भोपाल। हर साल 1 अगस्त को राष्ट्रीय पर्वतीय पर्वतारोहण दिवस (National Mountain Climbing Day) को पूरे विश्व में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य पर्वतारोहण के साहसिक खेल को सम्मानित करना और पर्वतों की प्राकृतिक सुंदरता के प्रति लोगों में सम्मान पैदा करना है. मध्य प्रदेश की पर्वतारोही भावना डेहरिया ने विश्व के सात महाद्वीपों के सबसे ऊंचे शिखरों पर अपने वीरता के संदेश को दुनिया भर में फैलाया है, उन्होंने अपने जन्म स्थान छिंदवाड़ा जिले के सुंदर से पहाड़ी गांव तामिया से निकल कर 22 मई 2019 को विश्व के सबसे ऊंचे शिखर माउंट एवरेस्ट के शिखर पर तिरंगा फहराकर मध्य प्रदेश की पहली महिला बनकर इतिहास रचा.
पीएम मोदी ने की भावना डेहरिया की सराहना: ईटीवी भारत से खास बातचीत में भावना ने बताया कि 2022 में 15 अगस्त को जब देशभर में आजादी के अमृत महोत्सव का जश्न मनाया जा रहा था, तब मेंने यूरोप महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एल्ब्रुस वेस्ट पर भारतीय तिरंगा फहराया और उसी दिन उन्होंने सिर्फ 24 घंटे के अंदर इतिहास बनाते हुए दूसरे सबसे ऊंचे शिखर माउंट एल्ब्रुस ईस्ट पर भी सफलतापूर्वक समिट किया. इस शानदार कारनामे का भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने 'मन की बात' में सराहना की थी. उनकी यूरोप शिखर पर तिरंगे के साथ की फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी.
15 महीने की बेटी घर पर छोड़कर गईं पहाड़ फतह करने: भावना डेहरिया बताती हैं कि "यह उपलब्धि उसके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे मां बनने के बाद इस कारनामे में कामयाब हुईं. मैंने यूरोप महाद्वीप की 2 सबसे ऊंची चोटियों को फतह करने के लिए अपनी 15 महीने की बेटी को अपने घर पर ही छोड़ कर गई और इस उत्कृष्ट पर्वतारोहण के लिए उन्हें अपने परिवार का भी पूरा समर्थन मिला. इससे पहले 2019 में दीपावली त्यौहार के दिन पर अफ्रीका महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर माउंट किलिमंजारो के शिखर पर समिट किया था. इसके साथ ही मैंने 2020 में होली के दिन ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के माउंट कोजिअस्को के शीर्ष पर भी भारतीय तिरंगा को गर्व से लहराया था."
भावना डेहरिया का अगला लक्ष्य: भावना डेहरिया पर्वतारोहण के क्षेत्र में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर हैं, अब तक उन्होंने सात महाद्वीपों में से 5 महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखरों पर सफलतापूर्वक भारतीय ध्वज फहराया हैं. भावना डेहरिया का अगला लक्ष्य है उत्तरी अमेरिका के सबसे ऊंचे पर्वत चोटी डेनाली और अंटार्कटिका का विंसन मासिफ.
भावना बतातीं हैं कि मैंने फिजिकल एजुकेशन में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की हैं और नेचुरोपैथी और योगिक साइंस में भी डिप्लोमा किया है. मैंने माउंटेनियरिंग के बेसिक और एडवांस कोर्स में भी ग्रेड ए प्राप्त किया है और पर्वतारोहण में प्रशिक्षक बनने के लिए एमओआई कोर्स भी पूरा किया है. अब मैं नए पर्वतारोहियों को आधिकारिक रूप से ट्रेनिंग दे सकती हूं. मैं सॉफ्टबॉल, बास्केटबॉल, साइकिल पोलो और स्पोर्ट्स क्लाइम्बिंग जैसे विभिन्न खेलों में भी सक्रिय भागीदारी रही हूं, मैंने स्पोर्ट्स क्लाइम्बिंग में जज कोर्स भी पूरा किया है."
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भावना ने प्रदेश को दिलाई पहचान: भावना की निरंतर सफलता और साहस देशवासियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं, यह दो बार मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर उपस्थित हुई हैं. वर्तमान में भावना मध्य प्रदेश सरकार के जनजाति के मामलों के लिए तकनीकी समर्थन इकाई (टीएसयू) के लिए EY (अर्न्स्ट एण्ड यंग) में स्पोर्ट्स और संस्कृति सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं. भावना डेहरिया को उनकी अद्भुत उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान से नवाजा गया है, जिसमें पीएम मोदी के 'मन की बात' में उनका जिक्र भी शामिल है. इनके अद्वितीय उपलब्धियों के साथ-साथ, उन्होंने 50 से अधिक प्रेरणात्मक सत्र विद्यालयों में आयोजित किए हैं.
भावना ने एडवेंचर और खेल की विभिन्न तरीको से समाज में संगठन करने में अपनी भूमिका निभाई है, जिसमें पर्यटन को प्रोत्साहित करने वाले 'छिंदवाड़ा मैराथन' का आयोजन किया गया, जिसमें तकरीबन पांच हजार लोगों ने हिस्सा लिया था और जिसे प्रदेश के होने वाले सबसे बड़े मैराथन के रूप में पहचान दी गई.