ETV Bharat / state

एमपी में छात्र पढ़ेंगे हैप्पीनेस का पाठ, स्कूल के सिलेबस में शामिल तनाव मुक्त रहने का उपाय

author img

By

Published : May 7, 2023, 9:06 PM IST

मध्य प्रदेश के सीएम राइज और एक्सीलेंस स्कूल के नौवीं से बारहवीं तक के छात्र आनंद सभा के जरिए खुद को तनाव से मुक्त रख सकेंगे. इसके लिए राज्य सरकार ने पाठ्यक्रम में हैप्पीनेस कैसे मिले और खुद को कैसे तनाव मुक्त रखे इसके लिए सिलेबस में पाठ शामिल किए गए हैं , किताबो में इस बार ये पाठ्यक्रम जुड़ कर आयेगा.

MP students learn how to be happy
एमपी के स्कूली छात्र अब पढ़ेंगे हैप्पीनेस का पाठ

भोपाल। स्कूलों की किताबों में किताबों में डिजाइन से लेकर पाठ्यक्रम सब कुछ निर्धारित कर लिया गया है, मध्य प्रदेश स्कूली शिक्षा का दावा है कि वह देश में पहला राज होगा जिसमें हैप्पीनेस का पाठ पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. 9वीं से लेकर 12वीं तक ये कोर्स सभी छात्रों को कंपलसरी किया गया है. पाठ्यक्रम सभी के लिए अनिवार्य है, हालांकि इसके लिए विभाग परीक्षा में इसको शामिल नहीं करेगा. करीब 275 स्कूलों में हैप्पीनेस का पाठ पढ़ाया जाएगा, इसके लिए समय प्रबंधन, तनाव प्रबंधन, नैतिक मूल्य, जलवायु परिवर्तन, जैसे अन्य विषयों को इस पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. इससे फायदा ये होगा की अलग से छात्रों को सीखने की जरूरत नहीं होगी.

किसने डिजाइन किया है पाठ्यक्रम: शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस पाठ्यक्रम को तैयार किया जा चुका है. किताबें छप चुकी हैं, जुलाई में जब स्कूल शुरू होंगे तो छात्र हैप्पीनेस का पाठ कोर्स में पढ़ेंगे. इसे तैयार करने के लिए NCERT, सार्वभौमिक मानव मूल्य टीम, राज्य आनंद संस्थान, स्कूल ऑफ सोशल साइंस, मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने डिजाइन किया है. सप्ताह में एक बार हैप्पीनेस सेशन रखा जायेगा और जिसे हर छात्र को अटेंड करना है. हैप्पीनेस का पीरियड 45 मिनट का होगा, पुस्तक 150 पेजों की होगी, जिसका शीर्षक आनंद सभा रखा गया है.

जीवन में पॉजिटिविटी लाना जरूरी: स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि हैप्पीनेस पाठ्यक्रम के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दे जायेगी, इस पाठ्यक्रम से बच्चो की लाइफस्टाइल में बदलाव आएगा, इससे उनकी आंतरिक ऊर्जा में बढ़ोतरी होगी, और इससे उनको आधुनिक जीवन की पेचीदगियों को समझने में आसानी होगी, ध्यान और आध्यत्म से जुड़े प्रसंगों से जीवन में पॉजिटिविटी और जीवन को जीने के तौर-तरीकों को छात्र समझ सकेंगे, साथ ही नेगेटिव फीलिंग भी बच्चों को नहीं आएगी, कोर्स के जानकारों के मुताबिक इस कोर्स को शुरू करने का मकसद बच्चो में बढ़ती आत्महत्याओं को रोकना है.

MP students learn how to be happy
एमपी के स्कूली छात्र अब पढ़ेंगे हैप्पीनेस का पाठ

फेल होने से आत्महत्या: ADSI रिपोर्ट के मुताबिक 2020 की रिपोर्ट में बताया गया है कि महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश का नंबर रहा. जहां पर छात्रों की आत्महत्या 2019 के मुकाबले 15 प्रतिशत ज्यादा रहीं. 2020 में 235 छात्रों ने परिक्षाओं में फेल होने से आत्महत्या की थी, वहीं महाराष्ट्र में ये संख्या 287 थी. एमपी में 1158 छात्रों ने मौत को गले लगाया तो वहीं महाराष्ट्र में 1648 छात्रों ने आत्महत्या की.

Also Read

  1. World Laughter Day 2023: तनाव भगाने और सकारात्मकता के लिए लोग ले रहे लाफ्टर थेरेपी का सहारा, जानें क्या है खास
  2. मॉर्निंग वॉकर की इस महफिल में डेली मिलता है हंसी-मजाक और संगीत का डोज

क्या कहते है मनोचिकित्सक: मनोचिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी का कहना है कि कोविड 19 के दौरान 10 में से 3 छात्रों को साइकोलॉजिकल मदद लेनी पड़ी, लेकिन उसके बाद 10 में से 7 छात्रों को मनोचिकित्सकों की मदद लेनी पड़ी हैं. इन आंकड़ों के बाद सरकार को सलाह दी गई कि मेंटल क्लासेस के साथ हैप्पीनेस का पाठ कोर्स में शामिल किया जाए.

राज्य सरकार आनंद का ऑनलाइन पाठ्यक्रम चला रही है: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश वासियों को खुश रखने के संबंध में बनाए गए आनंद मंत्रालय अब हैप्पीनेस इंडेक्स तैयार करने की कवायद शुरू की है. राज्य आनंद संस्थान ने ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू कर दिया है. इसके चलते संस्थान ने हैदराबाद के इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से इस संबंध में एक करार भी किया है. छह हफ्तों के इस पाठ्यक्रम को अमेरिकी विश्वविद्यालय के प्रो. राज राघुनाथन ने मैनेजमेंट के छात्रों को खुशहाली के टिप्स देने और अंतरात्मा की आवाज सुनने की ट्रेनिंग देने के लिए तैयार किया था. हांलाकि, यह पाठ्यक्रम फिलहाल अंग्रेजी में है जिसे सरकार द्वारा करार के बाद हिन्दी में डब किया जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.