ETV Bharat / state

MP के पड़ोस में Delta Plus Variant ने ली जान, वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुकी थी महिला

author img

By

Published : Aug 13, 2021, 1:46 PM IST

Updated : Aug 13, 2021, 1:58 PM IST

Delta Plus Variant
डेल्टा प्लस वेरिएंट ने ली जान

एमपी से सटे महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) से 63 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत (Delta Plus Variant Patient Dies) हो गई, महिला कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज (Double Dose Vaccination) लगवा चुकी थी, इस मौत के बाद मध्यप्रदेश चौकन्ना हो गया है क्योंकि महाराष्ट्र का ज्यादा हिस्सा एमपी से सटा है, ऐसे में सावधानी लाजिमी है, वैसे भी तीसरी लहर का खतरा अभी टला नहीं है, धीरे-धीरे मरीजों की बढ़ती संख्या उसी की आहट है.

मुंबई/भोपाल। मध्यप्रदेश से सटे महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज (Double Dose Vaccination) लगवा चुकी महिला की मौत हो गई, महिला (Covid-19) के डेल्टा प्सल वेरिएंट (Delta Plus Variant) से ग्रसित थी. इस मौत के बाद मध्यप्रदेश भी अलर्ट (MP Alert) हो गया है क्योंकि डेल्टा प्लस वैरियंट का खौफ बढ़ता जा रहा है. यह डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant Patient Dies) से पहली मौत है. हालांकि, मृत बुजुर्ग को फेफड़ें से संबंधित कई बीमारी पहले से थी. महाराष्ट्र में कुल 65 डेल्टा प्लस मरीज इस समय इलाजरत हैं, जिनमें जलगांव में 13, रत्नागिरी में 12, मुंबई में 11, ठाणे में 6, पुणे में 6, नांदेड़, गोंदिया, रायगढ़, पालघर में दो-दो, जबकि सिंधुदुर्ग, सांगली, नंदुरबार, औरंगाबाद, कोल्हापुर, बीड में एक-एक मरीज मिले हैं.

63 साल की इस महिला की मौत जुलाई के अंत में हुई थी. बुधवार को इसके जीनोम सीक्वेंसिंग के विश्लेषण से पता चला कि महिला में कोरोना का (Delta Plus Variant) मौजूद था. महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट के कारण यह दूसरी (Delta Plus Variant Patient Dies) मौत है, जबकि मुंबई शहर में पहली मौत. पूरे महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट के अब तक 65 मरीज मिले हैं, जिनमें से 11 अकेले मुंबई में हैं. बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि जिस महिला की मौत हुई है, उसमें कई तरह की पहले से बीमारियां थीं और उसका फेफड़ा बहुत कमजोर था. कोविड सहित डेल्टा प्लस वेरिएंट की पहचान महिला में 21 जुलाई को हुई थी और 27 जुलाई को उसकी मौत हो गई. उसे तीन दिन तक आईसीयू में रखा गया था.

क्या है डेल्टा प्लस वेरिएंट ?

जिस देश से कोरोना का कोई वेरिएंट सबसे पहले सामने आता है, उसी देश के नाम पर वेरिएंट का नाम रखा जाता है, जैसे कुछ को सिंगापुर वेरिएंट या यूके वेरिएंट कहा गया था. फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसका नाम डेल्टा, बीटा, गामा, कप्पा, अल्फा कर दिया. भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वेरिएंट यानि 6.1.617.2 ने जो कहर बरपाया है, उससे देश अभी भी जूझ रहा है. डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) कई दूसरे देशों में भी पाया गया है. यही डेल्टा वेरिएंट अब म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस में तब्दील हो गया है. यह सबसे पहले यूरोप में मिला था. कुल मिलाकर डेल्टा प्लस पुराने वेरिएंट डेल्टा का विकसित रूप है. डेल्टा वेरिएंट के ब्रिटेन में भी कई मामले सामने आ चुके हैं और डेल्टा प्लस वेरिएंट ने एक बार फिर दुनिया के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है.

