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Sharadiya Navratri 2022: जानिए मां के 9 रूपों के मंदिर कहां है स्थापित

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Published : Sep 21, 2022, 10:55 PM IST

Updated : Sep 22, 2022, 10:02 AM IST

Sharadiya Navratri 2023
शारदीय नवरात्रि

शारदीय नवरात्र का प्रारंभ सोमवार 26 सितंबर से होने जा रहा है. नवरात्रि उत्सव की तैयारी जोरों पर है, कहीं लोग डांडिया खेलने की तैयारी कर रहे हैं तो कहीं पर गरबा खेलने का अभ्यास किया जा रहा है. घरों की साफ सफाई से लेकर बाजारों में अभी से रौनक दिखने लगी है. इस बार पूरे नौ दिनों का नवरात्र है, जो अपने साथ बहुत सारी खुशियां लेकर आ रहा है. जानिए नवरात्रि में मां के 9 रूपों के मंदिर कहां स्थित हैं Shardiya Navratri 2022, Durga Puja 2022

हिंदूओ का सबसे बड़े त्योहार में से शारदीय नवरात्रि एक है. इस साल मां शारदीय नवरात्रि की शुरूआत 26 अक्टूबर से होने जा रही है. यह नौ दिनों का त्योहार है, जिसे भारत में हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है. नवरात्रि के दौरान शक्ति के 9 रूपों की पूजा होती है. इन 9 रूपों को क्या नाम है, हर रूप के बारे में जानना जरूरी है. जानिए नवरात्रि में मां के 9 रूपों के मंदिर कहां स्थित हैं.

मां के नौ रूपों में से पहला रूप मां शैलपुत्री का है. उत्तर प्रदेश के वाराणसी को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है. इसी नगरी में मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप वाला पहला मंदिर. वाराणसी के अलईपुर में यह प्राचीन मंदिर है. लोगों का मानना है कि मां शैलपुत्री खुद इस मंदिर में विराजमान हैं. मान्यता यह भी है कि वे वासंती और शारदीय नवरात्र के पहले दिन भक्तों को साक्षात दर्शन देती हैं.

Maa Shailputri
मां शैलपुत्री

मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर काशी के सप्तसागर (कर्णघंटा) क्षेत्र में स्थित है. काशी के गंगा किनारे बालाजी घाट पर मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर स्थित है. ऐसी मान्यता है कि मां के इस रूप का दर्शन करने वालों को संतान सुख मिलता है. साथ ही वो भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं.

Maa Brahmacharini
मां ब्रह्मचारिणी

वाराणसी के चौक क्षेत्र स्थित पक्के महाल की संकरी गलियों के बीच स्थित मां चंद्रघंटा का मंदिर है मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि मां चन्द्रघंटा जब तक घंटी नहीं बजाती तब तक यमराज भी किसी का प्राण नहीं ले सकते.

Maa Chandraghanta
मां चंद्रघंटा

नवरात्रि के चौथा दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. उन्हें नेत्रों की देवी माना जाता है. कानपुर की घाटमपुर तहसील में एनएच-86 के किनारे मां कुष्मांडा का मंदिर स्थित हैं. यहां दूर-दराज से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं. इसे चतुर्थ शक्ति पीठ भी माना जाता है. नवरात्रि में यहां पर मेला भी लगता है.

Maa Kushmanda Devi
मां कुष्मांडा देवी

शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन माता दुर्गा के नौ रूपों में पांचवीं देवी स्कंदमाता की आराधना होती है. वाराणसी में देवी स्कंदमाता का मंदिर जगतपुरा क्षेत्र स्थित बागेश्वरी देवी मंदिर परिसर में है. मान्यता है यहां देवी की आराधना से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही माता के आशीर्वाद से मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है. स्कंद अर्थात 'कार्तिकेय की माता' होने के कारण ही देवी के इस रूप को स्कंदमाता कहा जाता है. देवी के इस रूप का वर्णन 'काशी खंड' और 'देवी पुराण' के क्रम में स्कंद पुराण में किया गया है.

maa Skandmata
देवी स्कंदमाता

शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी देवी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी देवी का मंदिर कर्नाटक में स्थित है. यहां मां के प्रकट होने का प्रमाण स्कंद पुराण में मौजूद है. वहीं जिस जगह उनके धरती में प्रकट होने की बात सामने आती है.

Maa Katyayani
मां कात्यायनी

शारदीय नवरात्रि के सातवे दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मां का यह मंदिर वाराणसी में स्थित है. मशहूर कालरात्रि देवी के मंदिर में हजारों में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं.

Maa Kalratri
मां कालरात्रि

शारदीय नवरात्रि के आठवे दिन देवी महागौरी देवी की पूजा-अर्चना की जाती है. माता का यह मंदिर मंदिर वाराणसी और लुधियाना में स्थित है. महागौरी की पूजा की जाती है और देवी अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति रखती हैं

Maa Mahagauri
मां महागौरी

शारदीय नवरात्रि के नौवे दिन व आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री मंदिर की पूजा अर्चना की जाती है. देवी सिद्धिदात्री माता मंदिर वाराणसी, देवपहाड़ी छत्तीसगढ़, सतना मध्य प्रदेश और मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित हैं.

Maa Siddhidatri
मां सिद्धिदात्री
Last Updated :Sep 22, 2022, 10:02 AM IST
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