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MP: 54 साल की ज्योति रात्रे ने की 'एवरेस्ट' पर चढ़ाई, ऐसा करने वाली देश की सबसे उम्रदराज महिला

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Published : Jun 5, 2023, 1:09 PM IST

54 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट पर पहुंचना अपने आप में लोगों को आश्चर्यचकित करता है और यह मुकाम जब एक महिला करके दिखा दे तो कहना ही क्या. भोपाल की महिला पर्वतारोही ज्योति रात्रे ने यह कारनामा कर दिखाया है. वहीं, उन्होंने अपने शेरपा (हिमालय के बर्फीले इलाकों में निवास करने वाली एक जाति) अर्थात गाइड की भी जान वहां पर बचाई.

mp 54 year old mountaineer jyoti ratre
ज्योति रात्रे ने किया एवरेस्ट फतह

ज्योति रात्रे ने किया एवरेस्ट फतह

भोपाल। कहते हैं कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो आपकी उम्र भी आपके सामने नहीं आती और अगर नारी कुछ ठान ले तो वह हर मुकाम से गुजर कर उसे कर दिखाती है. ऐसी ही एक मिसाल बनी हैं भोपाल की ज्योति रात्रे. उम्र है 54 साल, लेकिन 54 साल की जिस उम्र में लोग घुटनों के दर्द से परेशान रहते हैं और ऊपरी मंजिल की सीढ़ियां भी चढ़ने में उन्हें तकलीफ होती है, वहीं ज्योति ने इस उम्र में माउंट एवरेस्ट पर पहुंचकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. ज्योति ने माउंट एवरेस्ट की 8200 मीटर तक की चढ़ाई को पूरा किया और वहां जाकर अपने भारत देश का तिरंगा लहराया.

एवरेस्ट की चोटी से 649 मीटर रह गईं पीछे: यह सुनने में जितना आसान लग रहा है, उतना है नहीं. इसके पीछे ज्योति के संघर्ष के साथ ही माउंट एवरेस्ट की सर्द और जमा देने वाली बर्फ के बीच की कई कहानियां भी हैं. ज्योति बताती हैं कि ''माउंट एवरेस्ट की चोटी की ऊंचाई 8848.86 मीटर है और यह उस चोटी से महज 649 मीटर नीचे तक ही पहुंची थी. मात्र आधा किलोमीटर से अधिक की दूरी पर ही चोटी सामने दिखाई दे रही थी. लेकिन उस समय वहां पर इतनी बर्फबारी हो रही थी कि एक कदम भी चल पाना मुश्किल था. जिसके चलते इनके गाइड यानी शेरपा ने इन्हें और इनके साथ मौजूद सभी लोगों को वापस बेस कैंप में नीचे पहुंचने के निर्देश दे दिए.''

mp 54 year old mountaineer jyoti ratre
माउंट एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा

मिसिंग लोगों को बचाया: माउंट एवरेस्ट के एक दर्दनाक वाक्ये को बताते हुए ज्योति कहती हैं कि ''उस समय तो लगा ही नहीं था कि जिंदा वापस बचकर आ पाएंगे. महज जब माउंट एवरेस्ट की चोटी 649 मीटर के करीब थी, तभी तेज हवाओं और बर्फ के तूफान ने उनका रास्ता रोक दिया. उन्हें रेडियो पर मैसेज मिला कि यहां से सभी को वापस लौटना है, वरना कई लोग मर जाएंगे. रेडियो पर ही सूचना मिली कि इनके कई साथी गुम गए हैं और कुछ की मौत भी हो गई है. तब ज्योति के शेरपा यानी गाइड उनके पास आए और कहा कि हमारे दूसरे शेरपा कहीं खो गए हैं, मिसिंग है, मिल नहीं रहे. इसलिए हमें वापस जाना होगा.'' लेकिन ज्योति ने हार नहीं मानी और कहा कि हमें उन्हें ढूंढना है. तब इनके गाइड ने बताया कि हम जिस जगह में है यह डेथ पॉइंट कहलाता है और यहां पर 7 से 8 घंटे से ज्यादा कोई जीवित नहीं रहता, इसलिए जो खो गए हैं उन्हें ढूंढने की जगह अपनी जान बचा कर हमें वापस जाना है. लेकिन ज्योति ने हार नहीं मानी और रात को ही दूसरे शेरपा यानी गाइड को ढूंढने के लिए निकल पड़ी और पूरी टीम की मदद से उन्होंने उन्हें खोज भी लिया, जो जीवित थे. ज्योति कहती हैं कि ''माउंट एवरेस्ट की भले ही चोटी पर मैं नहीं पहुंच पाई, लेकिन माउंट एवरेस्ट के उस पहाड़ पर भी पहुंचना और किसी की जिंदगी बचाना मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण पल रहा. इसको लेकर मुझे अपने आप पर गर्व है.''

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मात्र 4 साल की ट्रेनिंग: ज्योति बताती हैं कि ''जब वह 48 साल की थीं तब उन्होंने पहाड़ों पर चढ़ने के लिए मन बनाया. परिवार के लोगों ने इसको लेकर कई बार मना भी किया.'' ज्योति के परिवार में उनके पति के साथ एक बेटी है. ज्योति बताती हैं कि ''परिवार के लोगों ने कहा कि इस उम्र में आप पहाड़ों पर कैसे चढ़ सकती हो. वैसे भी नियम अनुसार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए अधिकतर उम्र 42 साल होती है. लेकिन ज्योति की उम्र तब भी 48 साल थी. ऐसे में उन्होंने इसके पहले कई अन्य पर्वतों पर चढ़ने का कीर्तिमान स्थापित किया और इसके लिए महज 4 साल की कड़ी मेहनत के बाद वह इस मुकाम पर पहुंची.'' ज्योति बताती हैं कि ''उन्हें बचपन से ही पहाड़ों पर चढ़ने का शौक था. स्कूल में उन्होंने माउंट एवरेस्ट के बारे में अपनी एक टीचर से भी जाना था. तभी से उनके मन में इस को लेकर उत्सुकता थी. लेकिन हालातों के कारण उनके सपने पूरे नहीं हो पाए. स्कूल-कॉलेज के बाद फिर शादी हो गई, परिवार की जिम्मेदारी आ गई. बच्ची के कैरियर के चलते इनका सपना खो गया था. लेकिन उन्होंने परिवार की जिम्मेदारियां निभाने के बाद इस सपने को पूरा करने की ठानी.''

सबसे अधिक उम्र की महिला पर्वतारोही: ज्योति की उम्र अभी 54 साल है. वह बताती हैं कि ''जब वह 52 साल की थीं, तब उन्होंने माउंट एलब्रुस की चढ़ाई की थी. तब उनकी टीम में 4 लोग थे जिसमें वह अकेली महिला थीं. इस 5462 फिट ऊंची चोटी पर चढ़ना अपने आप में एक उपलब्धि है.'' इसके पहले ज्योति ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी कहीं जाने वाली किलिमंजारो पर भी पहुंचकर फतह हासिल की है. इन उपलब्धियों के बाद ही ज्योति को माउंट एवरेस्ट पर जाने की अनुमति मिली. बता दें कि माउंट एवरेस्ट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए 2023 में पूरे देश में 400 से अधिक लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ है. जिसमें से अभी तक इस चढ़ाई के दौरान 20 लोग काल के गाल में समा चुके हैं. यानी 20 लोगों की मौत अभी तक हो चुकी है.

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