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'आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कर उन्हें ईसाई बनाना चाहते हैं सीएम कमलनाथ'

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Published : Feb 8, 2020, 10:55 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 11:03 PM IST

मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरएसएस के अभियान को लेकर संज्ञान लिया है. इस मामले में गोपाल भार्गव ने सीएम कमनलाथ पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगया कि मुख्यमंत्री छिंदवाड़ा सहित प्रदेश के आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करके उन्हें ईसाई बनाना चाहते हैं.

gopal bhargava targets kamal nath
सीएम कमलनाथ और गोपाल भार्गव

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री कमल नाथ के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर दिए गए बयान पर पलटवार किया है. गोपाल भार्गव ने कहा कि मुख्यमंत्री छिंदवाड़ा सहित प्रदेश के आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करके उन्हें ईसाई बनाना चाहते हैं, वो कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के इशारे पर काम कर रहे हैं.

सीएम कमलनाथ पर गोपाल भार्गव का पलटवार

इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरएसएस के अभियान को लेकर संज्ञान लिया है. पत्र में आरएसएस द्वारा अभियान चलाकर आदिवासियों को हिंदू घोषित करने की बात कही जा रही है. इसे लेकर कमलनाथ ने पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश में आरएसएस को इसकी अनुमति कतई नहीं दी जाएगी.

सीएम कमलनाथ पर गोपाल भार्गव का पलटवार

गोपाल भार्गव ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि यदि आरएसएस ने आदिवासियों को उनकी अनादिकाल की मान्यताओं के खिलाफ कोई काम किया तो वे वैधानिक कार्रवाई करेंगे. अब इससे बड़ा दुर्भाग्य प्रदेश के लिए और क्या होगा. नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि पहले भी सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) के साथ बहुत खिलवाड़ हो चुका है और कमलनाथ अब इस खिलवाड़ को बंद करें.

सनातन संस्कृति का अंग हैं आदिवासी
गोपाल भार्गव ने कहा कि आदिवासी आदिकाल से सनातन संस्कृति हिन्दू धर्म का अभिन्न अंग रहा है. यह प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं है. गरीब वनवासी शबरी के झूठे बेर भगवान राम ने खाए थे. त्रेता युग हो या द्वापर युग और सभी युगों में हमें देखने को मिलता है कि हमारे सनातन धर्म को सबसे अधिक पोषित और पल्लवित करने का काम वनवासी वर्ग ने किया है.

'इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात नहीं हो सकती'
गोपाल भार्गव ने कहा कि ऐसे आदिवासी वनवासी समाज के भाईयों को हिन्दू धर्म से भिन्न बताना और उसके बाद मुख्यमंत्री द्वारा यह भी कहना कि आदिवासियों के मूल धारा में लौटने पर कार्यवाही करेंगे. इससे बडी दुर्भाग्य की कोई बात नहीं हो सकती. पहले भी हिन्दू धर्म के साथ बहुत खिलवाड़ और अन्याय हुआ है. धर्मांतरण को लेकर चिंता कर इसे रोकने की आवश्यकता है, जबकि मुख्यमंत्री इसके विपरीत बोल रहे हैं.

'कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा'
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि आदिवासी भाईयों के मूलधारा में लौटने का मुख्यमंत्री कमलनाथ जिस तरीके से विरोध कर रहे है, वह निदंनीय है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ सनातन धर्म की परंपरा का अनुसरण करे और अध्ययन करे और उसके बाद ही कुछ बयान जारी करें. कमलनाथ सोनिया गांधी के इशारे पर कमलनाथ छिंदवाड़ा सहित आदिवासी अंचलों में धर्मांतरण को बढ़ावा देने का जो काम कर रहे है, उसे कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा.

Intro:
भोपाल। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मुख्यमंत्री कमल नाथ के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री छिंदवाड़ा सहित प्रदेश के आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करके उन्हें ईसाई बनाना चाहते हैं। वे कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के इशारे पर काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि यदि आरएसएस ने आदिवासियों को उनकी अनादिकाल की मान्यताओं के खिलाफ कोई काम किया तो वे वैधानिक कार्रवाई करेंगे। अब इससे बड़ा दुर्भाग्य प्रदेश के लिए और क्या होगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि पहले भी सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) के साथ बहुत खिलवाड़ हो चुका है और कमलनाथ अब इस खिलवाड़ को बंद करें।

Body:उन्होंने कहा कि आदिवासी आदिकाल से सनातन संस्कृति हिन्दू धर्म का अभिन्न अंग रहा है। यह प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं है। गरीब वनवासी शबरी के झूठे बेर भगवान राम ने खाए थे। त्रेता युग हो या द्वापर युग और सभी युगों में हमें देखने को मिलता है कि हमारे सनातन धर्म को सबसे अधिक पोषित और पल्लवित करने का काम वनवासी वर्ग ने किया है। ऐसे आदिवासी वनवासी समाज के भाईयों को हिन्दू धर्म से भिन्न बताना और उसके बाद मुख्यमंत्री द्वारा यह भी कहना कि आदिवासियों के मूल धारा में लौटने पर कार्यवाही करेंगे। इससे बडी दुर्भाग्य की कोई बात नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि पहले भी हिन्दू धर्म के साथ बहुत खिलवाड़ और अन्याय हुआ है। धर्मांतरण को लेकर चिंता कर इसे रोकने की आवश्यकता है। जबकि मुख्यमंत्री इसके विपरीत बोल रहे है।

Conclusion:नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि आदिवासी भाईयों के मूलधारा में लौटने का मुख्यमंत्री कमलनाथ जिस तरीके से विरोध कर रहे है, वह निदंनीय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ सनातन धर्म की परंपरा का अनुसरण करे और अध्ययन करे और उसके बाद ही कुछ बयान जारी करे। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के इशारे पर कमलनाथ जी छिंदवाड़ा सहित आदिवासी अंचलों में धर्मांतरण को बढ़ावा देने का जो काम कर रहे है उसे कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा। भोले भाले आदिवासियों को कमलनाथ जी भ्रमित करना बन्द करें।
Last Updated : Feb 8, 2020, 11:03 PM IST
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