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कमलनाथ सरकार ने दी अंबानी को 4 साल की मोहलत, बकाया है 450 करोड़ रुपए

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Published : Feb 7, 2020, 10:10 AM IST

Updated : Feb 7, 2020, 11:32 AM IST

रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के सासन पावर प्रोजेक्ट की बकाया राशि चुकाने के लिए सरकार ने एक साल की जगह 4 साल का समय दिया है. निवेश प्रोत्साहन पॉलिसी 2015 के अनुसार 500 करोड़ से अधिक का निवेश करने पर कंपनी को 12 साल तक की छूट मिलती है. रिलायंस समूह बकाया राशि के अलावा ब्याज भी चुकाएगा.

Ambani owes 450 crores
अंबानी पर बकाया है 450 करोड़

भोपाल। कमलनाथ सरकार ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के सासन पावर प्रोजेक्ट की बकाया राशि चुकाने के लिए 4 साल की मोहलत दे दी है. बकाया 450 करोड़ रुपए चुकाने के लिए 1 साल का समय दिया गया था. सासन प्रोजेक्ट ने इतनी राशि 1 साल में चुकाने में असमर्थता जता दी थी. निवेश संवर्धन की कैबिनेट कमेटी ने इस पर विचार कर राशि चुकाने की मियाद बढ़ा दी है. सासन प्रोजेक्ट से मध्यप्रदेश को कुल उत्पादन की 37 फीसदी बिजली मिलती है.

अंबानी पर बकाया है 450 करोड़

इसकी कीमत डेढ़ रुपए प्रति यूनिट है. 27 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट से सरकार को हर साल 28 सौ करोड़ रुपए की बचत होती है. बता दें कि निवेश प्रोत्साहन पॉलिसी 2015 में स्पष्ट है कि 500 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली कंपनी को 12 साल तक की छूट मिल सकती है, जिससे कि वो अपना बकाया चुका सके. पावर प्लांट के ऊपर कोयले की रॉयल्टी के ढाई सौ करोड़, जल ऊर्जा विकास सहित अन्य कर के रूप में कुल 450 करोड़ों के बाकाया हैं.

खनिज विभाग ने रिलायंस समूह को रॉयल्टी अदायगी के लिए नोटिस दिया जा चुका है. रिलायंस समूह ने सरकार से बकाया अदायगी के लिए समय मांगा था, राज्य हित को देखते हुए समूह को 4 साल का समय देने का निर्णय किया गया है. हालांकि रिलायंस समूह हर माह के ब्याज भी चुकाएगा. इसके पहले 1 साल की छूट दी जा चुकी है.

Intro:भोपाल। कमलनाथ सरकार ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के सासन पावर प्रोजेक्ट पर बकाया राशि चुकाने के लिए 4 साल की मोहलत दे दी है। पहले बकाया 450 करोड़ रुपए चुकाने के लिए 1 साल का समय दिया गया था। शासन प्रोजेक्ट ने इतनी राशि 1 साल में चुकाने में असमर्थता जता दी थी। निवेश संवर्धन की कैबिनेट कमेटी ने इस पर विचार कर राशि चुकाने की मियाद बढ़ा दी है।


Body:सासन प्रोजेक्ट से मध्य प्रदेश को कुल उत्पादक की 37 फीसदी बिजली मिलती है। इसकी कीमत डेढ़ रुपए प्रति यूनिट है। 27 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट से सरकार को हर साल 28 सौ करोड़ रुपए की बचत होती है। निवेश प्रोत्साहन पॉलिसी 2015 में स्पष्ट है कि 500 करोड़ों का से अधिक का निवेश करने वाली कंपनी को 12 साल तक की छूट मिल सकती है ताकि वह अपना बकाया चुका सके। पावर प्लांट के ऊपर कोयले की रॉयल्टी के ढाई सौ करोड़ जल ऊर्जा विकास सहित अन्य करके 450 करोड़ों के बाकी है खनिज विभाग समूह को रॉयल्टी अदायगी के लिए नोटिस दिया जा चुका है समूह ने सरकार से बकाया अदायगी के लिए समय मांगा था राज्य हित को देखते हुए समूह को 4 साल का समय देने का निर्णय किया गया है हालांकि इसकी एवज में वह हर माह ब्याज की अदायगी करेगा इसके पहले 1 साल की छूट दी जा चुकी है।


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Last Updated : Feb 7, 2020, 11:32 AM IST
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