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सास करती थी परेशान, आधी रात को नहाने के लिए करती थी मजबूर! महिला ने मांगा पति से तलाक

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Published : Oct 20, 2021, 3:19 PM IST

Updated : Oct 20, 2021, 6:15 PM IST

Divorce petition due to restriction during periods
महिला ने पति से मांगा तलाक

रूढ़ीवादी सोच के कारण एक हंसता-खेलता परिवार टूटने की राह पर है. मासिक धर्म के दौरान रात 12 बजे नहाने, पति से दूर रहने जैसे सास की दकियानूसी बंदिशों से परेशान होकर भोपाल की महिला ने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दी है.

भोपाल। अमूमन पति-पत्नी के झगड़े, सास-बहू की लड़ाई या पार्टनर के एक्सट्रा मैरिटल अफेयर के कारण कई शादियां आपने टूटती देखी और सुनी होगी. लेकिन अगर हम आपसे कहें कि महिलाओं को हर महीने होनेवाले पीरियड्स में तरह-तरह की पाबंदियों से तंग आकर एक महिला ने अपने तीन साल के वैवाहिक जीवन को खत्म करने का निर्णय ले लिया है, तो शायद आप भी सोच में पड़ जाएगें. ये पूरा वाकया है भोपाल है, जहां एक महिला श्रुति ने अपनी सास की रूढ़ीवादी सोच और उनके तरह-तरह के कायदे-कानून से परेशान होकर अपने पति से रिश्ता तोड़ना का फैसला लिया है. महिला ने तलाक की अर्जी भी दाखिल कर दी है.

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रुढ़ीवादी सोच ने छीनी खुशियां !

कहने को तो हम 21वीं सदी में जी रहे हैं. लेकिन हमारे समाज में कुछ लोगों की सोच आज भी इतनी पिछड़ी और अंधविश्वासों से जकड़ी हुई है कि आधुनिक विचारों की बातें बेमानी लगती हैं. भोपाल की श्रुति इसी दकियानूसी सोच का शिकार हुई हैं, और हर महीने होने वाली बायोलॉजिकल दिक्कतों के दौरान सास के अजीबों-गरीब नियम और कायदे से तंग आकर फैमिली कोर्ट में बिना किसी शर्त के पति से तलाक लेने के लिए आवेदन दिया है. हालात ये हैं दकियानूसी सोच से एक परिवार टूटने के कगार पर पहुंच चुका है.

पीरिड्स में रात 12 बजे नहाने की सजा !

किसी जमाने में महावारी के दौरान महिलाओं पर तरह-तरह की पाबंदियां लगायी जाती थी. उन्हें परिवार से अलग रखा जाता था, रसोई में जाने की इजाजत नहीं होती थी, और भी कई बंदिशे थी. लेकिन 21वीं सदी में भी यह सोच काफी बदल चुकी है. अब पहले जैसी सामाजिक परंपराओं और बंदिशों का पालन करना कोई मजबूरी नहीं होती है, मेडिकल साइंस भी इस दौरान काफी तरक्की कर चुका है और हर तरह के साधन बाजार में उपलब्ध हैं. बावजूद इसके अपनी पुरानी सोच लोगों पर थोपने और कड़े नियमों का पालन कराने जैसी बातें आज भी कई बुजुर्गों द्वारा पालन करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. भोपाल की रहने वाली युवती की शादी 2019 में बेंगलुरु में हुई थी. विवाह के बाद सास ने उन्हें पीरियड्स आने पर इसकी जानकारी देने और पति से दो गज की दूरी बनाकर रखने को कहा. पहले तो युवती को यह सुनकर थोड़ा अजीब लगा, लेकिन जानकारी देने के बाद सास ने युवती को अलग कमरे में रहने और कमरे से बाहर न आने का फरमान सुना दिया. इतना ही नहीं, रात 12 बजे महिला को नहाने का आदेश भी दे डाला. इसके साथ ही कई अन्य पाबंदियों का पालन करने का दबाव भी बनाया गया.

इंटरव्यू देने से भी रोका

श्रुति की सास की रूढ़ीवादी सोच की इंतहा तब दिखी, जब उन्होंने युवती को पीरिड्स में होने के कारण नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाने से मना कर दिया. तंग आकर महिला ने इस पूरे मामले में जब अपने पति से बात की, उसने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया. उसके बाद कोरोना काल के बाद जब युवती अपने माता-पिता से मिलने भोपाल आई, तब उसने मन बना लिया कि वह वापस नहीं जाएगी. उसने बताया कि उसके बाद उसकी सास बाथरूम में गिर गई थी, जिसके कारण उसकी सेवा के लिए वह वापस बेंगलुरु गई. उस दौरान उसने अपने सास से इस मसले पर बात की, लेकिन उसकी सास अपनी जिद और रूढ़िवादिता पर अड़ी रही.

2019 में हुई थी शादी, 2021 में तलाक की अर्जी

भोपाल की रहनेवाली युवती आईटी कंपनी में काम करती थी. इसी दौरान बेंगलुरु में काम करने वाले एक युवक से मैट्रिमोनियल साइट के जरिए उसकी मुलाकात हुई. जिसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया. युवक ब्राह्मण और युवती अग्रवाल परिवार से थी, लेकिनआपसी सहमति के चलते उन्होंने विवाह किया था. श्रुति ने बताया कि शादी के बाद जब वह बेंगलुरु अपनी ससुराल पहुंची वहीं से उनकी मुश्किलें शुरू हो गईं. सास की दकियानूसी सोच के कारण अब दंपती ने अलग होने का फैसला किया है और महिला ने भोपाल फैमिली कोर्ट में बिना किसी शर्त के तलाक के लिए आवेदन दिया है.

Last Updated :Oct 20, 2021, 6:15 PM IST
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