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MP Assembly elections 2023: हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई पर सियासत, कांग्रेस ने टाइमिंग पर उठाया सवाल

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Published : Oct 24, 2022, 10:07 AM IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भोपाल में जिस दिन एमबीबीएस की तीन हिंदी की पाठ्यपुस्तकों का विमोचन किया, उसी दिन से मध्य प्रदेश में इस पर बहस शुरू हो गई है. कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर अपने राजनीतिक लाभ के लिए हिंदी और अंग्रेजी के बीच टकराव पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि हिंदी माध्यम में इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम बंद किये जा चुके हैं. कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी विफलता को छिपाने के लिए वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है. ( MP Assembly elections 2023) MBBS studies in Hindi) (Congress raised question on timing)

MP Assembly elections 2023
हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई पर सियासत

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित मध्य प्रदेश ने हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू किया है. देश के किसी भी राज्य के लिए यह पहला कदम है, इस कदम को क्रांतिकारी होने का दावा किया गया है. हालांकि, वास्तविक क्रियान्वयन तब होगा जब एमबीबीएस छात्रों का नया बैच नवंबर में शुरू होगा. हिंदी में तीन पाठ्य पुस्तकें जारी की गई हैं.

गृह मंत्री अमित शाह ने किया एमबीबीएस की तीन पाठ्यपुस्तकों का विमोचन: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा भोपाल में जिस दिन से एमबीबीएस की तीन पाठ्यपुस्तकों का विमोचन किया गया, उसी दिन से मध्य प्रदेश में इस पर बहस शुरू हो गई है. इस फैसले के माध्यम से केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार का हिंदी के प्रचार-प्रसार को बढ़ाना है. नई शिक्षा नीति 2020 (NEP2020) मातृभाषा के उपयोग पर जोर देती है.

कांग्रेस ने टाइमिंग पर उठाया सवाल, हिंदी माध्यम में इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम बंद किये गये: कांग्रेस ने परियोजना के समय पर सवाल उठाया है क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर 2023 में होने हैं. विपक्ष ने हिंदी माध्यम में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के कार्यान्वयन पर भी सवाल उठाया है. 2016 में, शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने भोपाल में अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में हिंदी में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू किया. इसके लिए तकनीकी इंजीनियरिंग शब्दों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया गया. लेकिन इसमें ज्यादा लोग शामिल नहीं हुए. कांग्रेस का दावा है कि पाठ्यक्रम बंद कर दिया गया है.

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का जवाब:परियोजना की निगरानी कर रहे चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि इंजीनियरिंग और चिकित्सा पाठ्यक्रमों में हिंदी के कार्यान्वयन ने इस सोच को खत्म कर दिया है कि तकनीकी और चिकित्सा पाठ्यक्रम केवल अंग्रेजी भाषा में ही हो सकते हैं. मन में एक निश्चित अवधारणा थी कि चिकित्सा अध्ययन केवल अंग्रेजी में किया जा सकता है, जो अब बदलना शुरू हो गया है. हमने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए हिंदी पेश की है और काम अभी भी चल रहा है, समय आएगा जब लोग इसे स्वीकार करेंगे. यह चीजें रातों-रात नहीं हो सकती.

सरकार ग्रामीण इलाकों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार पर जोर दे: डॉ. विजयलक्ष्मी साधो, जो मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री थीं और गांधी मेडिकल कॉलेज की पूर्व छात्रा हैं, हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू करने के सवाल पर स्वीकार किया कि हिंदी माध्यम की पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि उनका मानना है कि सरकार को स्कूल स्तर पर खासकर राज्य के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार पर ज्यादा जोर देना चाहिए था.

शिवराज सरकार ने 1500 से अधिक स्कूलों को बंद किया: साधो ने कहा कि- "हमारी बुनियादी शिक्षा प्रणाली खराब है और इसलिए जब तक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दी जाती, तब तक हिंदी या किसी अन्य भाषा का कार्यान्वयन अपने वास्तविक उद्देश्य को प्राप्त नहीं करेगा. शिवराज सरकार ने कहा कि नौवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित नहीं की जानी चाहिए. ऐसा कर आपने एक प्रतिस्पर्धी प्रणाली को समाप्त कर दिया है. ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे छात्र हैं जो प्राथमिक स्तर पर पास हो गए हैं, लेकिन वह अपना नाम तक नहीं लिख पा रहे हैं. इसलिए मैं कहूंगीं कि सरकार को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान देना चाहिए, तब तक कोई अवधारणा काम नहीं करेगी." उन्होंने दावा किया कि 1993 से 2003 के बीच कांग्रेस के शासन के दौरान, राज्य ने हर तीन से पांच किमी की दूरी पर हजारों प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय स्थापित किए थे. साधो ने कहा, शिवराज सरकार ने 1500 से अधिक स्कूलों को बंद कर दिया और अब सीएम राइज स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं. मध्य प्रदेश के हर स्कूल में शिक्षकों की कमी है और यही स्थिति सरकारी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भी है.

राजनीतिक लाभ के लिए हिंदी और अंग्रेजी के बीच टकराव पैदा करने का आरोप: डॉ. विजयलक्ष्मी साधो ने भाजपा सरकार पर अपने राजनीतिक लाभ के लिए हिंदी और अंग्रेजी के बीच टकराव पैदा करने का आरोप लगाया. भाजपा पिछले 17 वर्षों से सत्ता में है और उसने कभी भी शिक्षा प्रणाली में सुधार पर ध्यान केंद्रित नहीं किया. अब, जब चुनाव करीब आ रहे हैं, तो वे अपनी विफलता को छिपाने के लिए वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं.

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साधो, जो 1993 से 1998 तक मध्य प्रदेश में लोक स्वास्थ्य विभाग की सदस्य भी थी, उन्होंने कहा, "मैं स्वीकार करती हूं कि हिंदी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए आने पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, खासकर तकनीकी और चिकित्सा पाठ्यक्रमों में, लेकिन यह समस्या हिंदी के आने से खत्म नहीं होगी. इसका समाधान खोजने का एकमात्र तरीका स्कूली शिक्षा में सुधार करना है." (MP Assembly elections 2023 ) (NEP 2020)(MBBS studies in Hindi) (Congress raised question on timing)

(आईएएनएस)

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