कैसे बना डेल्टा प्लस वेरिएंट
डेल्टा वेरिएंट यानी बी.1.617.2 स्ट्रेन के म्यूटेशन से डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) बना है. इस म्यूटेशन को K417N कहा जा रहा है. कोरोना वायरस के पुराने वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में थोड़े बदलाव हुए हैं. इससे यह नया वेरिएंट सामने आया है. स्पाइक प्रोटीन की ही मदद से वायरस शरीर में प्रवेश कर संक्रमित करता है. यह वायरस का भी हिस्सा होता है. K417N म्यूटेशन के कारण वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम को भेदने में कामयाब हो पाता है. वायरस के नए वेरिएंट से बचने के लिए लगातार सावधानियां बरतनी होंगी, जो अभी तक बरतते आ रहे हैं. सेनेटाइजर, मास्क, हाथ धोने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहना होगा.

डेल्टा प्लस वेरिएंट ज्यादा खतरनाक ?
अभी तक जितने भी वेरिएंट आए हैं, डेल्टा उनमें सबसे तेजी से फैलता है. अल्फा वेरिएंट (Alfa Variant) भी काफी संक्रामक है, डेल्टा इससे 60 पर्सेंट अधिक संक्रामक है. डेल्टा के दो म्यूटेशन- 452R और 478K इम्युनिटी को चकमा दे सकते हैं. डेल्टा से मिलते-जुलते कप्पा वेरिएंट भी वैक्सीन को चकमा देने में कामयाब दिखते हैं, फिर भी ये बहुत ज्यादा नहीं फैला, जबकि डेल्टा वेरिएंट सुपर-स्प्रेडर निकला. देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर इसी वेरिएंट के चलते आई थी. हालांकि यह जरूरी नहीं है कि हर डरावना म्यूटेशन एक खतरनाक वायरस का रूप ले रहा है, जबकि कुछ एक्सपर्ट्स को आशंका है कि कहीं यह कोविड-19 महामारी की तीसरी वजह न बन जाए.

डेल्टा वेरिएंट के बदलते म्यूटेशन से बढ़ा तीसरी लहर का खतरा, वेरिएंट ऑफ कंसर्न के 565 मामले मिले

डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण?
डेल्टा वेरिएंट काफी संक्रामक है और फेफड़े की कोशिकाओं के रिसेप्टर से मजबूती से चिपकने में सक्षम है. इसकी वजह से फेफड़े को जल्द नुकसान पहुंचने की संभावना होती है. साथ ही यह मोनोक्लोनल एंडीबॉडी कॉकटेल को भी मात देने में सक्षम है. जिन लोगों को डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) ने अपनी चपेट में लिया है, उन्हें तेज खांसी (Bad Cold) और अलग ही तरह का फनी ऑफ फीलिंग जैसा अहसास हो रहा है. उनका कोल्ड सिम्टम्स पिछले वायरस से काफी अलग पाया जा रहा है. अध्ययन के अनुसार, सिरदर्द, गले में खराश और नाक बहना डेल्टा वेरिएंट से जुड़े सबसे आम लक्षण हैं.

आखिर डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट है क्या? ईटीवी भारत पर पाएं सारी जानकारी एक साथ

क्या है डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट ?

  • डेल्टा वेरिएंट पहली बार भारत में ही पाया गया था, वैज्ञानिकों का दावा है कि डेल्टा वेरिएंट ही विकसित होकर डेल्टा प्लस में बदल गया है.
  • डेल्टा प्लस (Delta Plus Variant) भारत में पहले पाए गए डेल्टा B.1.617.2 के वेरिएंट में हुए म्यूटेशन से बना है.
  • कोरोना वायरस का यह घातक वेरिएंट वायरस के म्यूटेशन से बना है. जो कोरोना वायरस से 4 गुना ज्यादा खतरनाक है.
  • भारत में कोरोना की दूसरी लहर की वजह डेल्टा वेरिएंट माना जा रहा था. अब कोराना की तीसरी लहर डेल्टा+ की वजह से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है.
  • अब SARS-CoV-2 वायरस का डेल्टा वेरिएंट (B.617.2) म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस या फिर B.1.617.2.1/AY.1 में बदल गया है.
  • डेल्टा वेरिएंट की स्पाइक में K417N म्यूटेशन जुड़ जाने से नया डेल्टा प्लस वेरिएंट बना है.
  • जीनोम सिक्वेसिंग के बाद जांच में यह पाया गया कि डेल्टा स्ट्रेन के मरीज भारत में मौजूद हैं.
Last Updated :Aug 13, 2021, 1:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.