हिंदूओ का सबसे बड़े त्योहार में से शारदीय नवरात्रि एक है. इस साल मां शारदीय नवरात्रि की शुरूआत 26 अक्टूबर से होने जा रही है. यह नौ दिनों का त्योहार है, जिसे भारत में हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है. नवरात्रि के दौरान शक्ति के 9 रूपों की पूजा होती है. इन 9 रूपों को क्या नाम है, हर रूप के बारे में जानना जरूरी है. जानिए नवरात्रि में मां के 9 रूपों के मंदिर कहां स्थित हैं.
मां के नौ रूपों में से पहला रूप मां शैलपुत्री का है. उत्तर प्रदेश के वाराणसी को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है. इसी नगरी में मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप वाला पहला मंदिर. वाराणसी के अलईपुर में यह प्राचीन मंदिर है. लोगों का मानना है कि मां शैलपुत्री खुद इस मंदिर में विराजमान हैं. मान्यता यह भी है कि वे वासंती और शारदीय नवरात्र के पहले दिन भक्तों को साक्षात दर्शन देती हैं.
मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर काशी के सप्तसागर (कर्णघंटा) क्षेत्र में स्थित है. काशी के गंगा किनारे बालाजी घाट पर मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर स्थित है. ऐसी मान्यता है कि मां के इस रूप का दर्शन करने वालों को संतान सुख मिलता है. साथ ही वो भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं.
वाराणसी के चौक क्षेत्र स्थित पक्के महाल की संकरी गलियों के बीच स्थित मां चंद्रघंटा का मंदिर है मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि मां चन्द्रघंटा जब तक घंटी नहीं बजाती तब तक यमराज भी किसी का प्राण नहीं ले सकते.
नवरात्रि के चौथा दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. उन्हें नेत्रों की देवी माना जाता है. कानपुर की घाटमपुर तहसील में एनएच-86 के किनारे मां कुष्मांडा का मंदिर स्थित हैं. यहां दूर-दराज से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं. इसे चतुर्थ शक्ति पीठ भी माना जाता है. नवरात्रि में यहां पर मेला भी लगता है.
शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन माता दुर्गा के नौ रूपों में पांचवीं देवी स्कंदमाता की आराधना होती है. वाराणसी में देवी स्कंदमाता का मंदिर जगतपुरा क्षेत्र स्थित बागेश्वरी देवी मंदिर परिसर में है. मान्यता है यहां देवी की आराधना से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही माता के आशीर्वाद से मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है. स्कंद अर्थात 'कार्तिकेय की माता' होने के कारण ही देवी के इस रूप को स्कंदमाता कहा जाता है. देवी के इस रूप का वर्णन 'काशी खंड' और 'देवी पुराण' के क्रम में स्कंद पुराण में किया गया है.
शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी देवी की पूजा की जाती है. मां कात्यायनी देवी का मंदिर कर्नाटक में स्थित है. यहां मां के प्रकट होने का प्रमाण स्कंद पुराण में मौजूद है. वहीं जिस जगह उनके धरती में प्रकट होने की बात सामने आती है.
शारदीय नवरात्रि के सातवे दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. मां का यह मंदिर वाराणसी में स्थित है. मशहूर कालरात्रि देवी के मंदिर में हजारों में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं.
शारदीय नवरात्रि के आठवे दिन देवी महागौरी देवी की पूजा-अर्चना की जाती है. माता का यह मंदिर मंदिर वाराणसी और लुधियाना में स्थित है. महागौरी की पूजा की जाती है और देवी अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति रखती हैं
शारदीय नवरात्रि के नौवे दिन व आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री मंदिर की पूजा अर्चना की जाती है. देवी सिद्धिदात्री माता मंदिर वाराणसी, देवपहाड़ी छत्तीसगढ़, सतना मध्य प्रदेश और मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित हैं.