ETV Bharat / state

डेल्टा वेरिएंट के बदलते म्यूटेशन से बढ़ा तीसरी लहर का खतरा, वेरिएंट ऑफ कंसर्न के 565 मामले मिले

author img

By

Published : Jul 2, 2021, 8:29 PM IST

Updated : Jul 2, 2021, 10:32 PM IST

मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग और सरकार को कोरोना की तीसरी लहर आने का डर सता रहा है. इस डर का कारण जीनोम सीक्वेंसिंग में प्रदेश के सैंपलों में वेरिएंट ऑफ कंसर्न के मामले मिलना है. प्रदेश के 565 सैंपलों में वेरिएंट ऑफ कंसर्न पाया गया है, इसमें से 155 मामलों की पुष्टि पिछले 3 दिनों हुई है.

डेल्टा वेरिएंट के बदलते म्यूटेशन से बढ़ा तीसरी लहर का खतरा
डेल्टा वेरिएंट के बदलते म्यूटेशन से बढ़ा तीसरी लहर का खतरा

भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले दिनों में सामने आए डेल्टा वेरिएंट के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है. डेल्टा वेरिएंट के नए म्यूटेशन स्वास्थ्य विभाग और सरकार की चिंता का सबब बन गए हैं. एमपी के 565 सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद वेरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में पाया गया है. इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि इसमें से 155 मामलों की पुष्टि पिछले 3 दिनों हुई है.

डेल्टा वेरिएंट के बदलते म्यूटेशन से बढ़ा तीसरी लहर का खतरा

वेरिएंट ऑफ कंसर्न के 565 मामले

मध्य प्रदेश में अब वेरिएंट ऑफ कंसर्न के 565 मामले आ चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की माने तो म्यूटेशन के कारण जीनोम सीक्वेंस का दायरा 25 जिलों से बढ़ाकर 52 जिलों में कर दिया गया है. जिस तरह से म्यूटेशन हो रहा है उसको देखते हुए विभाग तीसरी लहर की संभावना से इनकार नहीं कर रहा है.

कहां कितने केस मिले ?
कहां कितने केस मिले ?

सरकार कर रही है तीसरी लहर की तैयारी

बताया जा रहा है कि अभी तक 1565 सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग जांच की रिपोर्ट मिली है, इनमें 1115 सैंपल्स में म्यूटेशन मिला है, 20 सैम्पल्स में डबल म्यूटेशन पाया गया है, जबकि 565 सैंपल में वेरिएंट ऑफ कंसर्न के केस मिले हैं. इधर तीसरी लहर को देखते हुए सरकार भी तैयारियों में जुटी है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है वायरस म्यूटेट तो होता ही है, वायरस के म्यूटेशन के बाद कौन सा वेरिएंट है, इसकी जांच के लिए जो प्रोटोकॉल है, उसका पूरी तरह से हम पालन कर रहे हैं.

कहां कितने केस मिले ?
कहां कितने केस मिले ?

सबसे ज्यादा भोपाल में मिले केस

मध्य प्रदेश में अब तक 565 सैंपलों में वेरिएंट ऑफ कंसर्न मिला है. इसमें सबसे ज्यादा 198 केस के साथ भोपाल टॉप पर है. इसके अलावा इंदौर में 109, ग्वालियर में 55, उज्जैन में 30, रतलाम में 30, विदिशा में 21, रायसेन में 16, दतिया में 14, होशंगाबाद, सीहोर और आगर में 4-4, शाजापुर, रीवा और जबलपुर में एक-एक केस मिला हैं.

म्यूटेंट कैसे बनता है वेरिएंट ऑफ कंसर्न ?
म्यूटेंट कैसे बनता है वेरिएंट ऑफ कंसर्न ?
म्यूटेंट कैसे बनता है वेरिएंट ऑफ कंसर्न ?

किसी भी म्यूटेंट को वेरिएंट ऑफ कंसर्न में रखने के कई कारण हो सकते हैं. जब म्यूटेंट ज्यादा घातक और संक्रामक हो जाता है, इसके बाद एंटीबॉडी की क्षमता को घटाने लगता है तो उसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा जाता है. इसके अलावा म्यूटेंट वैक्सीन का असर कम कर दे, जांच में आसानी से पकड़ में न आए तो भी उसे वेरिएंट ऑफ कंसर्न में रखा जाता है.

इंदौर में भी तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी

इधर इंदौर में भी कोरोना की तीसरी लहर को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है. इंदौर के सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि ऐसी तैयारी की जा रही है कि जिले में हर दिन 10 हजार सैंपलों के टेस्ट हो सके. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं. सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि तीसरी लहर से लड़ने के लिए वैक्सीनेशन की रफ्तार में भी तेजी लाई जा रही है.

Last Updated : Jul 2, 2021, 10:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.