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Corona की दूसरी लहर में आर्थिक मार! भोपाल के उद्योगों को 400 करोड़ का नुकसान

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Published : Jun 21, 2021, 9:23 PM IST

INDUSTRIES LOOSES 400 CRORE RUPEES
उद्योगों को 400 करोड़ का नुकसान

कोरोना की दूसरी लहर (Corona second wave) में भोपाल की अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ा है. महज 2 महीनों में उद्योगों को करीब 400 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. जिसकी भरपाई हो पाना भी अब काफी मुश्किल है.

भोपाल। राजधानी की अर्थव्यवस्था को कोरोना की दूसरी लहर (Corona second wave) में तगड़ा झटका लगा है. 2 महीने के कोरोना कर्फ्यू में यहां के उद्योगों को करीब 400 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा. जिसकी अब भरपाई होना भी काफी मुश्किल है. हालांकि कोरोना की दूसरी लहर में सरकार ने उद्योगों को चालू रखने की इजाजत जरूर दी थी. लेकिन बाजार बंद होने से उद्योग में तैयार माल स्टॉक में ही रह गया. वहीं बाजार खुलने के बाद उद्योगों से माल जरूर थोड़ा-थोड़ा करके उठाया जा रहा है. लेकिन इसके बाद भी ऐसी आशंका है कि हर एक उद्योगपति को नुकसान जरूर उठाना पड़ेगा.

उलझ गई लागत की राशि

दूसरी लहर में बाजार बंद थे लेकिन उद्योग चालू रहे, लिहाजा प्रोडक्शन भी लगातार किया जा रहा था. कोरोना कर्फ्यू के 2 महीनों में करीब 1500 उद्योगों में माल तैयार किया गया. लेकिन उसकी सबसे ज्यादा खपत करने वाले बाजार बंद थे, जिस वजह से माल का उठाव नहीं हो पाया. इन हालातों में माल तैयार करने में लगी लागत अभी भी उलझी हुई है. शहर के करीब 50 प्रतिशत उद्योग ऐसे हैं जिनका करोड़ों की रोटेशन मनी मार्केट में फंसा है.

उलझ गई लागत की राशि

भोपाल में करीब 400 करोड़ रुपए फंसे

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के एमपी चैप्टर के चेयरमैन प्रदीप करंबलेकर ने कहा, 'मध्यप्रदेश में इस बार उद्योगों को राहत तो दी गई थी, लेकिन मार्केट बंद होने से उद्योगों को काफी नुकसान हुआ है. भोपाल में करीब 400 करोड़ रुपए उद्योगों के फंस गए हैं. धीरे-धीरे रिटेल मार्केट ओपन हो रहे हैं, फिर से तेजी आने की उम्मीद है. सितंबर के बाद हालात सामान्य होने के आसार हैं'.

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सीजनल उत्पाद खपाना बड़ी मुश्किल

गर्मियों के सीजन वाले प्रोडक्ट बनाने वाले उद्योगों पर लॉकडाउन का गहरा प्रभाव पड़ा है. दरअसल अपना तैयार माल खपाने के लिए उनके पास महज 15 से 20 दिन ही बचे हैं. इसके बाद समर सीजन के प्रोडक्ट की मांग बाजारों से गायब होने वाली है. उद्योगों के सामने इस तरह की समस्या दूसरी साल आई है. बता दें, भोपाल में गोविंदपुरा और बागरोदा इंडस्ट्रियल एरिया है. गोविंदपुरा में 1100 यूनिट और बागरोदा में 200 से अधिक संचालित हो रही हैं. ऑटोमोबाइल, सोयाबीन प्रोसेसिंग, बिल्डिंग मटेरियल, फार्मास्यूटिकल, इंजीनियरिंग के साथ फैब्रिकेशन इंडस्ट्री यहां पर चल रही हैं.

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