. बरगी विधानसभा सीट से कांग्रेस के संजय यादव विधायक हैं.

चौथी यात्रा: रानी दुर्गावती के जन्म स्थान उत्तर प्रदेश के कलिंजर फोर्ट से शुरू होकर अजयगढ़, पवई, बडवारा, विजयरावगढ़, अमरपुर, मानपुर होते हुए शहडोल पहुंचेगी.

सियासी गणित: यह यात्रा चार विधानसभा सीटों से गुजरेगी. हालांकि सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, लेकिन यह सीटें विंध्य क्षेत्र की हैं.

  1. अजयगढ़ पन्ना विधानसभा में आता है, जहां बीजेपी का कब्जा है.
  2. पवई विधानसभा पर बीजेपी के प्रहलाद लोधी विधायक हैं.
  3. मानपुर में बीजेपी का कब्जा है.
  4. विजयराघवगढ़ में बीजेपी के संजय पाठक विधायक हैं.

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पांचवी यात्रा: सीधी के धौहनी से शुरू होकर कुसमी, ब्योहारी, जयसिंह नगर होते हुए शहडोल पहुंचेगी.

सियासी गणित: यह यात्रा तीन विधानसभा से होकर गुजरेगी. यह तीनों ही सीटें बीजेपी के पास हैं.

  1. सीधी से बीजेपी के केदार लाल शुक्ला विधायक हैं.
  2. ब्योहारी से बीजेपी के कोल शरद जुगलाल जीते थे.
  3. जयसिंघनगर बीजेपी के खाते में गई थी. यहां जय सिंह मरावी विधायक हैं.
  4. पिछले नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी को जोरदार झटका लगा था, जिससे माना जा रहा है कि यहां पार्टी की हालत खराब है.

यह है पीएम मोदी का यात्रा प्लान: शहडोल में पीएम मोदी वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस कार्यक्रम और रानी दुर्गावती गौरव यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे. पीएम मोदी यहां आदिवासियों के साथ भोजन भी करेंगे. इसके पहले वे राजधानी भोपाल पहुंचेगे. जहां वे दो वंदे भारत ट्रेन भोपाल-इंदौर और भोपाल-जबलपुर का शुभारंभ भी करेंगे. भोपाल में वे बूथ स्तर के 10 लाख कार्यकर्ताओं को डिजीटली संबोधित करेंगे.

रानी दुर्गावती से आदिवासी वोट साधने की कोशिश: बीजेपी रानी दुर्गावती के जरिए आदिवासी वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है. प्रदेश में 230 सीटों में से 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इनमें से 16 सीटें ही मिली थी, जबकि कांग्रेस के खाते में 30 सीटें गई थी. इसे कांग्रेस की वापसी का बड़ा कारण माना गया था. (MP Mai Chunav Hai)

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